
सरकार का मरीजों की दवा पर लिमिट लगाना हास्यास्पद- आप
दिल्ली और पंजाब में बिना लिमिट के अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं – डॉ मीनाक्षी जैदी
लिमिट लगाकर कौन सी सुविधाएं देना चाह रही है गहलोत सरकार ?- आप
ऐसे फैसले मरीजों के स्वास्थ्य और जान के साथ खिलवाड़ हैं- विभोर गुप्ता
अपने फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार वरना कड़े फैसले लेने को मजबूर होगी आप- अर्चित गुप्ता
जयपुर। आम आदमी पार्टी की प्रदेश सचिव डॉ मीनाक्षी जैदी, डॉक्टर विंग के जिलाध्यक्ष विभोर गुप्ता, और जयपुर लोकसभा प्रभारी अर्चित गुप्ता ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीनाक्षी ज़ैदी ने बताया कि आरजीएचएस के जरिए सरकारी कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी में से कुछ रुपए कटवाता है और उसके बदले में उसको सरकारी और प्राइवेट दोनों ही अस्पतालों में फ्री इलाज की सुविधा मिलती है। 26 जुलाई को जो कैपिंग का लेटेस्ट नोटिफिकेशन निकला है उसमें सरकार ने जो लिमिट्स लगाई हैं वो बहुत हास्यास्पद हैं। सरकार ने दवा की लिमिट 1000 रुपए प्रतिदिन तय कर दी है फिर चाहें मरीज जनरल वॉर्ड, सेमी प्राइवेट वॉर्ड, आईसीयू या फिर आईसीयू में वेंटिलेटर पर भर्ती हो। कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारी होने पर ही अस्पताल में भर्ती होता है उसके बावजूद दवा पर लिमिट लगाने से उसका इलाज संभव नहीं है इसलिए ये मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। आज किसी भी छोटे से छोटे हॉस्पिटल में चले जाएं आईसीयू में प्रतिदिन का खर्चा 10 से 12 हजार से कम का नहीं बैठता है। इतना ही नहीं सरकार ने ऑक्सीजन में भी 58 रुपए प्रति घंटे की लिमिट लगाई गई है। आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्ली और पंजाब में किसी भी तरह की कोई लिमिट नहीं है लेकिन राजस्थान सरकार आरजीएचएस के नाम पर हर महीने कुछ न कुछ कटौती भी करती है उसके बावजूद भी मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना गलत है।
डॉक्टर विंग के जिलाध्यक्ष विभोर गुप्ता ने बताया कि सरकार का ये फैसला जनता को गुमराह करने वाला और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। आईसीयू में सरकार 12 घंटे में 696 रुपए का पैकेज बना के दे रही है इसमें सरकार ने कैपिंग लगा दी । जब मरीज आईसीयू में भर्ती होंगे और अगर पैसे नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने वेंटिलेटर को बंद कर दिया तो उससे मरीज को नुकसान है। इसलिए राजस्थान सरकार से मांग है कि वो अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें।
जयपुर लोकसभा प्रभारी अर्चित गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणाएं कर रहे हैं जिनका जमीनी स्तर पर कोई अस्तित्व नहीं है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वो जनता के स्वास्थ्य के खिलवाड़ न करें और अगर सरकार ने अपने इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो आम आदमी पार्टी सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।