
वैदिक पंचांग-नवम नवरात्र
*~ वैदिक पंचांग ~*
पंचांग-नवम नवरात्र ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा?
जानिए वैदिक पंचांग से (नवम नवरात्र) के बारे में
दिनांक – 23 अक्टूबर 2023
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – नवमी 17:44 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र – श्रवण 17:14 तक त्तपश्चात धनिष्ठा
योग – शूल 18:53 तक तत्पश्चात
राहुकाल – 07:30 – 09:00 बजे तक
सूर्योदय – 06:27
सूर्यास्त – 17:44
रवियोग – अहोरात्रि
सर्वार्थ सिद्धि योग – 06:27 से 17:14 तक
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व – महानवमी
आयुध पूजा
दुर्गा बलिदान
बंगाल महानवमी
दक्षिण सरस्वती पूजा
दक्ष सावर्णि मन्वादि
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💥 विशेष:- नवमी को लौकी खाने गोमांस खाने के समान है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
👉नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए
दशहरे से शरद पूनम तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी रस, हितकारी किरणें होती हैं। इन दिनों चन्द्रमा की चाँदनी का लाभ उठाना, जिससे वर्षभर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें। नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन रात्रि में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक (पलकें झपकाये बिना एकटक देखना) करें।
👉दशहरे के दिन
24 अक्टूबर 2023 मंगलवार को दशहरा, विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य, सीमोल्लंघन के लिए विजय मुहूर्त (दोपहर 02:18 से 03:04 तक), गुरु-पूजन, अस्त्र-शस्त्र-शमी वृक्ष-आयुध-वाहन पूजन।
👉दशहरा के दिन शाम को जब सूर्यास्त होने का समय और आकाश में तारे उदय होने का समय हो वो सर्व सिद्धिदायी विजय काल कहलाता है।
👉उस समय घूमने-फिरने मत जाना। दशहरा मैदान मत खोजना … रावण जलता हो देखकर क्या मिलेगा ? धूल उड़ती होगी, मिटटी उड़ती होगी रावण को जलाया उसका धुआं वातावरण में होगा …. गंदा वो श्वास में लेना …. धूल, मिटटी श्वास में लेना पागलपन है।*
*ये दशहरे के दिन शाम को घर पे ही स्नान आदि करके, दिन के कपडे बदल के शाम को धुले हुए कपडे पहनकर ज्योत जलाकर बैठ जाये। थोड़ा ” राम रामाय नम: । ”
👉मंत्र जपते, विजयादशमी है ना तो रामजी का नाम और फिर मन-ही-मन गुरुदेव को प्रणाम करके गुरुदेव सर्व सिद्धिदायी विजयकाल चल रहा है की हम विजय के लिए ये मंत्र जपते हैं।
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👉”ॐ अपराजितायै नमः “
ये मंत्र १ – २ माला जप करना और इस काल में श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए इस मंत्र की एक माला जप करें :-
“पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना ।
कवन सो काज कठिन जग माहि, जो नहीं होत तात तुम पाहि ॥”
👉पवन तनय समाना की भी १ माला कर ले उस विजय काल में, फिर गुरुमंत्र की माला कर ले। फिर देखो अगले साल की दशहरा तक गृहस्थ में जीनेवाले को बहुत-बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते है।
👉नवरात्रि की नवमी तिथि यानी अंतिम दिन माता दुर्गा को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं ।इससे वैभव व यश मिलता है।
मां सिद्धिदात्री
👉नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं। अंतिम दिन भक्तों को पूजा के समय अपना सारा ध्यान निर्वाण चक्र, जो कि हमारे कपाल के मध्य स्थित होता है, वहां लगाना चाहिए। ऐसा करने पर देवी की कृपा से इस चक्र से संबंधित शक्तियां स्वत: ही भक्त को प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धिदात्री के आशीर्वाद के बाद श्रद्धालु के लिए कोई कार्य असंभव नहीं रह जाता और उसे सभी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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👉पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।
