
गीतांजली हॉस्पिटल की डॉ. परिस्तिश कामदार को राष्ट्रीय संवेदना महिला पुरस्कार
डॉ. परिस्तिश कामदार के किशोर मानसिक स्वास्थ्य पर शोध को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
आईएपीपीआई के राष्ट्रीय सम्मेलन में उदयपुर का परचम लहराया
टीम रिसर्च ने उजागर किए तनाव, दुर्व्यवहार और आत्मसम्मान के महत्वपूर्ण निर्धारक
सुश्री सोनिया,
उदयपुर,dusrikhabar.com। इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकियाट्री (IAPPI) के 26वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, उदयपुर की मनोचिकित्सक डॉ. परिस्तिश कामदार को प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय संवेदना महिला पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े व्यवहारिक और भावनात्मक पहलुओं पर किए गए महत्वपूर्ण शोध कार्य के लिए प्रदान किया गया।
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उदयपुर की डॉ. परिस्तिश कामदार को विशेष सम्मान
सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत शोध पत्र का शीर्षक था— “किशोरों के लिए स्कूलों के कोर्स में भावनात्मक—व्यवहारिक समस्याएँ, दुर्व्यवहार, तनाव और आत्मसम्मान के मानसिक-जनसांख्यिकीय निर्धारक: एक क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन”। इस रिसर्च के आधार पर डॉ. परिस्तिश कामदार को राष्ट्रीय संवेदना महिला पुरस्कार मिला, जो मनोचिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है।
इस शोध का मुख्य उद्देश्य था समझना कि किशोरों में शारीरिक एवं मानसिक दुर्व्यवहार, तनाव, तथा कम आत्मसम्मान जैसे पहलू किन पारिवारिक और सामाजिक कारकों से प्रभावित होते हैं।
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वरिष्ठ चिकित्सकों की संयुक्त टीम का शोध
यह शोध पत्र वरिष्ठ मनोचिकित्सक एवं मार्गदर्शक डॉ. जितेन्द्र जींगर, डॉ. मनु शर्मा, डॉ. अंजलि शर्मा, डॉ. परिस्तिश कामदार, डॉ. छायाँक आचार्य तथा डॉ. आदित्य बोराते की टीम द्वारा तैयार किया गया। शोध में पाया गया कि किशोरों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर, परिवार की संरचना, माता-पिता की शिक्षा और पारिवारिक आय जैसे कारकों का गहरा प्रभाव पड़ता है।
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टीम ने बताया कि किशोर मानसिक स्वास्थ्य के संकट को समझने और कम करने के लिए इन कारकों पर आधारित नीति-निर्माण अत्यंत आवश्यक है।

किशोर मानसिक स्वास्थ्य नीति के लिए उपयोगी अध्ययन
यह अध्ययन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा और व्यवहारिक पाठ्यक्रमों के पुनर्गठन के लिए भी मार्गदर्शक साबित हो सकता है।
गीतांजली हॉस्पिटल की डीन डॉ. संगीता गुप्ता ने सम्मानित टीम को बधाई देते हुए कहा—
“यह पुरस्कार सिर्फ डॉ. परिस्तिश कामदार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि पूरे उदयपुर और राजस्थान के मनोचिकित्सा जगत के लिए गर्व की बात है।”
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