वैदिक पंचांग आपका आज…!
*~ वैदिक पंचांग ~*
ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार कैसे शुभ होगा?
जानिए वैदिक पंचांग से तरीके और उपाय।
वैदिक पंचांग आज दिनांक – 25 सितम्बर 2023

सेलीब्रिटी ज्योतिष पूनम गौड़
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – शुक्ल
तिथि – दशमी 07:55 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा 11:53 तक तत्पश्चात श्रावण
योग – अतिगण्ड 15:21 तक तत्पश्चात सुकर्म
राहुकाल – 07:00 से 8:30 बजे तक
सूर्योदय – 06:17
सूर्यास्त – 18:19
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
पंचक – 26 सितंबर 2023, 20:28 से 30 सितंबर 2023 को 21:08 तक
सर्वार्थसिद्धि योग – 11:55 से 06:11(26 सितम्बर)
रवि योग – 6:11 से 11:55
व्रत पर्व – परिवर्तनी एकादशी
वामन जयंती (26 सितम्बर)
भवनेश्वरी जयंती (26 सितम्बर)
प्रदोष व्रत (27 सितम्बर)
अनन्त चौदस व पूर्णिमा व्रत (28 सितम्बर)
पूर्णिमा व प्रतिपदा का श्राद्ध (29 सितम्बर)
पारण समय – 13:25 से 15:49 26 सितम्बर को
हरि वासर समाप्त – 10:11
एकादशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 25, 2023 को 07:55 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – सितम्बर 26, 2023 को 05:00 ए एम बजे
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💥 विशेष:- दशमी को स्त्री सहवास तथा तिल किसी भी रूप में खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खण्ड 27.29-34)
👉सोमवार को दक्षिण दिशा में कई गयी यात्रा उत्तम रहती है। इस दिन दर्पण देख कर अथवा दूध व दूध से बनी चीजें जैसे खीर, रबड़ी आदि खा कर यात्रा करनी चाहिए। इससे दिशा शूल का दोष कम होता है।
👉एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अति आवश्यक है। यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गयी हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।
👉एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं उन्हें व्रत तोड़ने से पहले हरि वासर समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई अवधि है। व्रत तोड़ने के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रातःकाल होता है। व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को मध्याह्न के दौरान व्रत तोड़ने से बचना चाहिए।
कुछ कारणों की वजह से अगर कोई प्रातःकाल पारण करने में सक्षम नहीं है तो उसे मध्याह्न के बाद पारण करना चाहिए।
👉अगर महिला रोज शाम को घर के मंदिर में घीर का दीपक जलाकर मंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:। का 108 बार जाप करें। ये उपाय रोज करेंगे तो पति को भाग्य का साथ मिल सकता है।
👉पति-पत्नी के बीच बार-बार झगड़े होते हैं तो रोज सुबह शाम श्रीराम और सीता की तस्वीर या फोटो के सामने घी का दीपक जलाएं। परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें।
👉शत्रुओं से रक्षा के लिए और अनजाना डर दूर करने के लिए हर सोमवार और शनिवार को भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
👉घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिले इसके लिए रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं और दीपक जलाकर आरती करें। ये उपाय पति-पत्नी दोनों को करना चाहिए।
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👉रोज शाम को दरवाजे की दोनों तरफ तेल का या घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
👉अगर परिवार के किसी सदस्य की कुंडली में राहु-केतु के दोष हैं तो घर में सुबह-शाम अलसी के तेल का दीपक जलाएं। इससे राहु-केतु के दोष दूर होते हैं।
👉हर शनिवार शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही, तेल का दान भी करें। भगावन से परेशानियां दूर करने की प्रार्थना करें।
👉परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भगवान विष्णु या बाल गोपाल के सामने घी का दीपक जलाएं और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय या कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें।
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👉सुख-समृद्धि और बुद्धि के लिए मां सरस्वती के सामने घी का दो मुखी यानी दो बत्तियों वाला दीपक जलाएं।
👉घर में बरकत बनाए रखने के लिए श्रीगणेश के सामने तीन मुखी यानी तीन बत्तियों वाला दीपक जलाएं।
👉धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए देवी लक्ष्मी के सामने सात मुखी दीपक जलाएं।
👉 पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।