वैदिक पंचांग और आपका आज, ये रहेगा आपके लिए खास…
वैदिक पंचांग
आज वैदिक पंचांग में क्या है आपके लिए ?
जानिए ज्योतिषी पूनम गौड से आज कैसा रहेगा आपका दिन ?
दिनांक – 30 नवम्बर 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – कृष्ण
तिथि – तृतीया 14:24 तकतत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – आर्द्रा 15:01 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – शुभ 20:15 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहुकाल – 13:30 – 15:00 तक
सूर्योदय – 06:55
सूर्यास्त – 17:24
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दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व – संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय:रात्रि 08:29)
💥 विशेष:- तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना
👉🏻रात को भिगोयी हुई एक चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें दो चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें। एक से डेढ़ घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें। पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है।
👉🏻दूध के साथ शतावरी का दो से तीन ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं। यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं।
👉🏻रात को भिगोयी हुई 5 से 7 खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है।
👉🏻रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है।
👉🏻आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर के बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है। हड्डियाँ मजबूत बनती हैं।
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👉🏻100 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 20 ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें। सुबह 3 ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है।
👉🏻शक्तिवर्धक खीर : 3 चम्मच गेहूँ का दलिया व 2 चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें। प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें। आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं। यह खीर शक्तिवर्धक है।
👉🏻हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व 5 ग्राम बला चूर्ण डाल के बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाति है। दर्द में भी आराम होता है।
👉🏻सर्दियों में हरी अथवा सुखी मेथी का सेवन करने से शरीर के 80 प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है।
👉🏻सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है।(गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं।)
👉ज्योतिषीय परामर्श के लिए पूनम गौड को 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।
