कैसे होगी दीपावली पूजा, जानिए क्या है वेद में?
*~ वैदिक पंचांग ~*
दिनांक – 12 नवम्बर 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्दशी 14:44 तक त्तपश्चात अमावस्या
नक्षत्र – स्वाति 02:51 (13 नवम्बर) तक त्तपश्चात विशाखा
योग – आयुष्मान 16:59 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – 16:30 – 18:00 बजे तक
दिन की शुरुआत
सूर्योदय – 06:41
सूर्यास्त – 17:29
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व – बड़ी दीवाली 12 नवम्बर 2023
सोमवती अमावस्या 13 नवम्बर 2023
अन्नकुट 14 नवम्बर 2023
भाई दूज 15 नवम्बर 2023
गोपाष्टमी 20 नवम्बर 2023
आंवला नवमी 21 नवम्बर 2023
देवउठनी एकादशी 23 नवम्बर 2023
व्रत की पूर्णिमा 26 नवम्बर 2023
स्नान दान की पूर्णिमा 27 नवम्बर 2023
💥 विशेष:- चुरदर्शी को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
👉रविवार के दिन मसू की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, कृष्ण खंडः 75.90)
👉दीपालवी के दिन घर के पहले द्वार पर चावल का आटा और हल्दी का मिश्रण करके स्वस्तिक अथवा ॐ लगा देना, ताकि गृह दोष दूर हों और लक्ष्मी की स्थिति हो।
👉दीपावली (12 नवम्बर 2023) रविवार की रात मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ १-१ दिया गेहूँ के ढेर पे जलाएं और कोशिश करें की दिया पूरी रात जले। आपके घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होगी।
👉जिनके घर में आर्थिक परेशानी हो वो घर में भगवती लक्ष्मी का पूजन करें।
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
इन मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का जप करें।
👉🏻 इन मन्त्रों से पूजन करें |
👉दीपावली की रात को चाँदी की छोटी कटोरी या दिये में कपूर जलने से दैहिक दैविक और भौतिक परेशानी/कष्टों से मुक्ति होती है| दिवाली के दिन स्फटिक की माला से इन मन्त्रों के जप करने से लक्ष्मी आती हैं:
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
👉दीपावली की रात गणेशजी को लक्ष्मी जी के बाएं रख कर पूजा की जाये तो कष्ट दूर होते हैं. अगर घर में खींचातानी हो या दुकान में बरकत नहीं हो तो हर रविवार को एक लोटे में जल भर कर २१ बार गायत्री मन्त्र *(ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात) *का जप करके जल को दीवारों पर छाँट दे पर ध्यान रहे की पैरों के नीचे जल ना आये इसलिए दीवारों पर ही छाँटना है।
👉दीपावली की सुबह तेल से मालिश करके स्नान करना चाहिए l
👉दीपावली के दिन सरसों के तेल का या शुध्द घी का दिया जलाकर काजल बना ले…ये काजल लगाने से भूत प्रेत पिशाच, डाकिनी से रक्षा होती है…और बुरी नजर से भी रक्षा होती है।
माँ लक्ष्मी मन्त्र
👉दीपावली (12 नवम्बर 2023) रविवार की रात कुबेर भगवान ने लक्ष्मी जी की आराधना की थी तो कुबेर बन गए ,जो धनाढ्य लोगो से भी बड़े धनाढ्य हैं..सभी धन के स्वामी हैं..ऐसा इस काल का महत्त्व है.. दिया जला के जप करने वाले को धन, सामर्थ्य , ऐश्वर्य पाए…ध्रुव , राजा प्रियव्रत ने भी आज की रात को लक्ष्मी प्राप्ति का , वैभव प्राप्ति का जप किया था…मन्त्र बहुत सरल है…मन्त्र का फल प्राप्त करने के लिए श्रद्धा से मंत्र सुने -*
👉माँ लक्ष्मी मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा
बच्चों की नज़र उतरने का उपाय
1. लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को मिट्टी के एक छोटे बर्तन में जलाएं। फिर उसकी धूप नजर लगे बच्चे को दें। किसी प्रकार की नजर हो ठीक हो जाएगी।
2. शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर नजर लगे हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम होता है।
3. नमक, राई, राल, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से बुरी नजर का दोष मिटता है।
4. कई बार हम देखते हैं, भोजन में नजर लग जाती है। तब तैयार भोजन में से थोड़ा-थोड़ा एक पत्ते पर लेकर उस पर गुलाब छिड़ककर रास्ते में रख दे। फिर बाद में सभी खाना खाएं। नजर उतर जाएगी।
5. नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाए। नजर लगा हुआ व्यक्ति इष्ट देव का नाम लेकर पान खाए। बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाएगा।
6 . खाने के समय भी किसी व्यक्ति को नजर लग जाती है। ऐसे समय इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होता है।
आगे प्रभु इच्छा! !
👉दीपावली-लक्ष्मीपूजा- प्रदोष एवं रात्रि में कार्तिक, कृष्ण,अमावस्या, तिथि मिलने के कारण दीपावली का पर्व 12 नवम्बर रविवार को मनाया जायेगा। लक्ष्मी पूजन के कुल तीन मुहूर्त निर्धारित किये जा रहें हैं।
1. वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में यदि दिन में लक्ष्मी पूजन करना हैं तो स्थिर कुम्भ लग्न 12 बजकर 45 मिनट से 2 बजकर 16 बजे के मध्य होंगा।
2. सर्वोत्तम प्रदोष का मुहूर्त 5 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 19 बजे के मध्य होंगा तथा
3. महानिशा में पूजा करने के लिये स्थिर सिंह लग्न का समय रात 11 बजकर 51 मिनट से 2 बजकर 4 बजे बीच का होंगा।
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