
वैदिक पंचांग से जानिए, कैसा रहेगा आज…?
वैदिक पंचांग (Vadic Panchang)
ज्योतिषी पूनम गौड़ के अनुसार आप का आज का दिन कैसे शुभ होगा?
जानिए वैदिक पंचांग से कुछ तरीके और उपाय।

सेलीब्रिटी ज्योतिष पूनम गौड़
दिनांक – 14 सितम्बर 2023 (Vadic Panchang)
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या अहोरात्रि
नक्षत्र – पूर्वफाल्गुणी 04:54 (15 सितम्बर) तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग – साध्य 02:57(15सितम्बर) तक तत्पश्चात शुभ
राहुकाल – 13:55 से 15:27 बजे तक
सूर्योदय – 06:14
सूर्यास्त – 18:30
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
पंचक –
व्रत पर्व – पितृकार्य अमावस्या/पिठौरी अमावस्या
पिठौरी अमावस्या प्रदोष मुहूर्त – 18:28 से 20:47 तक
15 सितंबर देव कार्य अमावस्या शुक्रवार
18 सितंबर हरितालिका व्रत सोमवार
19 सितंबर श्रीसिद्धिविनायक गणेशचतुर्थी मंगलवार
20 सितंबर ऋषि पंचमी व्रत पूजा बुधवार
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💥 (Vadic Panchang) विशेष:- अमावस्या को स्त्री सहवास नहीं करना चाहिए तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खण्ड 27.29-38)
👉पितृ कार्य अमावस्या के दिन अपने घर के रीति रिवाजों को पूरी तरह मनाएं।
👉आज के दिन अगर दक्षिण दिशा की ओर जाना हो तो तो पहले कुछ कदम किसी और दिशा में जाएं और फिर पलट कर अपने काम पर जाएं, दिशा शूल नहीं लगेगा।
👉अमावस्या को पत्ते तोड़ने से, पेड़, पौधे व लता काटने अथवा कटवाने से ब्रह्महत्या के समान पाप लगता है। ( विष्णु पुराण)
👉नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिये
👉घर में हर अमावस अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी।
👉धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।
⭐सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।
⭐(Vadic Panchang) विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।
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आहुति मंत्र
१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः
२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः