जयपुर में 25 दिनों तक महिला से बंधक बनाकर दुष्कर्म

जयपुर में 25 दिनों तक महिला से बंधक बनाकर दुष्कर्म

भाजपा ने गहलोत पर लगाया तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप

रसूखदारों के चंगुल में ई रिक्शा चालक

सरकार को बनानी चाहिए ई रिक्शा के लिए लिए नीति: चतुर्वेदी

 

जयपुर। भाजपा ने गहलोत सरकार पर दो अलग अलग मामलों को लेकर आज आरोप लगाए। अल्का गुर्जर ने गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर में 25दिन तक बालिकाओं को बंधक बनाकर उनके साथ दुष्कर्म हुए। इधर राजधानी में ई रिक्शा चालकों के साथ हो रहे दुर्व्यव्यवहार को लेकर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर में ई रिक्शा चालक रसूखदारों के चंगुल में फंस गए चुके हैं उन्हें नीति बनाकर गहलोत सरकार को राहत देनी चाहिए।

 

राजधानी में 25 दिनों तक बच्ची के साथ दुष्कर्म शर्मनाक: अलका गुर्जर

दरअसल आज जयपुर में भाजपा ने दो आयोजनों के तहत गहलोत सरकार पर हल्ला बोला। इसी कड़ में अल्का गुर्जर ने आरोप लगाया कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की नाक के नीचे 25 दिन तक बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा जाता है और शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता है, उनका ध्यान तो सिर्फ़ तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को बचाने में और सरकार को खुश करने में लगा रहता है। गहलोत ख़ुद गृहमंत्री हैं उनका यह दायित्व बनता है कि राजस्थान की माता और बहनों को सुरक्षित रखा जाये।

 

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यह सरकार घोर महिला विरोधी सरकार है। कभी बच्चियां भट्टी में जला दी जाती हैं, कभी उन पर तेज़ाब डालकर रेप करके कुंए में फेंक दिया जाता है परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि शासन और प्रशासन पूरी तरह मौन धारण किए रखता है । मैं इस सरकार की घोर निंदा करती हूं और मुख्यमंत्री से इस्तीफ़े की मांग करती हूं।

डॉ अलका ने कहा कि सरकार की विधायक खुद दिव्या मदेरणा स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं तो आम महिला की तो क्या स्थिति होगी इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पॉक्सो एक्ट में 2911 शिकायत दर्ज होती हैं और एफ़ आई आर सिर्फ़ 2 मामलों में दर्ज की जाती है।

 

गहलोत सरकार में  46 प्रतिशत महिला अत्याचारों में हुई वृद्धि 

डॉ अलका ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनके मंत्री पुत्रों, विधायकों पर महिला अत्याचारों के आरोप लगते हैं परंतु एक भी मामले में कार्यवाही नहीं होती है। और तो और इसी प्रदेश में पुलिसकर्मी महिला के साथ दुष्कर्म कर देता है , शिक्षक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है, पीएचईडी विभाग का बाबू बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है परंतु फिर भी ये सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने के नाम पर पूर्णत विफल रही है। आज महिलायें कही सुरक्षित नहीं हैं चाहे घर, ऑफिस, पुलिस स्टेशन, एंबुलेंस ही क्यों ना हो। गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद 46 प्रतिशत महिला अत्याचारों में वृद्धि हुई है और इनकी सरकार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि क्या अब हम सब घरों के बाहर सिपाही तैनात कर दें! इस प्रकार के ग़ैर ज़िम्मेदार बयान इनके महिला विरोधी चरित्र को उजागर करता है । 

मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है, को नैतिकता के नाते इस्तीफ़ा दे देना चाहिये 

इधर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने जयपुर में चल रहे ई रिक्शा के लिए सरकार से नीति की मांग की है। चतुर्वेदी ने राजस्थान सरकार से  पर्यावरण की रक्षा के लिए ई रिक्शा की जरूरत बताते हुऐ उन्हें परिवहन विभाग के नियमों के तहत लाकर जयपुर शहर की बेतरतीब यातायात व्यवस्था को सुधारने की मांग की है।

ई रिक्शा के सरकार बनाए नीति

चतुर्वेदी ने कहा कुछ रसूखदारों ने ई रिक्शा नीति नहीं होने के कारण सरकार ने गरीब की रोटी छीनने का काम किया है। डा. चतुर्वेदी ने कहा कि जयपुर में हजारों की संख्या में ई रिक्शा चल रहे हैं इनके लिए कोई नियम और प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। साथ ही ई चार्जिंग स्टेशन नहीं होने के कारण कुछ रसूखदार लोग जिन्होंने बड़ी संख्या में ई रिक्शे खरीद रखे हैं, सरकारी बिजली के खंबों से अवैध रूप से बिजली लेकर ई रिक्शो को चार्ज कर सरकारी कोष को चूना लगा रहे हैं।

 

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चतुर्वेदी ने भारी संख्या में चल रहे ई रिक्शा चालकों की नागरिकता को लेकर भी संदेह प्रकट किया है, साथ ही शहर प्रशासन को ई रिक्शा नीति बनाने के साथ ही उनके सत्यापन कराने की भी मांग करते हुए कहा कि जयपुरवासियों की सुरक्षा को देखते हुए ई रिक्शा चालकों और मालिकों का सर्वे कराया जाए।

जयपुर में पहले बड़ी संख्या में मानव चालित रिक्शे चलते थे इन रिक्शों के लिए नगर निगम से नीति बनी हुई थी, जिससे गरीब आदमी को रोजगार मिल रहा था लेकीन ई रिक्शा नीति और नियम नहीं होने से वास्तविकता में जिस गरीब को रोजगार मिलना चाहिए, उसकी रोजी-रोटी पर रसूखदार का कब्जा हो गया। नियम के अभाव में शहर प्रशासन गलत और बेतरतीब ई रिक्शा चालकों पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर पा रहा है। अकेले जयपुर में इस समय दस हजार से ज्यादा ई रिक्शा चल रहे हैं जो रामगंज बाजार, ईद गाह, बड़ी चौपड़, सुभाष चौक, रेलवे स्टेशन की यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।

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