राजस्थान के सीएम के फैसले में प्रधानमंत्री असमंजस में, भजनलाल हो सकते सीएम…?

राजस्थान के सीएम के फैसले में प्रधानमंत्री असमंजस में, भजनलाल हो सकते सीएम…?

राजस्थान में सीएम फेस के लिए वसुंधरा राजे के अलावा कई नामों की चर्चा

एमपी में नए चेहरे को मौका देने के बाद अब नई अटकलें, भजनलाल के नाम पर सहमति संभव

राजस्थान में वसुंधरा राजे के साथ बातचीत के बाद हो सकता अहम फैसला

राजस्थान में भी मुख्यमंत्री पद के लिए नया चेहरा लाने की तैयारी में भाजपा

MP की तर्ज पर राजस्थान में नए चेहरे के तौर पर भजनलाल शर्मा-दीप्ती माहेश्वरी-गोपाल शर्मा के नाम की चर्चा

 

विजय श्रीवास्तव। 

जयपुर। पांच राज्यों में चुनावों के बाद मध्यप्रदेश में आज मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी गई है। भाजपा आलाकमान की ओर से मध्यप्रदेश में नऐ चेहरे के तौर पर मोहन लाल यादव के नाम पर मुहर लग गई है। वहीं मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ साथ भाजपा की ओर से दो डिप्टी सीएम राजेश शुक्ला और दलबीर देवड़ा के नाम पर मुहर लग चुकी है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की घोषणा हो चुकी है। मध्यप्रदेश में काफी वरिष्ठ, अनुभवी और वेलनॉन चेहरों को दरकिनार कर नए चेहरे को सीएम पद पर बिठाया जा रहा है।

एमपी में सीएम फेस की घोषणा के बाद राजस्थान में भी नए चेहरे को लेकर प्रदेश की राजनीति पारा चढ़ा हुआ है। ऐसे में राजस्थान के सियासी गलियारों में वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह, राज्यवर्धन राठौड़, अश्विनी वैष्णव, ओम प्रकाश माथुर और प्रकाश गुप्ता के नाम के साथ साथ राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम भी सीएम फेस के लिए चल रहा है।

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गौरतलब है कि चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को भाजपा के पक्ष में सुखद और महत्वपूर्ण रहा बावजूद इसके भाजपा आलाकमान आज 8 दिन गुजर जाने के बाद भी राजस्थान में यह फैसला नहीं कर पाए कि प्रदेश में कौन मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के फैसले और नाम को लेकर यह चर्चा थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही चुनावी चेहरा हैं और उन्हीं के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा इसके बाद चुनाव परिणाम जो भी आए प्रदेश में कौन मुख्यमंत्री बनेगा ये तय होगा।

राजस्थान में जारी है दिग्गजों की अदावत

आपको बता दें मुख्यमंत्री को लेकर राजस्थान में जिस तरह से वसुंधरा राजे की अदावत जारी है उससे ऐसा नहीं लगता कि पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया है। हालांकि भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है तो ऐसे में आसानी से मुख्यमंत्री का चुनाव अब तक हो जाना चाहिए था लेकिन जिस तरह से राजस्थान में सीएम पद को लेकर भाजपा की राजनीति चरम पर है उससे ऐसा लगता है कि आलाकमान काफी सोच समझकर राजस्थान के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करेंगे। क्योंकि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे काफी प्रभावी रही हैं और सियासत के जानकारों को ऐसा लगता है कि फिलहाल राजस्थान में उनके अलावा और कोई दूसरा चेहरा इतना प्रभावी नहीं है जो राजस्थान में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सके। ऐसे में विधायकों का समर्थन वसुंधरा राजे के लिए सोने पर सुहागा जैसा लग रहा है।

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मध्यप्रदेश में CM की घोषणा से हर कोई हतप्रभ

मध्यप्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान की कोई काट आलाकमान को नहीं मिल पा रही थी ऐसे में उन्होंने एकदम नए चेहरे पर दाव खेला है। ताजा जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन लाल यादव के नाम की घोषणा हो चुकी है। अब कहा जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय और शिवराज सिंह चौहान जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को भाजपा आलाकमान और केंद्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में है।

राजस्थान को लेकर भाजपा बड़े असमंजस में

वहीं छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को अच्छा बहुमत मिला और वहां भी भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाने जा रही है। लेकिन फिलहाल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर पाई है। इसको लेकर शायद भाजपा के आलाकमान की बड़ी किरकिरी हो रही है। राजनीतिक गलियारों में तो यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के चेहरे ही प्रमुख हैं।

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अब सीएम के लिए राजेंद्र राठौड़ का नाम क्यों?

राजस्थान में वसुंधरा राजे के अलावा पांच अन्य चेहरे भी कतार में हैं जिनमें राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम भी काफी प्रमुखता से चल रहा है। आखिर राजेंद्र राठौड़ के चेहरे की क्यों चल रही चर्चा। इसके पीछे एक बड़ा किस्सा है जो एक भाजपा के ही वरिष्ठ कार्यकर्ता ने हमारे साथ साझा किया है। विधानसभा के बाद अब लगे हाथों भाजपा लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई है। ऐसे में वसुंधरा राजे की सीएम पद के लिए जिद के बाद कोई समझौते का रास्ता निकल सकता है। हालांकि राजे को बिना चेहरा बनाए भाजपा 115 सीटों पर जीत हासिल की है तो राजे को अब भाजपा आलाकमान सीएम के रूप में नहीं देख रहे हैं वहीं वसुंधरा राजे भी समझ रही हैं कि अब उन्हें सीएम की कुर्सी तो मिलेगी नहीं। अब उनसे चर्चा के लिए उनके पक्षधर राजनाथ सिंह को आलाकमान की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा गया है। ऐसे में ये माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे से बात कर उन्हें अपने बेटे और राजे के खुद के राजनीतिक करियर के लिए आलाकमान से कोई बड़ा ऑफर मिल सकता है।

