चिंतन, फिर भी चिंता बरकरार…

चिंतन, फिर भी चिंता बरकरार…

नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई कुछ नहीं बोला शिविर में

 

विजय श्रीवास्तव,

 

उदयपुर। प्रदेश में हुए तीन दिवसीय चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस ने अपनी दिशा-और दशा के बारे में क्या सब कुछ सामने रख दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार तो हां लेकिन राज्य की जनता और युवाओं के मन आज भी शायद इस सवाल का जवाब नहीं कौंध रहा है कि प्रदेश के बारे में कोई महत्वपूर्ण निर्णय शिविर से निकलकर नहीं आया। क्योंकि शायद राज्य की जनता या यूं कहना भी गलत नहीं होगा कि सचिन पायलट के समर्थक युवा राज्य में नेतृत्व के संबंध में कोई बड़ा फैसला इस शिविर में लिए जाने की आस लगाए बैठे थे।

गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से राजस्थान की राजनीतिक में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री पद को लेकर चुनावों के बाद से ही चल रहा रस्साकसी का दौर आज भी जारी है। सरकार में परिवर्तन करने के प्रयासों को लेकर काफी महत्वपूर्ण घटनाक्रम प्रदेश में हो चुका है और उसके बाद दिल्ली में भी घटनाक्रम पर लिए गए फैसलों से हर कोई वाकिफ है। अब राजस्थान में चिंतन शिविर से लोगों ने उम्मीदें बांध ली थीं कि शिविर से राजस्थान के हालातों पर भी कोई फैसला आएगा।

 

आचार्य प्रमोद कृष्णम नव संकल्प शिविर के मीडिया सेंटर में

सचिन पायलट और नेतृत्व को लेकर होती रहीं चर्चाएं

कांग्रेस के नव संकल्प शिविर के मीडिया सेंटर पहुंचे सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्नम ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि कहा कि कांग्रेस में प्रदेशाध्यक्ष को ही सीएम की कुर्सी दी जाती रही है। पिछले विधानसभा चुनावों में जब सचिन पायलट पीसीसी अध्यक्ष थे तब उन्होंने कांग्रेस के लिए परिपाटी के अनुसार जी तोड़ मेहनत की और कांग्रेस उनकी मेहनत की वजह से सत्ता में भी आई लेकिन जब कुर्सी पायलट को सौंपने की बारी आई तो उनके साथ नाइंसाफी हुई जो कि मुझे लगता है गलत है। आचार्य प्रमोद ने कहा कि सचिन पायलट को पद मिलना चाहिए। कांग्रेस आलाकमान से हमें यह उम्मीद है कि जल्द ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद दिया जाना चाहिए। इधर कांग्रेस में राष्ट्रीय नेतृत्व की जिम्मेदारी भी राहुल गांधी को सौंपे जाने की आचार्य ने उम्मीद जताई।

 

जो जिम्मेदारी मिलेगा उसे निभाउंगा:

सचिन पायलट भी नव संकल्प शिविर में मौजूद रहे। चूंकि शिविर स्थल पर मीडिया और आम आदमी के जाने पर मनाही थी इसलिए सचिन पायलट के मीडिया सेंटर पहुंचने पर उनसे सवालों के जवाब में पायलट ने कहा कि कांग्रेस में शिविर के बाद बड़े बदलाव हो सकते हैं। युवाओं को पार्टी में आगे आने का मौका मिलेगा और इस बारे में सोनिया जी ही निर्णय देंगी। पार्टी में पायलट की आगामी स्थिति पर पायलट ने कहा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे पूरी ईमानदारी और शिद्दत से निभाउंगा।

 

गहलोत के विक्ट्री साइन ने बदला माहौल

शिविर में पायलट और आचार्य प्रमोद के बयान के कुछ देर बाद मुख्यमंत्री गहलोत मीडिया सेंटर में पत्रकारों से रूबरू हुए उन्होंने मीडिया को विक्ट्री साइन दिखाया तो उनके हावभाव बता रहे थे कि आलाकमान से फिर उन्हें स्पष्ट संकेत मिल गए हैं। मीडिया से रूबरू होते वक्त गहलोत काफी रिलेक्स नजर आ रहे थे। गहलोत की एक तस्वीर ने पूरे मीडिया सेंटर और शिविर में मौजूद लोगों का माहौल ही बदल दिया।

 

हालांकि एक बात तो पहले से ही तय थी कि कांग्रेस के इस शिविर में किसी भी प्रदेश के वर्तमान हालातों पर चिंतन की जगह कांग्रेस की देश में स्थिति को सुधारने, उसे और मजबूत तथा प्रभावशाली बनाने के लिए चिंतन और मनन किया जाएगा। ऐसे में इस के अंत में जो परिणाम निकलकर आया वो भी ये ही था कि किस तरह देशभर में कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में अपना खोया हुआ कद हासिल कर सकती है। इसके लिए कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं की पार्टी में अधिक भागीदारी, एक व्यक्ति एक पद, एक पद पर पांच साल से अधिक नहीं रखने का फॉर्मूला तय किया गया।

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