OBC आरक्षण संशोधन बिल पर राष्ट्रपति की हरी झंडी

OBC आरक्षण संशोधन बिल पर राष्ट्रपति की हरी झंडी

हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में हो चुका है ओबीसी संशोधन बिल  पास

-ब्यूरो रिपोर्ट-

संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब ओबीसी संशोधन बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब राज्यों को अपनी ओबीसी सूची बनाने का अधिकार मिल गया है। अब राज्य अपनी जरूरत के अनुसार जातियों को अधिसूचित कर सकेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल संसद में पेश किया गया था। मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। हालांकि, केंद्र- राज्य सरकार द्वारा इस पर आपत्ति जताई गई थी। इसी के बाद अब केंद्र सरकार ने संविधान संशोधन बिल लाकर इसे कानूनी रूप दिया था।

इस विधेयक से राज्यों की आरक्षण को लेकर शक्तियां और बढ़ जाएंगी। इससे  महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है। ये तमाम जातियां लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही हैं, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इन मांगों पर रोक लगाता रहा है।

इस विधेयक में राजस्थान की तीन जातियों को भी शामिल किया जा सकता है। ओबीसी लिस्ट में राजस्थान की हबशी, खत्री, नातरायत, छीपा जातियां भी शामिल हो सकती हैं। राजस्थान ओबीसी कमीशन ने लिस्ट में तीन जातियां जोड़ने की सिफारिश की है। इस लिस्ट में फिलहाल 91 जातियां हैं. साल 1994 में इस लिस्ट में सिर्फ 52 जातियां ही थीं। बता दें कि नातरायत जाति मेवाड़ के अलावा सिरोही, जालोर और पाली जिले में पाई जाती है. वहीं खत्री और छीपा जाति बाड़मेर में है।

 

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