मानगढ़ धाम में आदिवासी या वनवासी राहुल के बयान पर बीजेपी ने की निंदा

मानगढ़ धाम में आदिवासी या वनवासी राहुल के बयान पर बीजेपी ने की निंदा

4.5 साल बीत जाने के बाद राहुल गांधी को आदिवासियों की याद क्यों आई!

सलूंबर की दुष्कर्म पीडिता की याद क्यों नहीं आई

मेवाड की जनता को अभी भी पैरो की धूल समझते हैं कांग्रेस के नेता, जबकि यह वीरों के बलिदान की भूमि

जयपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी और एसटी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नारायण मीणा ने बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी द्वारा वनवासी और आदिवासी के नाम पर जनजाती वर्ग के लोगों की आस्था पर चोट करने की निंदा की। नारायण मीणा ने मानगढ में राहुल गांधी के सामने मंच से कांग्रेस नेता द्वारा आदिवासियों को राहुल गांधी के चरणों मे पडे होने का बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने हमलावर होते हुए बताया कि राहुल गांधी साढे चार साल बाद राजस्थान आकर यहां किस मुंह से आदिवासियों के हितों की बात कर रहे हैं। वर्ष 2018 में किसानों से संपूर्ण कर्जमाफी का वादा करके गायब हो गए। राहुल गांधी केवल वोट मांगने के लिए राजस्थान आते हैं और झूंठे वादे कर दिल्ली चले जाते हैं।

युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर ठगा, रोजगार के नाम पर सरकार की सरपरस्ती में पेपर लीक माफियाओं का राज चला। गहलोत रीट परीक्षा को लेकर कहते थे कि राजस्थान रीटोत्सव मनाएगा। लेकिन उसी रीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और भ्रष्टाचार में गिनीज बुक में नाम दर्ज हुआ। दुष्कर्म के मामलों में प्रदेश नंबर वन पर है।

राहुल गांधी को मुख्यमंत्री गहलोत के कान में पूंछना चाहिए था कि मैने जो साढे चार साल पहले जो वादे किए थे वो पूरे हुए या नहीं। राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि राजस्थान में स्केल एक से पांच का टीएसपी क्षेत्रों का आरक्षण तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोसिंह शेखावत ने किया था। उसके बाद भाजपा की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्केल 6 से 9 तक का आरक्षण दिया था जिसके बाद मेडिकल में आदिवासी बच्चों को 45 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला और टीएसपी क्षेत्रों से प्रतिवर्ष 400 बच्चे डॉक्टर बनकर इस क्षेत्र से निकलते हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी ने जनजातीय मंत्रालय को स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत पहले मुख्यमंत्री थे जिन्होने पंचायत राज में आरक्षण देने का काम किया था। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने बजट में प्रदेश में एकलव्य स्कूलों में अलग कैडर बनाकर 28 करोड से ज्यादा का बजट दिया और शिक्षकों को नियुक्त किया।

प्रदेश मंे कांग्रेस सरकार के समय 2009 से 2013 तक की छात्रवृति पैंडिग थी जिसको हमने 2018 तक निरंतर जारी रखा। आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला के रूप में द्रौपदी मुर्मु को भारत का राष्ट्रपति भाजपा ने ही बनाया है। तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया और केंद्र की मोदी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। बिना तथ्यों के बोलने के बजाय अच्छा होता कि राहुल गांधी उदयपुर के सलूंबर की दुष्कर्म पीडिता के परिवार से मिलकर आते उस परिवार को संबल देते।

एसटी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नारायण मीणा ने बताया कि राहुल गांधी ने वनवासी और आदिवासी के नामों वाला बयान देकर समाज को बांटने का काम किया है। जबकि सच्चाई यह है कि 1930 में अंग्रेजों ने आदिवासी नाम दिया था वरना उससे पहले आदिवासियों को वनवासी नाम से ही जाना जाता था। संघ ने सनातन संस्कृति से आदिवासियों को जोडने के लिए वनवासी की उपमा दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते नौ वर्षों में सबसे ज्यादा बजट जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए दिया है। जिसमें इस बजट सत्र के लिए 1200 करोड का बजट दिया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने (ईएमआरएस) योजना को लागू किया था। वहीं उन्होने 21,919 करोड का बजट देकर आदिवासियों का उत्थान करने का काम किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार से ज्यादा का स्टॉफ लगाने का काम किया।

कांग्रेस ने मानगढ और आदिवासियों को कभी महत्व नहीं दिया। राहुल गांधी को समझना चाहिए की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने प्रत्येक बजट में आदिवासी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को डवलप करने की दिशा में काम किया है। इस दौरान भाजपा के प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल और प्रदेश मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ मौजूद रहे।

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