
हैपेटाइटिस की 7 महीने में 3 लाख 51 हजार स्क्रीनिंग: गजेंद्र सिंह खींवसर
राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का प्रदेश में सुचारू संचालन
सात माह में 3 लाख 51 हजार की हैपेटाइटिस की स्क्रीनिंग
जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश में राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का सुचारू संचालन किया जा रहा है। खींवसर ने बताया कि हैपेटाइटिस-बी एवं सी के उन्मूलन की दिशा में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में प्रारम्भ किए गए इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक हैपेटाइटिस सी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
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साढ़े तीन से अधिक मरीजों की स्क्रीनिंग
चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि प्रदेश में दिसम्बर 2023 से अब तक 3 लाख 51 हजार से अधिक लोगों की हैपेटाइटिस बी एवं सी के लिए स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 2 लाख 61 हजार से अधिक लोगों की हैपेटाइटिस-बी के लिए स्क्रीनिंग की गई। जिनमें 8 हजार 400 मरीज पॉजिटिव पाए गए। इनमें वायरल लोड के लिए पाए गए 2 हजार 892 रोगियों में 1005 रोगियों का उपचार प्रारम्भ किया गया है। इसी प्रकार इस अवधि में हैपेटाइटिस सी के लिए स्क्रीन किए गए 90 हजार से अधिक रोगियों में 2622 से अधिक रोगी हैपेटाइटिस सी के पॉजिटिव पाए गए। इनमें से वायरल लोड वाले 1542 रोगियों में से 896 उपचार योग्य रोगियों का इलाज प्रारम्भ किया गया है। इनमें से 477 रोगियों का उपचार पूर्ण हो चुका है।
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कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मृत्यु एवं जोखिम में कमी लाना
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय वायरल हैपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हैपेटाइटिस बी, सी, ए एवं ई से होने वाली मृत्यु एवं जोखिम में कमी लाना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर मैनेजमेंट यूनिट संचालित की जा रही है। इस रोग के जांच एवं उपचार के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर एवं अजमेर में मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में मॉडल ट्रीटमेंट सेन्टर तथा माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्टेट लैब का संचालन किया जा रहा है।
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प्रदेश में 35 जिला अस्पतालों में ट्रीटीमेंट सेन्टर एवं लैब संचालित की जा रही है। वर्ष 2024-25 में नए जिलों में ट्रीटमेंट सेन्टर एवं लैब प्रारम्भ करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जेलों, नारी निकेतन, किशोर गृह आदि में भी हैपेटाइटिस संबंधी रोगों की स्क्रीनिंग कर रोगियों का उपचार संबंधित ट्रीटमेंट सेन्टर पर किया जाता है। इसी प्रकार उच्च जोखिम वाले समूहों में भी स्क्रीनिंग एवं उपचार कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।