सिब्बल की सीख पर राहुल-युवा कार्यकर्ताओं की नाराजगी नाजायज !

सिब्बल की सीख पर राहुल-युवा कार्यकर्ताओं की नाराजगी नाजायज !

सिब्बल की सीख पर राहुल-युवा कार्यकर्ताओं की नाराजगी नाजायज !

 

-विजय श्रीवास्तव-

दिल्ली: योग्यता और अनुभव बनाता है पार्टी को मजबूत

कपिल सिब्बल की सीख से कांग्रेस के अधिकतर युवा नेता नाराज

किसी भी पार्टी में पद के लिए योग्यता का मापदंड होना चाहिए जरूरी

तो इसमें क्या गलत कह दिया कपिल सिब्बल ने?

राजनीति के पंडितों की मानें तो कांग्रेस में सब कुछ नहीं हो रहा सही

शायद इसीलिए कांग्रेस आज भुगत रही अपनी ही गलतियों की सजाा

वरिष्ठ नेताओं का सम्मान और सलाह ले जाती है किसी भी पार्टी को बुलंदियों पर

और राजनीति में अनुभव के आगे सब कुछ हो जाता है बोना

कहतें हैं अति हर चीज की होती है बुरी…

फिर पार्टी ने तो पदों को बांटने में हमेशा अति को भी छोड़ दिया पीछे

जिस पर अपना मानकर किया सबसे ज्यादा विश्वास, उसने दो पल में ही छोड़ा साथ

बरसों पार्टी ने जिसे सहेजा, क्या उसका दो पल में ही पार्टी से अलग होना जायज?

पार्टी में नए लोगों के आते ही क्या पुरानों को नहीं करना चाहिए सपोर्ट ?

अगर इसका जवाब हां है तो अमरिंदर सिंह ने क्यों छोड़ दी पार्टी ?

कांग्रेस ने बरसों उन्हें नवाजा बड़े पदों से, साढ़े नौ साल तक लगातार रहे सीएम भी

अब पद से हटाया तो पार्टी सिर्फ 12 दिन में ही हो गई कांग्रेस पराई

ऐसे कई अन्य उदाहरण भी हैं कांग्रेस के सामने, फिर भी नहीं ली सीख

अशोक तंवर छह साल तक रहे हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष, हटाते ही छोड़ी थी पार्टी

भूपेंद्र हुड्डा 10 साल तक रहे सीएम, अब बेटे के लिए दिखा रहे पार्टी को आंखें !

डॉ. अजय कुमार झारखंड में दूसरे दल से आकर बने प्रदेशाध्यक्ष, हटाते ही छोड़ी पार्टी

 बिहार में अशोक चौधरी भी 4साल तक रहे प्रदेशाध्यक्ष, हटाते ही छोड़ी कांग्रेस

कांग्रेस में ऐसे और बहुत से उदाहरण हैं जिन्हें बिना योग्यता मिलता रहा पद

और जब योग्यता साबित करने की बात आई तो जिसने पहचान बनाई उसे मारी लात

ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, प्रियंका चतुर्वेदी, सुष्मिता देब..

.. और अभिजीत मुखर्जी ऐसे ही ताजा उदाहरण हैं कांग्रेस के सामने

ऐसे में पुराने और अनुभवी नेताओं की बात कैसे हो सकती है गलत

नाराज नेताओं की सीख और बातें दोनों ही हर पहलु से नजर आती हैं जायज

बिना अनुभव और योग्यता के पार्टी में पद दिया जाना होना चाहिए बंद

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पार्टी के लिए ये हैं दुखद संकेत

अगर कांग्रेस अब भी नहीं संभली तो हो जाएगी अस्तित्वविहीन!

 

 

 

 

 

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