वैदिक पंचांग-सनातन आरती और आपका आज!
वैदिक पंचांग
आज वैदिक पंचांग-सनातन आरती में क्या है आपके लिए ?
जानिए वैदिक ज्योतिषी पूनम गौड से आज कैसा रहेगा आपका दिन व पंचांग?
आज चुनाव परिणाम भी आने हैं तो कई लोगों की सांसें ऊपर नीचे होती रहेंगी, लेकिन परेशानी की कोई बात नहीं है, सब समय रहते ठीक हो जाएगा।
दिनांक – 03 दिसम्बर 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमन्त ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – कृष्ण
तिथि – षष्ठी 19:27 तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र – अश्लेषा 21:36 तक तत्पश्चात मघा
योग – इंद्र 20:56 तक तत्पश्चात वैधृति
रवि योग – 06:58 से 13:13
21:36 से 06:58 (4 दिसम्बर) तक
राहुकाल – 16:30 – 18:00 तक
सूर्योदय – 06:58
सूर्यास्त – 17:24
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
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💥 विशेष:- षष्ठी को नीम का किसी भी रूप में सेवन करने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खण्ड: 75.90)
आरती में कपूर का उपयोग क्यों ?
👉सनातन संस्कृति में पुरातन काल से आरती में कपूर जलाने की परम्परा है। आरती के बाद आरती के ऊपर हाथ घुमाकर अपनी आँखों पर लगाते हैं, जिससे दृष्टी -इन्द्रिय सक्रिय हो जाती है। पूज्य बापूजी के सत्संग -वचनामृत में आता है : “आरती करते हैं तो कपूर जलाते हैं। कपूर वातावरण को शुद्ध करता है, पवित्र वातावरण की आभा पैदा करता है। घर में देव-दोष है, पितृ -दोष हैं, वास्तु -दोष हैं, भूत -पिशाच का दोष है या किसीको बुरे सपने आते हैं तो कपूर की ऊर्जा उन दोषों को नष्ट कर देती है।
👉बोलते हैं कि संध्या होती है तो दैत्य-राक्षस हमला करते हैं इसलिए शंख , घंट बजाना चाहिए, कपूर जलाना चाहिए, आरती-पूजा करनी चाहिए अर्थात संध्या के समय और सुबह के समय वातावरण में विशिष्ट एवं विभिन्न प्रकार के जीवाणु होते हैं जो श्वासोच्छवास के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करके हमारी जीवनरक्षक जीवनरक्षक कोशिकाओं से लड़ते हैं। तो देव-असुर संग्राम होता है, देव माने सात्त्विक कण और असुर माने तामसी कण। कपूर की सुगंधि से हानिकारक जीवाणु एवं विषाण रूपी राक्षस भाग जाते हैं।
👉वातावरण में जो अशुद्ध आभा है इससे तामसी अथवा निगुरे लोग जरा-जरा बात में खिन्न होते हैं, पीड़ित होते हैं लेकिन कपूर और आरती का उपयोग करनेवालों के घरों में ऐसे कीटाणुओं का, ऐसो हलकी आभा का प्रभाव नहीं टिक सकता है।
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👉अत: घर में कभी-कभी कपूर जलाना चाहिए, गूगल का धूप करना चाहिए। कभी-कभी कपूर की १ – २ छोटी-छोटी गोली मसल के घर में छिटक देनी चाहिए। उसकी हवा से ऋणायान बनते हैं, जो हितकारी हैं। वर्तमान के माहौल में घर में दीया जलाना अथवा कपूर की कभी-कभी आरती कर लेना अच्छा है।
ज्योतिषीय परामर्श के लिए पूनम गौड को 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।