
कामकाजी महिलाओं को गहलोत की सौगात
किसानों, अल्पसंख्यकों और कामकाजी महिलाओं होगा फायदा
फल और मसाला बागानों के लिए मिलेगा अनुदान, महिलाओं के लिए कई जिलों में बनेंगे हॉस्टल
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों, अल्पसंख्यकों और कामकाजी महिलाओं के लिए कई योजनाओं की सौगात दी है। इनमें से एक योजना है फल और मसाला बगीचे की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान करना। इसके लिए गहलोत सरकार ने 23.79 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रस्ताव स्वीकृति प्रदान की है। योजना के तहत 2023-24 में 7609 हैक्टेयर क्षेत्र में फल बगीचे के लिए 22.40 करोड़ रुपये और 2527 हैक्टेयर क्षेत्र में मसाला बगीचे के लिए 1.39 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
दूसरी योजना के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों और कामकाजी महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की सरकार ने नई योजनाओं की घोषणा की है। इसके अंतर्गत, 9 जिलों में 10 छात्रावास बनाए जाएंगे। ये जिले हैं: जयपुर, दूदू, नागौर, बारां, भरतपुर, बीकानेर, अजमेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और चूरू। इन छात्रावासों में कुल 50-50 बेड होंगे और इसकी कुल लागत 28 करोड़ रुपए होगी। ये छात्रावास कक्षा 9 से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को प्रवेश देने के लिए होंगे।
इसके अलावा, जयपुर में मानसरोवर क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय की कामकाजी महिलाओं के लिए 100 बेड का वर्किंग वुमेन हॉस्टल बनेगा। यह हॉस्टल विभिन्न जिलों से जयपुर में कार्य करने आने वाली अल्पसंख्यक महिलाओं को प्राथमिकता देने के लिए होगा। इसकी कुल लागत 10 करोड़ रुपए होगी।
साथ ही जयपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और जोधपुर में अल्पसंख्यक नागरिक सुविधा केंद्र बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने इन योजनाओं के लिए अल्पसंख्यक विकास कोष की राशि को बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये किया है और वर्ष 2022-23 में प्रगतिशील कार्यों के लिए कोष का उपयोग किया जाएगा।
इसके अलावा, जयपुर में महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यमिक आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा, जिसमें 200 विद्यार्थियों की क्षमता होगी। इसके लिए 15.15 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इन योजनाओं के माध्यम से मुख्यमंत्री गहलोत ने किसानों, अल्पसंख्यकों और कामकाजी महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनकी स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया है। यह योजनाएं उनके विकास और समृद्धि के मार्ग में महत्वपूर्ण कदम हैं।