
बागियों की भाजपा में एंट्री नहीं, कैलाश मेघवाल भी खाली हाथ लौटे
विधानसभा चुनावों में भाजपा से बगावत करने वाले नेताओं को लौटना पड़ा खाली हाथ
भाजपा प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठों की मौजूदगी में बगावती नेताओं की दुर्गति
प्रदेश कार्यालय से बाहर निकल बागियों ने निकाली भाजपा नेताओं पर भड़ास
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। प्रदेश भाजपा कार्यालय (BJP) में मंगलवार को अजब-गजब नजारा तब बना जब भाजपा से बागी हुए 20 अधिक नेता घर वापसी के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय (BJP state headquarters) पहुंचे। इन नेताओं को भाजपा के दफ्तर में बैठा देख इनके समर्थकों के मन की खुशी तब काफूर हो गई जब ये सभी नेता खाली हाथ बिना भाजपा की सदस्यता लिए कार्यालय से बाहर निकले। इनमें से कुछ नेताओं ने तो भाजपा की सदस्यता पुन: नहीं मिलने से आहत होकर भाजपा नेताओं को खरी-खोटी तक सुना दी।
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पहले नहीं देखा भाजपा में ऐसा नजारा
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में ऐसा नजारा शायद ही पहले कभी देखने को मिला हो जब करीब 24 बागी नेता (rebel leader) प्रदेश मुख्यालय में दो से तीन घंटे के लंबे इंतजार के बाद भी पुन: भाजपा में शामिल होने की अपनी इच्छा को पूरा करने में कामयाब नहीं हो पाए। भाजपा में घर वापसी के लिए सभी नेता जब कार्यालय पहुंचे तो बड़े खुश नजर आ रहे थे। लेकिन इनकी मंगलवार को घर वापसी नहीं हो पाई। हालांकि ये सभी नेता विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट नहीं मिलने के कारण भाजपा से बगावत कर अलग हुए थे। ऐसे में आज घर वापसी की चाह में ये सभी नेता पुन: भाजपा कार्यालय पहुंचे तो सही लेकिन इनकी कामना पूरी नहीं हो सकी।
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कौन कौन पहुंचा था घर वापसी के लिए ?
आज भाजपा कार्यालय पहुंचे भाजपा के बागी नेताओं में मुख्य रूप से कैलाश मेघवाल (Kailash Meghwal), मधुसूदन भिंडा (Madhusudan Bhinda), पूर्व विधायक नंद किशोर महरिया (Nand Kishore Mahariya)और भाजपा विधानसभा के झुंझुनूं से प्रत्याशी रहे राजेंद्र भामूं (Rajendra Bhamun) सहित भाजपा के 20 से अधिक बागी नेता शामिल हैं।
किस बागी नेता ने क्या कहा घर वापसी पर ?
नंदकिशोर महरिया भाजपा के पुराने नेता रहे हैं मंगलवार को भाजपा में वापसी के लिए कार्यालय पहुंचे लेकिन उनकी ज्वॉनिंग नहीं हो सकी। हालांकि उन्होंने कहा कि वे भाजपा की पृष्ठभूमि के नेता हैं, हमेशा भाजपा से जुड़े रहे हैं। कुछ समय के लिए मैं रास्ता भटक गया था। ऐसे ही राजेंद्र भामूं ने भी कहा मैं कुछ समय के लिए पार्टी से अलग हो गया था, मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं। 2023 में किसी कारणवश पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ना पड़ा था। मुझे उस गलती का अहसास है।
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क्या बोले अरुण चतुर्वेदी, क्यों दिया स्पष्टीकरण?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी (Arun Chaturvedi) ने इस मामले पर कहा कि पार्टी में ज्वॉनिंग की एक पूरी प्रोसेस होती है। पहले ज्वॉइनिंग के लिए नाम पार्टी के पास आते हैं फिर उच्च स्तर पर विचार-विमर्श के बाद पार्टी उनके बारे में निर्णय लेती है उसके बाद ज्वॉइनिंग होती है।
लेकिन इन लोगों ने कार्यालय में आने से पूर्व कोई सूचना नहीं दी। ऐसे में पार्टी के तय कार्यक्रमों में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
क्या बोले भाजपा के बागी नेता?
ज्वॉनिंग कमेटी के अधिकारी से बात होने के बाद भी हम लोग यहां आए थे, हमें क्या पता था कि हमारे साथ ऐसा व्यवहार होगा। वहीं राजेंद्र भामूं ने कहा कि जिले की ज्वॉइनिंग कमेटी के प्रभारी ओमेंद्र जी के कहने पर यहां पहुंचे थे लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी (CP Joshi) के यहां नहीं होने के कारण ज्वॉनिंग नहीं हो सकी।