भाजपा की या अपनी ही चाल में फंसी सपा ?

भाजपा की या अपनी ही चाल में फंसी सपा ?

भाजपा की या अपनी ही चाल में फंसी सपा ?

विजय श्रीवास्तव,

लखनऊ।

भाजपा की या अपनी ही चाल में फंसी सपा ?

विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर यूपी में राजनीति सरगर्मियां तेज

यूपी में शतरंज की बिसात पर दौड़ रहे राजनेता

कोई यहां तो, कोई वहां दौड़कर अपनी सीट तय करने की जुगत में

वर्तमान-पूर्व मंत्री और नेताओं को सता रही कुर्सी की चिंता

भाजपा और सपा दोनों ने ही दौड़ में लगा रखा दम

भाजपा अपने विकास कार्यों के दम पर उतरी चुनावी मैदान में

तो विपक्षी नेता अखिलेश पार्टी की पुरानी साख के दम पर चुनावी मैदान में

राजनीति के विशेषज्ञों की मानें तो ये है भाजपा की सोची-समझी बाजी

सपा की सोच से इतर भाजपा के चाणक्य ने चली अपनी चाल!

सपा में भीड़ बढ़ाकर सपा से अपनों को दूर करने की चाल

भाजपा ने नेताओं को एक-एक कर भेजना शुरू किया सपा में

भाजपा की इस चाल को जोड़कर देखा जा रहा हाल में हुए एक राज्य के चुनावों से

जानकारों के अनुसार हाल ही में भाजपा ने बिछाई थी एक राज्य में ऐसी ही बिसात

हालांकि भाजपा नहीं जीत पाई थी उस राज्य में विधानसभा चुनाव

तो क्या वाकई भाजपा ने रच दिया है सपा के लिए चक्रव्यूह ?

ऐसे में सपा में अपनों को कैसे मिलेगा टिकटों का तोहफा ?

इधर सपा की रैलियों में भीड़ देख भी अन्य दलों के नेता दौड़ रहे सपा की ओर

आखिर सपा इतने नेताओं को कैसे और कहां खपाएगी ?

सपा में बाहरी को मिलेगी तवज्जो या अपनों को मिलेगा महत्व?

क्या भाजपा ने अपनों को सपा में भेज बढ़ा दी सपा की परेशानी?

ऐसे में अखिलेश के पास किसको,कहां,कैसे, सीट देने का मसला

इधर भाजपा नेता दूर बैठकर ले रहे सपा के मजे

शायद भाजपा को नहीं यूपी जीतने की चिंता

सूत्रों की मानें तो अपने पांच साल के विकास को लेकर भाजपा है आशान्वित

एक बार फिर से यूपी में अपनी सरकार बनाने को लेकर आशान्वित

लेकिन दूसरी ओर सपा व अन्य दलों के नेता भी थाम रहे भाजपा का दामन

हाल ही में सपा सुप्रीमो के परिवार की छोटी बहु शामिल हुई भाजपा में

इससे पहले मुलायम के बड़े भाई की बेटी भी शामिल हो चुकीं भाजपा में

और आज मुलायम के साढ़ू ने भी थाम लिया भाजपा का झंडा

इतने बड़े राजनैतिक दल सुप्रीमो के परिवार के 3सदस्य आ चुके भाजपा में

ऐसे सपा में दरार पड़ने की बातें एक बार फिर से आ रहीं सामने

इधर अखिलेश ने आजमगढ़ की जगह अब चुना मैनपुरी को

अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल से उतरेंगे चुनावी मैदान में

क्या अखिलेश यादव को आजमगढ़ में था जीत पर संशय?

अगर नहीं तो फिर क्यों अखिलेश ने बदला अपना फैसला

आजमगढ़ की जगह मैनपुरी से चुनाव लड़ने का फैसला

इधर भाजपा में भी शायद है योगी की सीट को लेकर संशय

तभी तो अयोध्या को छोड़ पुन: पहुंचे गोरखपुर सीट पर

इन सबके इतर कांग्रेस में भी मची है भागमदौड़

कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हो चुके भाजपा में

तो कई अभी भी सपा का दामन थामने को लालायित

अब ये देखना होगा रोमांचभरा कि कौन आएगा सत्ता में ?

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