
कैंसर अनुसंधान में भारत की बड़ी छलांग: मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के वैज्ञानिक का शोध वैश्विक मंच पर…!
विश्वप्रसिद्ध “मोलिकुलर कैंसर” जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध, इम्पैक्ट फैक्टर 33.9
औरोरा काइनेजेस पर आधारित रिसर्च कैंसर की नई थैरेपी का आधार बनेगी
फेफड़ों के कैंसर पर केंद्रित मणिपाल यूनिवर्सिटी की लैब ने फिर रचा इतिहास
जयपुर, (dusrikhabar.com)। भारत के कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (Manipal University Jaipur – MUJ) के बायोसाइंसेज़ विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव नेमा द्वारा किया गया शोध अब वैश्विक मंच पर सराहा जा रहा है। डॉ. नेमा और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों द्वारा लिखा गया समीक्षा लेख विश्व के अग्रणी ऑन्कोलॉजी जर्नल “Molecular Cancer” में प्रकाशित हुआ है, जिसका इम्पैक्ट फैक्टर 33.9 है — जो इसे विश्व के सबसे प्रभावशाली जर्नलों में से एक बनाता है।
इस शोध में Aurora Kinases नामक एंजाइम समूह के कैंसर में योगदान पर विस्तृत विश्लेषण किया गया है। ये एंजाइम कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और जब इनका नियंत्रण बिगड़ता है तो यह स्तन, फेफड़े, अंडाशय, प्रोस्टेट और आंत जैसे प्रमुख अंगों में कैंसर के कारण बन सकते हैं।
शोध के मुख्य बिंदु:
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लेख का शीर्षक: “Aurora Kinases Signalling in Cancer: From Molecular Perception to Targeted Therapies”
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इसमें Aurora A, B और C काइनेज़ का गहन विश्लेषण है।
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शोध में 40 से अधिक संभावित इनहिबिटर्स (दवाएं) की चर्चा की गई है, जिनमें से कई क्लिनिकल ट्रायल में हैं।
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यह अध्ययन प्रिसिजन ओंकोलॉजी की दिशा में एक ठोस कदम है, जहां सामान्य कोशिकाओं को प्रभावित किए बिना कैंसर कोशिकाओं को रोका जा सकता है।
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शोध इस विचार को भी मजबूती देता है कि व्यक्तिगत जेनेटिक बायोमार्कर के आधार पर इलाज की सफलता कई गुना बढ़ सकती है।

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव नेमा
इस लेख में AIIMS भोपाल और Icahn School of Medicine at Mount Sinai, New York के वैज्ञानिकों ने सह-लेखक की भूमिका निभाई है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारत की वैज्ञानिक कड़ी को वैश्विक शोध से जोड़ता है।
डॉ. नेमा ने कहा, “हमारा प्रयास फेफड़ों के कैंसर के शीघ्र निदान और प्रभावी उपचार की दिशा में है। यह शोध भविष्य की कैंसर थैरेपी को एक नई दिशा दे सकता है।”
एमयूजे के अध्यक्ष प्रो. नीति निपुण शर्मा ने कहा, “यह उपलब्धि हमारे शोधकर्ताओं की वैज्ञानिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विश्वविद्यालय का रिसर्च इकोसिस्टम सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित है।”
कैंसर रिसर्च लैब – मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर:
MUJ की एडवांस्ड रिसर्च लैब न केवल कैंसर के शुरुआती पहचान में बल्कि उपचार के नवीन तरीकों के विकास में भी अग्रणी है। यह प्रयोगशाला छात्रों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों काऊ केंद्र बन चुकी है, जो कैंसर से लड़ने के लिए नवाचार आधारित समाधान खोज रही है।
यह शोध न केवल मणिपाल यूनिवर्सिटी के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह भारत के बढ़ते वैज्ञानिक प्रभाव का भी प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारतीय वैज्ञानिक कैंसर के इलाज में वैश्विक नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहे हैं।
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