
मुख्यमंत्री ने दी विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं
आदिवासी समाज के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध गहलोत
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। गहलोत ने बताया कि आदिवासी समाज की परंपराएं और रीति-रिवाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग हैं। हमारे आदिवासी भाईयों और बहनों ने समय-समय पर मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान दिए हैं। आजादी के आंदोलन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह दिन हमें आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत, विविध संस्कृतियों और उनके अमूल्य योगदान को सहेजने का अवसर प्रदान करता है।
विश्व आदिवासी दिवस या विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य विश्व की जनजातीय आबादी के अधिकारों की रक्षा करना है। इस दिन को पहली बार दिसंबर 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा घोषित किया गया था, जिसे 1995-2004 तक विश्व के स्वदेशी लोगों के पहले अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान हर साल महिमामंडित किया जाना था। वर्ष 2004 में, परिषद ने “कार्रवाई और गरिमा के लिए एक दशक” के उद्देश्य से 2005-2015 तक दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दशक की घोषणा की। विश्व के 90 से अधिक देशों में आदिवासी समुदाय हैं, आदिवासी समुदाय की आबादी लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग-अलग आदिवासी समुदाय हैं और उनकी लगभग 7 हजार भाषाएँ हैं। इसके बावजूद आदिवासियों को अपने अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आज पूरे विश्व में नस्लवाद, रंगभेद, उदारीकरण जैसे कई कारणों से आदिवासी समुदाय के लोग अपने अस्तित्व और सम्मान को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गहलोत ने बताया कि आदिवासी समाज की परंपराएं और रीति-रिवाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग हैं। हमारे आदिवासी भाईयों और बहनों ने समय-समय पर मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान दिए हैं। आजादी के आंदोलन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह दिन हमें आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत, विविध संस्कृतियों और उनके अमूल्य योगदान को सहेजने का अवसर प्रदान करता है।
राज्य सरकार आदिवासी समाज के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आज यह समाज हर क्षेत्र में अपनी क्षमता और योग्यता का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य समाज को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका के अवसर और बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है, जिससे वे मुख्यधारा में शामिल रहें।