
गहलोत-वसुंधरा में, ये तो होना ही था…!
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिया पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा का सहारा
गहलोत बोले “2020 में वसुंधरा राजे ने बचाई थी कांग्रेस की सरकार”, वसुंधरा बोलीं “हार के डर से झूठ बोल रहे हैं अशोक गहलोत”
विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली। राजस्थान में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं एक दूसरे दलों पर जहां आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है वहीं इसके इतर प्रदेश की राजनीति में जादूगर कहे जाने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब एक नया पैंतरा अपनाया है। गहलोत ने प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कंधे पर रखकर बंदूक चला दी है। गहलोत के वसुंधरा राजे पर उनकी सरकार को बचाने के बयान से प्रदेश की सियासत में बवाल मच गया है।
दरअसल एक मंच पर सार्वजनिक संबोधन में मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 ने 2020 में भाजपा पर उनकी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि संकटकाल में प्रदेश सरकार को #वसुंधरा राजे और #कैलाश मेघवाल ने ही संकट की घड़ी से उबारा था। #मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान से प्रदेश की सियासत में बवाल मच गया है। गहलोत के इस दावे से न सिर्फ वसुंधरा राजे पर भाजपा के विरुद्ध जाने बल्कि कैलाश मेघवाल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

फोटो साभार सोशल मीडिया
जादूगर का नया पैंतरा
यूं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की राजनीति में #जादूगर कहे जाते हैं और ये भी कहा जाता है कि वे किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए कोई न कोई ऐसा पैंतरा अपना लेते हैं कि गैर तो गैर अपनों को भी समझ नहीं आता कि उन्होंने क्या किया? दरअसल प्रदेश में इसी साल @विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीति के धुरंधरों का ये कहना है कि अगर अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक होकर चुनाव नहीं लड़ते हैं तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होना नामुमकिन है। ऐसे में एक बार फिर अशोक गहलोत ने 2020 में उनकी सरकार को गिराने के लिए उन्हीं की पार्टी के विधायकों द्वारा की गई बगावत का मुद्दा उठाते हुए इस पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित प्रदेश की विपक्षी नेता @VasundharaBJP और #कैलाश मेघवाल को भी लपेट लिया है। गौरतलब है कि पार्टी के ही वरिष्ठ नेता सचिन पायलट पर आरोप हैं कि तब पार्टी में डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में 18 विधायकों ने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी, तब दिल्ली से आलाकमान के मामले में दखल देने के बाद करीब 28-29 दिन चले सियासी मैलोड्रामे का अंत हो पाया था और इसी के चलते @SachinPilot को डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया गया था।
दिया गया था।
गहलोत ने साधे एक तीर से दो निशाने, बोले “मैं इसे कभी नहीं भूल सकता” गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने बयान से एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक ओर तो उन्होंने वसुंधरा का नाम लेकर भाजपा में वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल पर शक की सुई उनकी तरफ कर दी है वहीं प्रदेश के लोगों के सामने एक बार फिर सचिन पायलट को बेवफाई के लिए सामने कर दिया है। धौलपुर में एक सार्वजनिक सभा में सीएम गहलोत ने कहा कि जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे तब पूर्व सीएम भैरोसिंह शेखावत की भाजपा सरकार को गिराने के प्रयास में समर्थन देने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और विधायक कैलाश मेघवाल ने भी हमारी सरकार का साथ देते हुए 2020 में बगावत के समय कहा था कि राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की कोई परंपरा नहीं है। गहलोत बोले वसुंधरा और मेघवाल ने अपनी अंतरआत्मा की बात को माना और हमारी सरकार अल्पमत में आने से बच गई, मैं इस घटनाक्रम को कभी नहीं भूल सकता।
“भाजपा ने राजस्थान में पैसा बांटा” गहलोत
सीएम गहलोत ने अमित शाह, #गजेंद्र शेखावत और #धर्मेंद्र प्रधान पर भी उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया। गहलोत बोले कि 2020 में भाजपा ने राजस्थान में मेरी पार्टी के विधायकों को पैसा बांटा और अब वापस नहीं ले रहे हैं। ऐसे में विधायकों पर उनका दबाव है। मैंने उन विधायकों से कहा कि अगर 10-15 करोड़ में से कुछ खर्च भी हो गया है तो मैं पार्टी से बात करके उन्हें दिलवा दूंगा वे उन लोगों के पैसे वापस लौटा दें।
वसुंधरा की सफाई, हार के डर से गलत बयानबाजी कर रहे CM गहलोत
वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत के इस बयान को पूरी तरह मिथ्या और गलत बताते हुए कहा है कि गहलोत आगामी चुनाव में हार के डर से झूठ बोल कर लोगों को बरगलाने की बातें कर रहे हैं। गहलोत पार्टी के निष्ठावान नेता अमित शाह पर भी गलत आरोप लगा रहे हैं। अगर @विधायकों को पैसा बांटा गया है तो वे @एफआईआर दर्ज करावें, रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं। सही बात तो ये है कि वे अपनी पार्टी के टूटते हुए जनाधार से डरे हुए हैं और वे चुनावों में अपनी पार्टी की हार के डर से लोगों पर गलत आरोप लगा रहे हैं। मेरा जितना अपमान गहलोत ने किया कोई नहीं कर सकता। उनके मनगढ़ंत आरोपों के बाद भी उनकी चाल कामयाब नहीं होगी।