
हिल्सा मछली किवदंती या सच…
प्रसिद्धि
…एक ऐसी कहानी जो आपको अपनी लगेगी, हर बात देखी, परखी और समझी हुई लगेगी।
दलीप सिंह राठौड़,
उपनिदेशक, पर्यटन विभाग,
राजस्थान की कलम से…
कलम की जुबानी, हमारी अपनी कहानी…
एक समय की बात है की हिलसा हिल्सा मछली, एक प्रकार की मीठे पानी की मछली, आमेर शहर में बड़ी प्रसिद्ध हो गई थी सभी लोग हिल्सा मछली के बारे में बातें करते थे, खरीदते थे, खाते थे। राजा के दरबार में भी हिल्सा मछली के बारे में चर्चाएं होती रहती थी, सभी लोग कहते थे कि यदि हिल्सा मछली हो और कोई व्यक्ति उसके बारे में बात ना करें ऐसा हो ही नहीं सकता। इस पर दरबारी भी राजदरबार में शर्ते लगाने लगे। इस प्रसिद्धि को देखते एक विदूषक ने कहा कि हिलसा में ऐसी कोई खास बात नहीं है कि लोग उसकी चर्चा करे। परंतु दरबार के अंदर कोई इसे मानने को तैयार नहीं था।
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विदूषक की बात को देखते हुए राजा ने एक शर्त रख दी कि कोई व्यक्ति नदी के किनारे से महल तक राज दरबार में हिल्सा मछली लेकर आएगा और उसके बारे में कोई चर्चा ना करें तो उस व्यक्ति को इनाम दिया जाएगा। शहर में मुनादी करवा दी गई। राजविदूषक, जैसे बीरबल है, कहा कि महाराज मुझे समय दीजिए मैं हिलसा मछली बाजार से पैदल चलते हुए राजमहल तक ले कर आऊंगा। और कोई उसके बारे में चर्चा तक नहीं करेगा।
दूसरे दिन विदूषक ने अपना भिखारी सा भेष बनाया, ऊट पटांग कपड़े पहने हाथ में बोतल पैरों में उल्टी चपल पहनी और नदी के किनारे चले। सब लोग विदूषक को देख-देख के हंसी कर रहे थे मजाक कर रहे थे कोई उन्हें पहचान रहा था कोई नहीं पहचान रहा था परंतु एक हंसी मजाक के लिए अच्छा विषय जनता के हाथ लग गया था।
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विदूषक नदी किनारे गए उन्होंने एक हिल्सा मछली खरीदी उसे एक डोरी से लटका कर नदी के किनारे से राजमहल तक पहुंचे। रास्ते में कई लोगों ने उन पर फब्तियां कसी, उन्हे छेड़ा, कंकर मारे, पर किसी ने भी हिल्सा मछली के बारे में बात नहीं की।
राज दरबार में भी विदूषक पहुंचे तो सब लोग उनको देखकर के हंस रहे थे तालियां बजा रहे थे सब कुछ हो रहा था परंतु किसी का भी ध्यान यह नहीं गया कि हिलसा मछली उनके हाथ में है। विदूषक महाराज के पास पहुंचे और कहां महाराज लीजिए आपकी पसंद आप ही संभालिए तब जाकर के महाराज को लगा कि विदूषक ने अपना काम बखूबी कर दिया है । महाराज ने विदूषक की खूब सराहना की और इनाम बक्से।
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तो यहां इस पूरी कहानी का लब्बो-लुबाव यह है कि कोई कितना भी प्रसिद्ध हो जाए जब उससे ज्यादा प्रसिद्ध या चमत्कारिक या रोमांच करने वाली वस्तु, घटना या ऑब्जेक्ट लोगों के सामने आता है तो लोग ऐसे में पहली वस्तु, घटना या ऑब्जेक्ट के बारे में भूल जाते हैं। क्योंकि सभी को हमेशा कुछ नया चाहिए होता है।
इस कहानी में लेखक ने प्रसिद्धि और उसके प्रभाव का असर कब तक होता है ये बताने का प्रयास किया है। आपको ये कहानी कैसी लगी। ऐसी ही और अन्य रोचक जानकारियों के बारे में आप भी हमें लिख सकते हैं हमारा प्रयास रहेगा सप्ताह में दो दिन हम इस तरह के रोचक और रोमांचित कहानियां आपके लिए प्रेषित कर सकें।
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