
स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन 2025, हार्डवेयर एडिशन ग्रेंड फिनाले में जुटेंगे 120 स्टूडेंट्स, MUJ में होगा फिनाले
मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर करेगा हार्डवेयर एडिशन ग्रेंड फिनाले की मेजबानी
120 छात्र इनोवेटर्स प्रस्तुत करेंगे वास्तविक समस्याओं के समाधान
देशभर से 8 राज्यों की 20 टीमें पहुंचीं एमयूजे
पांच दिवसीय मैराथन प्रोटोटाइप डेवलपमेंट की शुरुआत
मंत्रालयों द्वारा दिए गए वास्तविक प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स पर होगा समाधान निर्माण
विजय श्रीवास्तव,
मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (एमयूजे) में आज से शुरू हुआ स्मार्ट इंडिया हैकेथन (SIH) 2025 हार्डवेयर एडिशन ग्रैंड फिनाले, जिसमें देशभर के 120 छात्र इनोवेटर्स वास्तविक सामाजिक, तकनीकी और औद्योगिक समस्याओं के समाधान पर काम कर रहे हैं। भारत सरकार की नवाचार-आधारित नीति के तहत आयोजित यह पांच दिवसीय कार्यक्रम 12 दिसंबर 2025 तक चलेगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी नवाचार को गति देने वाले सबसे बड़े आयोजनों में गिना जा रहा है।

एमयूजे बना राष्ट्रीय नोडल सेंटर, भारत के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल का हिस्सा
स्मार्ट इंडिया हैकेथन, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित है, जिसका उद्देश्य छात्रों में नवाचार, वैज्ञानिक सोच और समस्या-समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देना है। इसी कड़ी में मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर को लगातार दूसरे वर्ष हार्डवेयर एडिशन के नोडल सेंटर के रूप में चुना गया है।
देशभर में इस वर्ष कुल 60 नोडल सेंटर घोषित किए गए हैं—
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42 सॉफ्टवेयर एडिशन
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18 हार्डवेयर एडिशन
एमयूजे इससे पहले भी दो सॉफ्टवेयर एडिशन और एक हार्डवेयर एडिशन की मेजबानी कर चुका है, जो नवाचार-आधारित शिक्षा में उसकी मजबूत राष्ट्रीय पहचान को रेखांकित करता है।
20 शॉर्टलिस्टेड टीमें, 120 इनोवेटर्स — 8 राज्यों से प्रतिभागियों का आगमन
एमयूजे में आयोजित SIH 2025 हार्डवेयर एडिशन ग्रैंड फिनाले में कुल 20 टीमें चयनित हुई हैं, जिनमें 120 इनोवेटर्स शामिल हैं। प्रतिभागी तमिलनाडु, ओडिशा, नागालैंड, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पुडुचेरी से पहुंचे हैं फिनाले में।
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79 पुरुष इनोवेटर्स
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41 महिला इनोवेटर्स
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26 फैकल्टी मेंटर्स
चार प्रमुख प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स
जिन पर हार्डवेयर प्रोटोटाइप विकसित किए जाएंगे, वे हैं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MoDoNER), AICTE और सिक्किम सरकार। इन समस्याओं पर टीमें उद्योग विशेषज्ञों, तकनीकी मेंटर्स और मूल्यांकनकर्ताओं के मार्गदर्शन में प्रोटोटाइप तैयार करेंगी।
“नवाचार ही आत्मनिर्भर भारत की दिशा” — प्रो. नीतू भटनागर, प्रोवोस्ट एमयूजे
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर की प्रोवोस्ट प्रो. (डॉ.) नीतू भटनागर ने कहा “स्मार्ट इंडिया हैकेथन जैसे आयोजन छात्रों को वैज्ञानिक सोच और नवाचार के माध्यम से वास्तविक चुनौतियों को हल करने में सक्षम बनाते हैं। एमयूजे को गर्व है कि वह युवा प्रतिभाओं को समाज के लिए प्रभावी तकनीकी समाधान विकसित करने का मंच दे रहा है।”

उन्होंने बताया कि यह एमयूजे का चौथा हैकेथॉन है। विश्वविद्यालय की तीन टीमें भी इस वर्ष चयनित हुई हैं। हमारी यूनिवर्सिटी की एक टीम NTRO (National Technical Research Organisation) के साइबर सुरक्षा प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम कर रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल विषय है। “साइबर सिक्योरिटी आज सभी देशों के लिए चुनौती है, और मणिपाल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स देश को इसका समाधान देने में सक्षम है।”
सरकार दे रही पूरा खर्च, एमयूजे में आवासीय सुविधा
8 राज्यों की टीमें अपने-अपने प्रोजेक्ट्स को आंशिक रूप से तैयार करके लाई हैं, जिन्हें अगले 5 दिनों में अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत सरकार यात्रा, प्रोजेक्ट निर्माण, तकनीकी सहायता का खर्च वहन कर रही है। जबकि मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर यहाँ आवास, भोजन और स्थानीय सुविधाएं प्रदान कर रही है। यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को नवाचार-आधारित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ाने का बड़ा कदम साबित होगा।
“भारत अब अपनी जरूरतें खुद पूरी करने की ओर”
एसआईएच के मीडिया सलाहकार डॉ. पुनीत शर्मा ने भी मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “यह युवा नवप्रवर्तकों के लिए अपने नवाचार के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने का एक अवसर है।” उन्होंने 2017 में शुरुआत से लेकर अब तक स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की यात्रा पर प्रकाश डाला।
विविध समस्या विवरण, गहन मेंटरिंग और प्रतिभाशाली युवा दिमागों की भागीदारी के साथ, एमयूजे में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकेथन हार्डवेयर एडिसन की ग्रैंड फिनाले भारत के लिए नवाचार-आधारित और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

एसआईएच के मीडिया एडवाइजर पुनीत शर्मा ने कहा “हमारी रोजमर्रा की चीज़ों पर निर्भरता पहले दूसरे देशों पर अधिक थी, लेकिन अब भारत का ओरिएंटेशन बदल रहा है। पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों से प्रॉब्लम स्टेटमेंट लेकर देश खुद उन समस्याओं के समाधान पर काम कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा “AI असिस्टेंस हर क्षेत्र में आवश्यक हो चुका है। यह एक एड-ऑन फीचर है जो परफॉर्मेंस को बेहतर बनाता है। मल्टीडिसिप्लिनरी अप्रोच से विभिन्न विषयों के छात्र एक ही प्रोजेक्ट में मिलकर काम कर सकेंगे।” प्रोजेक्ट पेटेंट पर उन्होंने बताया “फंडिंग मंत्रालय द्वारा दी जाती है, इसलिए पेटेंट संयुक्त रहेगा। छात्र चाहें तो अपनी कंपनी खोल सकते हैं, लेकिन प्रोजेक्ट बेच नहीं सकते।”
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