
‘किसान कर्ज राहत आयोग’ की राह हुई आसान
राजस्थान में अब किसानों की जमीन नहीं होगी नीलाम…!
विधानसभा में पारित हुए विधेयक से किसानों को मिलेगी कर्ज में राहत
जयपुर। विधानसभा में गुरुवार को किसान कर्ज आयोग का रास्ता और सुगम हो गया है। विधानसभा में इसको लेकर प्रस्तावित विधेयक को सदन से हरी झंडी मिल गई है। अब किसानों पर किसी भी कारण से फसल खराब होने पर कर्ज वसूली के लिए न बैंक और न ही किसी वित्तीय संस्थान का दबाव नहीं रहेगा। किसान लंबे समय से फसल खराबे के स्थिति में कर्ज माफी की मांग करते आए हैं।
विधानसभा में पारित विधेयक की स्वीकृति के बाद अब किसानों को राहत मिलेगी।अब किसाना फसल खराब होने की स्थिति में आयोग के पास आवेदन कर अपनी फसल पर लिए गए ऋण को माफ करने की बात रख सकेंगे। वहीं आयोग भी किसानों को राहत देने में पूरी तरह से सक्षम होगा।
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किसानों को राहत देने के लिए किसान कर्ज राहत आयोग के अध्यक्ष पद के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज का प्रावधान किया गया है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस आयोग में चार सदस्य होंगे जिसमें ACS स्तर के रिटायर अधिकारी, रिटायर बैंकिंग सेवा के अफसर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश और कृषि विशेषज्ञ शामिल होंगे। साथ ही सहकारी समितियों में रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। किसान कर्ज राहत आयोग के पास न्यायालय जैसे अधिकार सुरक्षित रहेंगे। ताकि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में अगर किसान आवेदन करता है या आयोग खुद अपने स्तर पर समझता है कि अगर हालात वाकई खराब है तो ऐसी स्थिति में वह किसान को संकटग्रस्त किसान घोषित कर सकता है। ऐसी स्थिति में संबंधित किसान से बैंक जबरदस्ती कर्ज की वसूली नहीं पर पाएगा।