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सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष बनने के पीछे भी हुई थी प्लानिंग

इसी कहानी का ये भी एक हिस्सा है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को बनाए जाने से पहले भी भाजपा ने एक प्लानिंग की थी जिसमें वो कामयाब हुई। दरअसल राज्यवर्धन राठौड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की खबर तेजी से फैलाई गई ताकि राजे से 36 का आंकड़ा माने जाने वाले राज्यवर्धन राठौड़ पर राजे की ना हो जाए और भाजपा जिसे चाहती थी यानी सीपी जोशी उनके नाम पर वसुंधरा राजे की भी सहमति बन जाए। क्योंकि आगे विधानसभा चुनाव थे और आलाकमान राजस्थान में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था और प्रदेशाध्यक्ष पद पर अपने ही किसी आदमी को भी बिठाना चाहता था। इसमें वो कामयाब भी हुआ। ऐसे ही अब राजस्थान में राजे के अलावा दीया कुमारी, ओम माथुर, राज्यवर्धन राठौड़, अश्विनी वैष्णव, प्रकाश गुप्ता गजेंद्र सिंह शेखावत और राजेंद्र राठौड़ का नाम सीएम के लिए चर्चा में है।

क्योंकि वसुंधरा राजे दीया कुमारी और राज्यवर्धन राठौड़ को सीएम बनाने पर राजी नहीं हैं। ऐसे में राजेंद्र राठौड़ का नाम लेकर भाजपा कोई नई प्लानिंग कर रही है।  

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राजस्थान में भजनलाल-दीप्ति माहेश्वरी-गोपाल शर्मा भी चर्चा में

भजनलाल शर्मा, विधायक, सांगानेर

दीप्ति माहेश्वरी, विधायक राजसमंद

गोपाल शर्मा, विधायक, सिविल लाइन्स

 

 

 

 

 

 

 

राजनीतिक गलियारों में सोमवार दोपहर बाद मध्यप्रदेश में मोहन लाल यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा के बाद से ही राजस्थान में राजनीति का पारा और चढ़ गया। अब अचानक ऐसा लगने लगा है कि राजस्थान में भी अनुभवी, वरिष्ठ और वेलनॉन चेहरे को नजरअंदाज कर नऐ चेहरों में से किसी को मौका दिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राजस्थान में तीन चेहरों पर गंभीरता से विचार चल रहा है। इन नए चेहरों में अगर विधायकों में से भाजपा राजस्थान में सीएम का चेहरा चुनती है तो सबसे पहले संगठन के भजनलाल शर्मा, जो कि विधानसभा चुनावों में पहली बार विधायकी का चुनाव लड़े और जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रभावशाली और दमदार प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को बड़े अंतर से हराकर विधायक बने हैं उन्हें भाजपा राजस्थान का सीएम बना सकती है। भजनलाल के बारे में कहा जाता है कि संघ की पृष्ठभूमि से होने के साथ साथ भजनलाल शर्मा स्वच्छ छवि रखते हैं।

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वहीं दूसरे नाम के तौर पर दीप्ति माहेश्वरी का नाम भी चर्चा में हैं। दीप्ति राजसमंद से पहली बार चुनाव लड़ीं और जीती भी हैं। ऐसे में भाजपा की दिवंगत सांसद किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को भी भाजपा आलाकमान सीएम बनाकर सभी को चौंका सकता है।

इधर संघीय पृष्ठभूमि से आने वाले पहली बार चुनाव लड़कर जीतने वाले सिविल लाइन्स विधानसभा सीट से विधायक गोपाल शर्मा को भी सीएम फेस बना सकती है। गोपाल शर्मा ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास को बड़े अंतर से हराया है।

गैर विधायक तो सुनील बंसल ही क्यों?

सुनील बंसल, यूपी, भाजपा पदाधिकारी

उधर ये भी चर्चा है कि अगर कोई गैर विधायक को भाजपा सीएम बनाती है तो संघ का चेहरा और फिलहाल उत्तरप्रदेश में भाजपा की अंदरूनी कमान संभालने वाले सुनील बंसल को राजस्थान में सीएम बनाया जा सकता है। आपको बता दें कि छात्र राजनीतिक के साथ ही संघ से जुड़े बंसल राजस्थान में जयपुर के मूल निवासी हैं और फिलहाल यूपी में भाजपा में संगठन की बागडोर संभाल रहे हैं। आलाकमान के भरोसेमंद लोगों में सुनील बंसल की गिनती होती है।

ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा अगर अगले 10 साल तक प्रदेश में खुद की सत्ता बनाए रखना चाहती है तो भाजपा किसी संघीय पृष्ठभूमि के विधायक को सीएम पद पर बिठाएगी।

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नए चेहरे पर दाव क्यों?

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा आने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी  में जुट गई है। भाजपा ने एमपी में नए चेहरे मोहन लाल यादव को सीएम बनाने की घोषणा कर दी है वहीं अब राजस्थान में भी किसी ऐसे ही नए चेहरे को सीएम बनाकर केंद्र से इन राज्यों की सत्ता संभालना चाहती है।

बहरहाल राजस्थान में किसे सीएम चुना जाएगा इस सस्पेंस से मंगलवार विधायक दल की बैठक में पर्दा उठेगा। लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए जिस तरह से मंथन और बैठकों का दौर जारी है उससे लगता है कि प्रदेश में कुछ नया होने की आहट है।

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