
एक बार फिर सड़कों पर किसान, शंभु बॉर्डर पर किसानों-पुलिस में पथराव
शंभु बॉर्डर पर किसानों-पुलिस में पथराव(stone pelting), पुलिस ने छोड़े आंसु गैस के गोले
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर लगाए किसानों को ठगने के आरोप
तीन जिलों में धारा 144, दो स्टेडियम अस्थाई जेल में तब्दील
किसान नेता राकेश टिकैत ने दी उग्र प्रदर्शन की चेतावनी
विजय श्रीवास्तव।
दिल्ली। दो साल बाद एक बार फिर किसान (farmers) मोदी सरकार (Modi government) के खिलाफ दिल्ली (Dilhi) की तरफ कूच पर (on farmers movement) निकल पड़े हैं। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी शंभु बॉर्डर (Shambhu border) पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं। पुलिस और किसानों (farmers and police) के बीच पथराव हुआ, पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसु गैस (tear gas shells) के गोले भी दागे। लेकिन प्रदर्शन लगातार जारी है।
दरअसल वर्ष 2021-22 में भी किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए बड़ा प्रदर्शन किया था और सरकार से अपनी मांगें मनवाने में कामयाब हुए थे, और दो कृषि कानूनों को सरकार के निरस्त करना पड़ा था। इस बार लोकसभा का चुनाव सिर पर है और मोदी सरकार के सामने किसान फिर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
हालांकि मोदी सरकार ने किसानों को साधने के लिए किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह, एमएस स्वामीनाथन को भारत देने की घोषणा कर दी लेकिन फिर भी सरकार की इस घोषणा को झांसा मानकर किसान संगठन मोदी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।
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शंभु बॉर्डर पर किसानों-पुलिस के बीच पथराव, टिकैत का बड़ा बयान
प्रदर्शन पर निकले किसानों ने शंभु बॉर्डर (Shambhu border) पर प्रदर्शन किया। पुलिस और किसानों के बीच पथराव (stone pelting) भी हुआ। पुलिस ने बल प्रयोग के साथ आंसु गैस के गोले भी छोड़े। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा अगर पुलिस ने लाठी चलाई तो किसान उग्र प्रदर्शन करेंगे।
तीन मंत्रियों से वार्ता का नहीं निकला कोई हल
दिल्ली कूच से पहले किसान नेताओं की चंडीगढ़ (Chandigarh) में तीन केंद्रीय मंत्रियों (center minister)अर्जुन मुंडा (arjun munda), नित्यानंद राय (Nityanand Roi) और पीयूष गोयल (piyush goyal) से वार्ता हुई लेकिन वार्ता के बाद भी वार्ता से कोई हल नहीं निकला।
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किसानों ने किया था कूच का ऐलान
गौरतलब है कि 13फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। ऐसे में आज किसानों को दिल्ली तक पहुंचने से रोकने में प्रशासन ने हर संभव प्रयास किए हुए हैं। किसान संगठनों को दिल्ली चलो का नारा प्रशासन के आंख की किरकिरी बना हुआ है। आज मंगलवार को हरियाणा, पंजाब, यूपी के लाखों किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं।
कहां कहां सरकार ने लगाई धारा 144
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली, यूपी, पंजाब सहित हरियाणा (Delhi-UP-Punjab-Haryana) में धारा 144 लागू कर दी है। दिल्ली पंजाब और हरियाणा की सीमाओं को सील कर दिया है। दिल्ली से लगते हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 (section 144) लागू करने के साथ ही 7जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं।
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किसानों को दिल्ली कूच रोकने के उपाय
किसानों को दिल्ली नहीं पहुचंने देने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर पुलिस और सीआरपीएफ की तैनाती की है। वहीं आसपास के सभी राज्यों के बॉर्डर सील कर दिए हैं। सड़कों पर बैरिकेड्स, कीलें, मिट्टी, कंक्रीट की लेयर, पत्थर की दीवार, कटीले तार रखने के साथ अब हाईवे खोदने की भी तैयारी की जा रही है ताकि किसानों के वाहनों को जहां के तहां रोका जा सके।
किसानों का बड़ा ऐलान
आज के प्रदर्शन की तैयारी के बाद अब किसानों की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत को बंद रखने का आह्वान भी किया है।
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तैयारी
किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने आदेश जारी कर कहा है कि राजधानी में दिल्ली में ट्रेक्टरों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा , ज्वलनशील पदार्थों और हथियारों के रखने सहित एक महीने तक लाउड स्पीकरों के प्रयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारियों की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश भी जारी किए हैं।
जानकार सूत्रों के अनुसार करीब 2500 किसान दिल्ली की तरफ निकल पड़े हैं। इधर हरियाणा में प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को बंद करने के लिए सिरसा में चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम और गुरु गोविंद सिंह स्टेडियम को अस्थायी जेल में परिवर्तित कर दिया है।
दिल्ली में एडवाइजरी जारी
दिल्ली में स्थानीय लोगों को परेशानी से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने ट्रेफिक को लेकर एडवाइजरी जारी की है। साथ ही भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है।
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किसानों की केंद्र सरकार से क्या हैं प्रमुख मांगें
- एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की किसान नेताओं की पहली मांग है।
- दिल्ली मोर्चा के दौरान किसानों से किए गए केंद्र के वादे जो पूरे नहीं किए गए उन्हें पूरा करने की मांग है।
- 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज हुए थे, वो सारे मुकदमें रद्द करने की मांग भी सरकार से रखी है।
- पिछले आंदोलन में लखीमपुर खीरी में जिन किसानों की मौत हुई थी उनके परिवारों को मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग।
- लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजे सरकार।
- किसानों के सभी सरकारी और गैर सरकारी कर्ज सरकार माफ करे।
- 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपए पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की भी मांग है।
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कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने किहा कि मोदी सरकार किसानों को ठगने का काम कर रही है। अन्नदाता को मोदी सरकार ने झूठे वादे करके भी उनके अधिकारों के लिए तरसाया है। किसान आज महंगाई के नीचे दबे हुए हैं, फसलों के सही दाम नहीं मिलने से किसानों का कर्ज बढ़ता जा रहा है।