
पूरा देश बना “अग्निपथ” !
पूरा देश बना “अग्निपथ” !
सेना भर्ती की नई योजना को लेकर देशभर में युवाओं का हंगामा
राजनीतिक दल भी सेक रहे अपनी रोटियां
विजय श्रीवास्तव,
दिल्ली। सेना में अग्निवीरों की भर्ती को लेकर पूरे देश में मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ही सेना में जवानों की नई भर्ती योजना अग्निपथ का ऐलान किया था। लेकिन सेना में केवल चार साल के लिए ही भर्ती के बाद जवानों का क्या होगा साथ ही 17.5 से केवल 21साल तक के युवाओं को ही इस भर्ती में मौका दिए जाने से नाराज युवाओं ने तीन दिनों से देशभर के कई राज्यों में जो हंगामा मचा रखा है वो वाकई शर्मनाक है। विषय विशेषज्ञों की मानें तो देशभर में इस तरह युवाओं को सड़कों पर उतरना और राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना उनके अकेले के बस में नहीं।
कुछ विश्लेषकों को मानना है कि इनके पीछे जरूर कोई राजनीतिक साजिश काम कर रही है। नहीं तो पहले देश के युवाओं ने कभी भी इस तरह का हंगामा नहीं किया। पिछले तीन दिनों से पूरे देशभर में हंगामा मचा हुआ है। कहीं युवा ट्रेनों में आग लगा रहे हैं, तो कहीं बसें फूंकी जा रही हैं तो कहीं सरकारी संपत्तियों को सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवा नुकसान पहुंचा रहे हैं।

रेलवे और बसों में लूट और आगजनी से लाखों लोग परेशान
तीन दिन में 13राज्यों बिहार, यूपी, जम्मू, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, बंगाल, मध्यप्रदेश, हिमाचल, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और महाराष्ट्र भी में युवाओं ने कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया, जिससे करोड़ों रुपए की राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा है। युवा सड़कों पर टायर जलाकर जाम लगा रहे हैं, पुलिसवालों पर पथराव कर अपना गुस्सा जता रहे हैं। पुलिस ने अकेले बिहार में 650 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं वहीं अलग अलग राज्यों में अब तक हिंसा फैलाने के मामले में 172 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। रेलवे ने हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए अब तक करीब 164 ट्रेनों को रद्द कर दिया है वहीं 240 ट्रेनों प्रभावित हुई हैं। लोगों को जान जोखिम से बचाने के लिए रेलवे यह कदम उठाया है हालांकि देशभर में रेल यात्रियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। लोगों के युवाओं के इस तरह के प्रदर्शन से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि युवा न सिर्फ प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के साथ-साथ लूटपाट जैसी घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं।
क्या है सेना में “अग्निपथ” योजना?
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री के ऐलान के अनुसार देशभर में चार साल के लिए सेना 17.5साल से लेकर पहले 21 अब नए ऐलान के अनुसार 23साल तक के युवाओं को सेना में भर्ती करेगी। उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें हर परिस्थिति के लिए एक सिपाही की तरह तैयार किया जाएगा यानि सेना में 4साल के लिए नौकरी करने का देश के युवाओं को सेना एक अवसर प्रदान करेगी। ट्रेनिंग और योग्यता चयन के आधार पर सेना में “अग्निवीर” के पद पर युवाओं की भर्ती होगी। जिसके लिए प्रतिमाह 30 हजार रुपए बतौर सेलेरी दी जाएगी। साथ ही चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें करीब 12लाख रुपए बतौर पीएफ और अन्य लाभ एक मुश्त अलग से मिलेगा। ऐसे में वे सेना से रिटायर्ड जवान कहलाएंगे। घोषणा के अनुसार कुछ लोगों को सेना में नौकरी आगे भी जारी रखने का मौका मिलेगा लेकिन इसके साथ ही रिटायर्ड जवानों को सेना सहित देशभर के विभिन्न संस्थानों में आरक्षण के अनुसार नौकरी भी मिल सकेगी।
क्यों हो रहा है विरोध?
जानकारों की मानें तो सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को ऐसा लग रहा है कि सेना में भर्ती केवल चार साल के लिए ही क्यों? इसके बाद हम युवा कहां जाएंगे? हमें नौकरी कौन देगा? और अगर सेना में भर्ती ही कर रहे हैं तो फिर इसे आगे लगातार क्यों जारी नहीं रखा जा सकता है।
देशभर में चल रहे प्रदर्शन पर किसने क्या कहा ?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि देश में शांति का माहौल बनाए रखना चाहिए, कुछ ही दिनों में सेना में भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है तो युवाओं को तैयारी में जुटना चाहिए। शाहनवाज हुसैन ने कहा युवाओं से योजना समझने में हुई है गलती तो सुशील मोदी ने युवाओं के हिंसक प्रदर्शन को लेकर निंदा व्यक्त की।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस योजना से लाखों युवाओं को लाभ मिलेगा, युवाओं के लिए योजना में 21की जगह अब आयु सीमा में 2साल की छूट देकर इसे 23वर्ष कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भर्ती का विरोध राज्यों में युवाओं की आड़ में राजनीतिक दल के लोग कर रहे हैं। पुलिस को पहचान करना चाहिए कि युवाओं की आड़ में कौन-कौन से राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेकने में लगे हैं।
इधर राहुल गांधी ने कहा कि अग्निपथ योजना को युवाओं ने नकारा, किसान कानून को किसानों ने खारिज किया, नोटबंदी को अर्थशास्त्रियों तो जीएसटी को व्यापारियों ने नकारा है। देश की जनता क्या चाहती है ये प्रधानमंत्री नहीं समझते हैं, क्योंकि उन्हें अपने दोस्तों की आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने योजना को लेकर युवाओं को मोदी सरकार से सतर्क रहने की नसीहत दी। तो तेजस्वी यादव ने अग्निपथ योजना को ठेका प्रथा बताया। जीतनराम मांझी ने इस योजना को राष्ट्रहित के लिए खतरनाक बताया।
