उदयपुर की RAS अफसर तरू सुराणा की डेंगू से मौत

उदयपुर की RAS अफसर तरू सुराणा की डेंगू से मौत

चेन्नई में उपचार के दौरान RAS अफसर ने तोड़ा दम

उदयपुर से एयरलिफ्ट कर ले गए थे तरू को चेन्नई

चेन्नई में 17 दिन इलाज के बाद अस्पताल में शनिवार सुबह हुआ निधन

 

उदयपुर, (dusrikhabar.com)। राजस्थान में डेंगू ने पैर पसारने शुरु कर दिए हैं। उदयपुर की RAS अफसर तरू सुराणा का शनिवार को उपचार के दौरान चेन्नई में निधन हो गया। प्रदेश में डेंगू की चपेट में मरने वालों की संख्या अब 5 हो चुकी है। RAS अफसर तरू सुराणा पांचवीं पेशेंट हैं जिनकी डेंगू से मौत हुई है।  

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बुखार नहीं हो रहा था कम, लेकिन प्लेट्लेट्स में नहीं आई थी गिरावट

तरू के छोटे भाई के अनुसार उन्हे 6 सितम्बर को तेज बुखार आना शुरु हुआ था तब उनकी उदयपुर के निजी अस्पताल में जांच करवाई गई। जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर चार दिन उनका घर पर ही इलाज चला सुधार नहीं होने पर उन्हें 13 सितम्बर को निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। तरू की प्लेटलेट्स कम नहीं हुई थीं लेकिन बुखार में कोई कमी नहीं आ रही थी। उनकी तबीयत जब ज्यादा खराब हुई तो 18 सितम्बर को (सेंकेंड ऑपिनियन जिनसे चल रही थी) चेन्नई के अस्पताल में उन्हें एयरलिफ्ट कर ले जाया गया। जहां 17 दिन बाद शनिवार सुबह उनका उपचार के दौरान निधन हो गया।  

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उदयपुर में स्टेबल होने पर परिजनों की सलाह पर चेन्नई किया गया शिफ्ट

उदयपुर के निजी अस्पताल के कार्डियक सर्जरी के हैड के अनुसार तरू को जब अस्पताल में लाया गया था, उनके हार्ट में भी कुछ प्रॉब्लम हो गई थी। अमेरिका में उनके परिवार के एक डॉक्टर ने यहां आईसीयू में तरू से मुलाकात की थी वो भी यहां आईसीयू में रहे। चेन्नई की टीम भी यहां पहुंची थी और जब उनकी स्थिति स्टेबल हुई उसके बाद उन्हें चेन्नई शिफ्ट किया गया था।

तरू के छोटे भाई शुभव ने बताया कि उनका शव फ्लाइट से शनिवार को शाम 7 बजे चेन्नई से अहमदाबाद और वहां से एंबुलेंस से उदयपुर लाया जा रहा है। रविवार को उनका अंतिम संस्कार उदयपुर में ही किया जाएगा। 

कौन हैं तरू सुराणा?

2012 बैच की RAS अफसर तरू सुराणा उदयपुर के पंचवटी इलाके में रहती थीं। उन्होंने उदयपुर संभाग में कई प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।  राजसमंद में सहायक कलेक्टर, आमेट में एसडीएम, बांसवाड़ा के गढ़ी में एसडीएम, राजसमंद के रेलमगरा में एसडीएम, उदयपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर, यूआईटी उदयपुर में एलएओ के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं तरू सुराणा।
फिलहाल वे पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में महानिरीक्षक के पद पर कार्यरत थीं। उनकी छोटी बहन गुजरात में जस्टिस के पद पर कार्यरत हैं और शुभव उनका छोटा भाई है। शुभव ने बताया कि एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर्स की एक टीम ने उनसे मिलने गीतांजलि आई थी, फिर परिजनों से सलाह मशविरे के बाद उनके परिवार के ही एक डॉक्टर की सलाह पर उन्हें चैन्नई ले जाया गया था। 

परिजनों को आरोप

परिवार के कुछ लोगों का कहना है कि उपचार में लापरवाही के चलते तरू की मौत हुई है। अगर उनका इलाज शुरुआत से ही ठीक तरह से होता तो उनकी मौत नहीं होती। निजी अस्पताल सिर्फ अपना पैसा बनाने में लगे होते हैं। 
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