
राजीविका × ARCH डिज़ाइन प्रोजेक्ट का समापन
आर्च अकेडमी में नजर आया ग्रामीण सशक्तिकरण और डिज़ाइन नवाचार का संगम
महिला स्वयं सहायता समूहों को डिज़ाइन सहयोग से मिला नया आयाम
राज्य मिशन निदेशक – नेहा गिरी (IAS) रहीं मुख्य अतिथि
विद्यार्थियों ने तैयार किए 20 प्रोडक्ट प्रोटोटाइप और 10 पैकेजिंग डिज़ाइन समाधान
पारंपरिक शिल्प और आधुनिक डिज़ाइन का मेल प्रदर्शनी में दिखा अनोखा समन्वय
जयपुर, dusrikhabar.com। ARCH College of Design & Business में आयोजित राजीविका × ARCH डिज़ाइन इंटरवेंशन प्रोजेक्ट का समापन समारोह ग्रामीण नवाचार और डिज़ाइन सशक्तिकरण का प्रेरणादायक उदाहरण बना। यह प्रोजेक्ट ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार और राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के संयुक्त सहयोग से संचालित किया गया।
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समापन समारोह में राज्य मिशन निदेशक – नेहा गिरी (IAS) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि राजीविका परियोजना समन्वयक पूजा ने विशेष अतिथि के रूप में सहभागिता की। कार्यक्रम का सृजनात्मक मार्गदर्शन ARCH कॉलेज की संस्थापक एवं निदेशक सुश्री अर्चना सुराणा ने किया।

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डिज़ाइन और सशक्तिकरण का संगम: महिला SHGs को मिला नया दृष्टिकोण
आर्च अकेडमी की निदेशक अर्चना सुराणा ने बताया कि यह दो माह का राजीविका डिज़ाइन प्रोजेक्ट 11 अगस्त 2025 से प्रारंभ हुआ था। इसका उद्देश्य था – महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को डिज़ाइन सहयोग के माध्यम से सशक्त बनाना। इस दौरान ARCH कॉलेज के 35 से अधिक डिज़ाइनर छात्रों ने बगरू, दौसा और सांगानेर की छह आर्टिजन क्लस्टर्स के साथ मिलकर कार्य किया। उन्होंने ग्रामीण हस्तशिल्प, सतत डिज़ाइन और बाजार की आवश्यकताओं की गहन समझ प्राप्त की।
छात्रों और कारीगरों ने संयुक्त रूप से 20 उत्पाद प्रोटोटाइप्स (टेक्सटाइल, इंटीरियर और ज्वेलरी श्रेणियों में) तथा 10 पैकेजिंग डिज़ाइन समाधान तैयार किए, जो परंपरा और नवाचार का बेहतरीन मिश्रण थे।

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समापन समारोह में रचनात्मकता का प्रदर्शन और प्रेरणादायक अनुभव
समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने अपने अंतिम डिजाइन प्रोजेक्ट्स की प्रस्तुतियाँ दीं और कारीगरों के साथ किए गए सहयोगी अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह पारंपरिक शिल्प तकनीकों को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़कर उन्होंने नए उत्पाद तैयार किए।
प्रदर्शनी में दिखी परंपरा और आधुनिकता की सुंदर झलक
समारोह के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें ब्लू पॉटरी, टेराकोटा, लकड़ी के शिल्प, बैग, आभूषण और वस्त्र शामिल थे। ये उत्पाद कारीगरों, फैकल्टी मेंटर्स और डिज़ाइन विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किए गए, जो राजस्थान की पारंपरिक कला और आधुनिक डिज़ाइन सोच का संगम प्रस्तुत करते हैं। प्रदर्शनी में यह स्पष्ट झलका कि किस प्रकार राजीविका प्रोजेक्ट ने ग्रामीण कला को वैश्विक बाजार से जोड़ने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।

ग्रामीण नवाचार की दिशा में बड़ा कदम
इस प्रोजेक्ट से न केवल कारीगरों को नई तकनीकों और सामग्रियों की जानकारी मिली, बल्कि छात्रों को वास्तविक परिस्थितियों में डिज़ाइन थिंकिंग लागू करने का अवसर भी मिला। सक्रिय भागीदारी और नवाचार के लिए छह कारीगरों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
समारोह का समापन अंतिम प्रोडक्ट प्रेजेंटेशन, रिपोर्ट सबमिशन और 2026 में प्रोजेक्ट के विस्तार की घोषणा के साथ हुआ। यह पहल ARCH कॉलेज की सामाजिक जिम्मेदारी और डिज़ाइन आधारित ग्रामीण सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
अर्चना सुराणा दोबारा चुनी गईं क्यूम्यलस एसोसिएशन एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बोर्ड सदस्य

आपको बता दें कि ARCH कॉलेज ऑफ डिज़ाइन एंड बिज़नेस की संस्थापक और निदेशक अर्चना सुराणा को क्यूम्यलस एसोसिएशन एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बोर्ड सदस्य के रूप में 2025–2028 कार्यकाल के लिए दोबारा चुना गया है।वे इससे पहले 2022 से 2025 तक उपाध्यक्ष (Vice President) के रूप में कार्य कर चुकी हैं।

यह चुनाव क्यूम्यलस नांत 2025 कॉन्फ्रेंस के दौरान संपन्न हुए, जिसका आयोजन एल’एकोल डी डिज़ाइन नांत अटलांटिक (L’École de Design Nantes Atlantique), फ्रांस में 3 से 7 जून तक किया गया। इसी सम्मेलन में रोम के सापिएंज़ा विश्वविद्यालय (Sapienza University of Rome) के प्रोफेसर लॉरेंजो इम्बेसी को भी दूसरी बार अध्यक्ष (President) के रूप में पुनः चुना गया।
क्यूम्यलस (Cumulus) दुनिया का अग्रणी वैश्विक संगठन है जो कला, डिज़ाइन और मीडिया शिक्षा एवं अनुसंधान को समर्पित है। यह 71 देशों के 395 सदस्य संस्थानों को एक साझा मंच पर जोड़ता है। वर्ष 1990 में आल्टो यूनिवर्सिटी (Aalto University) और रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट (Royal College of Art) द्वारा स्थापित यह संगठन डिज़ाइन शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान विनिमय को बढ़ावा देता है।
अर्चना सुराणा का पुनः चयन वैश्विक डिज़ाइन शिक्षा के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। वे लंबे समय से महिलाओं की भागीदारी को सशक्त बनाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने की दिशा में सक्रिय रही हैं। उनका योगदान क्यूम्यलस एसोसिएशन के उस मिशन को मजबूत करता है जो डिज़ाइन के माध्यम से सतत और समावेशी भविष्य के निर्माण पर केंद्रित है।
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