
लोकसभा चुनावों के पहले चरण में कहां, कितना मतदान, फाइनल आंकड़े…!
18वीं लोकसभा के लिए 21 राज्यों की 108 लोकसभा सीटों पर मतदान
सीएम भजनलाल ने ऐसा क्यों बोला वसुंधरा राजे के लिए
राजस्थान में पहले चरण में 2019 के मुकाबले 5.84% कम हुई वोटिंग, मतदाता बढ़े लेकिन मतदान घटा
कम वोटिंग के राजस्थान के लिए क्या हैं मायने
कहां-कहां हुई हिसंक घटनाएं, कहां अधिकारियों से हुई बदसुलूकी ?
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। 18वीं लोकसभा (Loksabha election 2024) के लिए शुक्रवार को पहले चरण का देशभर में सम्पन्न हुआ। पहले चरण के लिए हुए मतदान (Election) में 21 राज्यों की 108 लोकसभा सीटों पर मतदान (Voting) हुआ। पहले चरण की वोटिंग में पूरे देश की बात करें तो लक्ष्यद्वीप (Lakshadweep) में 83% वोटिंग वहीं बिहार (Bihar) में सबसे कम केवल 49% वोट ही डाले गए।
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इधर राजस्थान में वोटिंग प्रतिशत पिछली बार लोकसभा चुनावों के मुकाबले करीब 5.84 फीसदी कम रहा। राजस्थान (Rajasthan) में EVM से 57.26 तो पोस्टल बैलेट (Postal ballet) से 0.61 फीसदी मतदान हुआ। राजस्थान में पहले चरण के लिए गंगानगर (Ganganagar) में सर्वाधिक करीब 65फीसदी तो करौली-धौलपुर (Karauli-Dholpur) में सबसे कम 49फीसदी मतदान ही हुआ। हालांकि फाइनल आंकड़ा शनिवार दोपहर तक चुनाव आयोग (Election Commission ) की तरफ से घोषित किया जाएगा।
प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर वोटिंग प्रतिशत
2024 के मुकाबले 2019 में इन 12 सीटों पर गंगानगर में 2024 में 65.64 तो 2019 में 74.39% मतदान हुआ था। बीकानेर में 53.96 के मुकाबले 59.24%, चूरू में 62.98 के मुकाबले 65.65%, झुंझुनूं में 51.62 के मुकाबले 61.78%, सीकर में 57.28 के मुकाबले 64.76%, जयपुर ग्रामीण में 56.58 के मुकाबले 65%, जयपुर शहर में 62.87 के मुकाबले 68.11%, अलवर में 59.79 के मुकाबले 66.82%, भरतपुर में 52.69 के मुकाबले 58.81%, नागौर में 56.89 के मुकाबले 62.15%, दौसा में 55.21 के मुकाबले 61.20% और सबसे कम करौली-धौलपुर में 49.29 के मुकाबले 55.06,मतदान हुआ था। यानि इस बार सर्वाधिक गंगानगर और सबसे कम करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर मतदान हुआ।
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राजस्थान में मतदान कम होने के क्या हैं कारण, क्या होंगे परिणाम
प्रदेश में पिछले तीन लोकसभा चुनावों के परिणामों को देखें तो हर पांच साल में राजस्थान में मतदाताओं को वोटिंग की तरफ रुझान बढ़ा है जिसके चलते यहां हर बार वोटिंग प्रतिशत बढ़कर नजर आया है। आंकड़ों के अनुसार 2009 में 48.12फीसदी वोट बढ़े थे तो 2014 में 13% अधिक मतदान हुआ वहीं 2019 में यह आंकड़ा लगभग 2फीसदी और बढ़ गया था।
इस बार की बात करें तो इस बार राजस्थान में वोटिंग प्रतिशत करीब 5.84% कम हुआ। ऐसा माना जाता है कि जब भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो सरकार में मौजूद पार्टी को नुकसान और विपक्ष का फायदा होता है वहीं अगर वोटिंग प्रतिशत घटता है तो विपक्षी पार्टी को नुकसान और मौजूदा राजनीतिक पार्टी को फायदा होता है।
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यहां हुईं छिटपुट हिंसक घटनाएं
प्रदेश की नागौर लोकसभा सीट के कुचेरा में मतदान के दौरान BJP-RLP कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। आरएलपी और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प के समय पुलिस मौके पर पहुंची तो रिछपाल मिर्धा ने उन्हें पीछे हटा दिया। इस दौरान कांग्रेस से निष्कासित नेता तेजपाल मिर्धा के सिर में चोट लगी। इधर गुढ़ागौड़जी के टोडी गांव में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां शक होने पर सुरक्षाकर्मी ने कुछ युवकों की आईडी रख ली थी तो ऐसे में भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी पोलिंग बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से उलझ पड़े।
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वसुंधरा राजे कुछेक सीटों तक की सीमित क्यों?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक दैनिक समाचार पत्र से बात करते हुए कहा कि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे हमारी पार्टी की एक अनुशासित सिपाही हैं। पार्टी में जिसे जो आदेश मिलते हैं वो उसकी पूरी शिद्दत से पालना करता है। वसुंधरा राजे भी ऐसा ही कर रही है उन्हें जहां जहां जाने के लिए कहा जा रहा है वे पार्टी हित में प्रचार के लिए पहुंच रही हैं।
चुनाव आयोग ने सम्पन्न करवाए निर्बाध चुनाव
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता (Praveen Gupta) के अनुसार मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधु के नेतृत्व में बेहतर कार्य योजना, तकनीकी नवाचारों और गहन मॉनिटरिंग के फलस्वरूप मतदान निर्बाध और सुचारू ढंग से सम्पन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुगम और समावेशी चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों सहित विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ व्यापक और नियमित रूप से स्थिति एवं चुनाव सम्बंधी तैयारियों की समीक्षा की थी।
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होम वोटिंग में 98%अधिक मतदान तो रिकॉर्ड 875 करोड़ की जब्ती
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि 85 वर्ष एवं अधिक आयु के वृद्धजन और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए आयोग की ओर से होम वोटिंग (Home voting) की सुविधा प्रदान की गई थी। करीब 98.30 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ लिया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि चुनाव में धन-बल का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रदेशभर में 1 मार्च से अब तक 875.73 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब, ड्रग्स सहित अन्य अवैध सामग्री जब्ती की गई है।