वैदिक पंचांग और आपका आज..
~ वैदिक पंचांग ~
पंचांग ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा?
जानिए वैदिक पंचांग से पितृपक्ष के तरीके और उपाय, (वैदिक पंचांग)

सेलीब्रिटी ज्योतिष पूनम गौड़
दिनांक – 2 अक्टूबर 2023 (वैदिक पंचांग)
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – आश्विन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – तृतीया 07:36 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – भरणी 18:24 तक तत्पश्चात कृतिका
योग – हर्षण 10:29 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल – 15:00 – 16:30 बजे तक
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दिन की शुरुआत
सूर्योदय – 06:14
सूर्यास्त – 18:06
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व – गांधी जयंती
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
चतुर्थी श्राद्ध 2 अक्टूबर सोमवार, भरणी श्राद्ध
पञ्चमी श्राद्ध 3 अक्टूबर मंगलवार
षष्ठी श्राद्ध 4 अक्टूबर बुधवार
सप्तमी श्रद्ध 5 अक्टूबर गुरुवार
अष्टमी श्रद्ध 6 अक्टूबर शुक्रवार
नवमी श्राद्ध 7 अक्टूबर शनिवार’ सौभाग्यवती श्राद्ध
दशमी श्राद्ध 8 अक्टूबर रविवार
एकादशी श्राद्ध 9 अक्टूबर सोमवार
एकादशी व्रत 10 अक्टूबर मंगलवार
द्वादशी श्रद्धा 11 अक्टूबर बुधवार, सन्यासियों का श्राद्ध
त्रयोदशी श्राद्ध 12 अक्टूबर गुरुवार
चतुर्दशी श्राद्ध 13 अक्टूबर शुक्रवार, अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों का श्राद्ध
सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर शनिवार, सर्व पितृ अमावस्या
विशेष:- तृतीय को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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गणपति का पूजन तो शाम को अर्घ्य दें
👉 02 अक्तूबर 2023 सोमवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:35) (वैदिक पंचांग)
👉शिव पुराण में आता है कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें:
👉ॐ गं गणपते नमः।
👉ॐ सोमाय नमः।
मंत्र से सूर्य को दें अर्घ्य
👉पूर्वजों को पितर पक्ष में इस मंत्र के द्वारा सूर्य भगवान को अर्ध्य देने से यमराज प्रसन्न होकर पूर्वजों को अच्छी जगह भेज देते हैं।
👉ॐ धर्मराजाय नमः।
👉ॐ महाकालाय नम:।
👉ॐ म्रर्त्युमा नमः।
👉ॐ दानवैन्द्र नमः।
👉ॐ अनन्ताय नम:।
👉धर्म ग्रंथों के अनुसार, विधि-विधान पूर्वक श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। वर्तमान समय में देखा जाए तो विधिपूर्वक श्राद्ध कर्म करने में धन की आवश्यकता होती है। (वैदिक पंचांग) पैसा न होने पर विधिपूर्वक श्राद्ध नहीं किया जा सकता। ऐसे में पितृ दोष होने से कई प्रकार की समस्याएं जीवन में बनी रहती हैं। पुराणों के अनुसार, ऐसी स्थिति में पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर कुछ साधारण उपाय करने से भी पितर तृप्त हो जाते हैं।
👉न कर पाएं श्राद्ध तो करें इनमें से कोई 1 उपाय, नहीं होगा पितृ दोष
👉जिस स्थान पर आप पीने का पानी रखते हैं, वहां रोज शाम को शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे पितरों की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। इस बात का ध्यान रखें कि वहां जूठे बर्तन कभी न रखें।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
👉सर्व पितृ अमावस्या के दिन चावल के आटे के 5 पिंड बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में बहा दें।
👉गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर गूगल के साथ घी, जौ, तिल व चावल मिलाकर घर में धूप करें।
👉विष्णु भगवान के किसी मंदिर में सफेद तिल के साथ कुछ दक्षिणा (रुपए) भी दान करें। (वैदिक पंचांग)
👉कच्चे दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में बहा दें। ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा।
👉श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराएं या सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, सब्जी और दक्षिणा दान करें।
👉श्राद्ध नहीं कर सकते तो किसी नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें। इससे भी पितृ दोष में कमी आती है।
👉श्राद्ध पक्ष में किसी विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
👉श्राद्ध पक्ष में पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं।
👉सूर्यदेव को अर्ध्य देकर प्रार्थना करें कि आप मेरे पितरों को श्राद्धयुक्त प्रणाम पहुँचाए और उन्हें तृप्त करें।
पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।