वैदिक पंचांग-धनु संक्रान्ती और आपका आज!

*~ वैदिक पंचांग ~*

आज वैदिक पंचांग-धनु संक्रान्ती में क्या है आपके लिए ?

जानिए वैदिक ज्योतिषी पूनम गौड से आज कैसा रहेगा आपका दिन?

दिनांक – 16 दिसम्बर 2023
दिन – शनिवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)
शक संवत – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमन्त ॠतु
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी 20:00 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – श्रवण सुबह 04:37 (17 दिसम्बर) तक तत्पश्चात धनिष्ठा
योग – व्याघात 03:38 (17 दिसम्बर) तक तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल – 09:00 – 10:30 तक
सर्वार्थसिद्धि योग – 07:07 से 04:37 (17 दिसम्बर) तक
रवि योग – 16:09 से 04:37 (17 दिसंबर)
सूर्योदय – 07:07
सूर्यास्त – 17:27
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व – धनु सक्रांति
विनायक चतुर्थी

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💥 विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का लाभ होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

👉विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं।

👉 विनायक चतुर्थी का उपवास करने से भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है। जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता है।

👉गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।

👉ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)

👉शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

👉हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

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👉षडशीति-धनु संक्रान्ती

👉16 दिसम्बर 2023 शनिवार को षडशीति संक्रान्ती है।
पुण्यकाल : शाम 04:09 से सूर्यास्त तक… जप,तप,ध्यान और सेवा का पूण्य 86000 गुना है !!!
👉इस दिन करोड़ काम छोड़कर अधिक से अधिक समय जप – ध्यान, प्रार्थना में लगायें।

👉षडशीति संक्रांति में किये गए जप ध्यान का फल ८६००० गुना होता है – (पद्म पुराण )

शक्ति संवर्धक आहार

👉बाजरे के आटे में तिल मिलाकर बनायी गयी रोटी पुराने गुड़ व घी के साथ खाना, यह शक्ति-संवर्धन का उत्तम स्रोत है। 100 ग्राम बाजरे से 45 मि.ग्रा कैल्शियम, 5 मि.ग्रा. लौह व 361 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। तिल व गुड़ में भी कैल्शियम व लौह प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए

👉तुलसी की अथवा गाय की ९ बार प्रदक्षिणा करने से व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है ..ऐसे ही ओंकार जप से सकारात्मक ऊर्जा के साथ भगवत प्रीति भी बढ़ती है तुलसी और गौ का आभा मंडल ३ मीटर की दूरी तक फैला होता है वैज्ञानिक लेमों मूर्ति ने कहा है कि गौ, तुलसी, पीपल, सफ़ेद आंकड़ा, गोबर ये घनात्मक ऊर्जा देते हैं।

पूनम गौड़ से ज्योतिषीय सलाह लेने के लिए 8826026945 पर व्हाट्सएप्प करें।

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