
होली के हर रंग का आपके जीवन में महत्व…!
कौनसा रंग है जो आपकी प्रकृति को दर्शाता है ?
सात रंगों के इस्तेमाल से अपने जीवन को भी बनाएं सतरंगी
हर रंग बताता है कैसा है आपका नेचर, कैसा होगा आपका भविष्य ?
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर, 25 मार्च। होली (Holi) का हर रंग यूं तो संस्कार, सभ्यता, परंपरा और आदर लिए होता है और होली के हर रंग की अपनी ही महक और मस्ती होती है। लेकिन क्या आपको पता है होली का हर रंग अपनी महत्वता रखता है। होली के रंगों का इस्तेमाल मौज मस्ती ही नहीं बल्कि मन की शांति, शारीरिक स्वास्थ्य धार्मिक, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी हमारे जीवन में विशेष महत्व रखता है। जैसे तीन रंग लाल-पीला और नीला रंग मिलकर दुनिया को हर रंग में रंग सकते हैं ऐसे ही हमारे जीवन को ये तीन रंग सतरंगा बना देते हैं।
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क्या है रंगों का मनोविज्ञान
दरअसल हमारी प्रकृति हमें रंगों से भरी जिंदगी प्रदान करती है। हमारे चारों और प्रकृति के सुनहरे रंगों की छठा बिरखी हुई है। हमारे चारों ओर बिखरे रंग हमारी भावनाओं और परंपराओं को दर्शाते हैं। प्रकृति के इन रंगों का हमारी भावना से गहरा संबंध माना जाता है और यही कारण है कि हर किसी की पसंद का अलग रंग होता है। किसी को सुबह का सुनहरा रंग पसंद है, तो किसी को सांझ की लालिमा। किसी को आसमान का नीला रंगा प्रभावित करता है तो किसी का धरती की हरियाली देख मन झूम उठता है।
आखिर क्या है इन रंगों के पीछे हमारे जीवन से जुड़ी परिकल्पना:-
श्वेत, धवल या सफेद रंग
सबसे पहले हम बात करते हैं सफेद रंग की। विज्ञान के अनुसार सफेद (White) ऐसा रंग है जो सभी सात रंगों से मिलकर बनता है। देखने में शांत-शीतल,सरस और सुंदर दिखने वाले सफेद रंग की हमारे जीवन में विशेष महत्ता है। सफेद रंग में शांति, कोमलता, शीतलता, शीघ्र प्रभावित होना और प्रेम का भाव छिपा रहता है। मनोविज्ञान के अनुसार सफेद रंग को पसंद करने वाले शांत, सरल, स्वभाव से स्पष्टवादी होते हैं।
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रक्तवर्ण या लाल रंग
लाल (Red) रंग को शक्ति रूप में हम अपने जीवन में अपनाते हैं। लाल रंग शक्ति, संकल्प शक्ति, तेजस्विता और कामुकता का आधार है। लाल रंग में गरमी, उष्णता उत्तेजना, शूरता, कठोरता, तेज, प्रभावशीलता, चमक, स्फूर्ति होने के साथ-साथ इसमें क्रोध, ईर्ष्या एवं द्वेष के भाव भी निहित होते हैं। ऐसे ही हमारे जीवन में भी इस रंग की तरह इसके भाव न हों तो हमारा जीवन भी नीरस हो जाएगा।
सुनहरा, पीत, केसरिया यानि पीला रंग
पीला (Yello) रंग मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिकता, कुलीनता और विकासशीलता का परिचायक है। इस रंग में लोगों की प्रति क्षमा, गंभीरता, उत्पादन, स्थिरता, वैभव, मजबूती, संजीदगी और भारीपन का गुण विद्यमान है। इस रंग को पसंद करने वाले लोग कुशाग्र बुद्धि, तीव्र स्मरण शक्ति वाले और परिश्रमी प्रवृत्ति के होते हैं। पीले रंग का प्रभाव हृदय संस्थान पर अधिक पड़ता है। यह पाचन व्यवस्था और खास तौर पर दिमाग की सक्रियता के लिए प्रयोग में लिया जाता है। यह रंग खुशी महसूस करवाता है साथ ही यह रंग स्पष्टवादिता का प्रतीक भी है।
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नीलकंठी, उजला, या नीलवर्ण यानि नीला रंग
प्रकृति के प्रारंभिक तीन रंगों में नीले (Blue) रंग की अपनी अलग ही महत्वता है। नीला रंग निश्चिंतता, शांति, संवादशीलता, ज्ञान और सृजन का प्रतीक है। यानि इस रंग को पसंद करने वालों मन शांत और निर्मल रहता है। इस रंग में विचारशीलता, बुद्धि, सूक्ष्मता, विस्तार, सात्विकता, प्रेरणा, व्यापकता, संशोधन, संवर्द्धन और आकर्षण जैसे गुण होते हैं। नीले रंग को पसंद करने वाले स्वभाव से उदार, विश्वासी, सौंदर्य प्रेमी और आराम तलब व्यक्ति होते हैं। मनोवैज्ञानिक तौर पर नीला रंग शरीर को ठंडा रखता है।
हरित वर्ण या हरा रंग
सामान्यत: हर रंग प्रकृति के करीबी लोगों की पहली पसंद होता है। जो लोग हरे (Green) रंग को पसंद करते हैं वो प्रकृति प्रेमी, बौद्धिक रूप से मजबूत, मनमौजी, अस्थिर चित वाले होते हैं। ये रंग आंखों को ठंडक देता है। शरीर पर लगी किसी चोट को सही करने में यह रंग किसी दवा की तहर काम करता है। यह रंग बुद्धि का रंग भी कहलाता है। इस रंग से सौभाग्य और समृद्धि आती है।
ऊर्जावान, आशावादी या नारंगी रंग
नारंगी (Orange) रंग लोगों के जीवन में उत्साह, स्वतंत्रता, आशावादिता और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। यह रंग खुशियां, मिलनसारिता और खुशहाली का भी प्रतीक है। नारंगी रंग चेहरे का आकर्षण बढ़ाने के साथ-साथ आपके स्वच्छ और पवित्र मन की भावनाओं को जाहिर करता है। नारंगी रंग आनंद, बुद्धिमता एवं सृजनात्मक मनोवृत्ति को दर्शाता है। हमारे दिमाग में आक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में बड़ा सहयोग करता है। क्योंकि इस रंग को ऊर्जावान और गर्मजोशी का रंग भी कहा जाता है।
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आध्यात्मिकता का प्रतीक बैंगनी रंग
बैंगनी (Purple) रंग शांति, संतुलन और मजबूती को दर्शाता है। बैंगनी रंग का अर्थ शाही, आध्यात्मिकता और विलासिता है। यह रंग शक्ति, रचनात्मकता, शुद्धिकरण और ज्ञान का भी प्रतीक है। इस रंग का प्रयोग शरीर की शुद्धता के लिए किया जाता है। बैंगनी रंग दमा, सूजन, अनिद्रा, सिरदर्द आदि में अत्यंत लाभकारी है। यह रंग नींद की दवा जैसा फायदेमंद है।
बुरी नजर वाला काला रंग
काला (Black) रंग मनुष्य के लिए शक्ति का स्वरूप और सुरक्षा का प्रतीक है। यूं तो काले रंग को शोक का प्रतीक माना गया है लेकिन हम बुरी नजर से बचने के लिए भी काले रंग को अपने आस-पास रखते हैं। शास्त्रों में इसे कर्मफल दाता और न्याय के देवता शनि देव का रंग माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि काला रंग यह भी बताता है कि वह किसी से पक्षपात नहीं रखता है। यानि यह रंग शोक, विरक्ति और विद्रोह के मनोभावों को भी प्रकट करता है। जीवन के विभिन्न अनुष्ठानों, धार्मिक क्रियाकलापों आदि में काले रंग की उपस्थिति बहुत अशुभ मानी जाती है। काले रंग को पसंद करने वाले लोग स्वभाव से संवेदनशील, विद्रोह, निरंकुश और दृढ़ निश्चयी होते हैं।
बहरहाल आपके जीवन को सबसे ज्यादा कौनसा रंग प्रभावित करता है। इन रंगों से आप अपने जीवन के उस सच को भी जान पाएंगे जो आप ज्योतिषी, एस्ट्रॉलोजर या अन्य किसी विद्वान से जानने की कोशिश करते हैं। ये रंग कैसे हमारे जीवन को मनोभावों के अनुसार प्रदर्शन के लिए तैयार करते हैं। प्रकृति के ये सात रंग लोगों के जीवन में खुशियां भर देते हैं।