
कोटा में 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी…!
कोटा आज रचेगा इतिहास
शांति धारीवाल का सपना साकार
कोटा को देखने देश दुनिया से आएंगे सैलानी
कोटा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को कोटा में करोड़ों की लागत से तैयार कोटा रिवर फ्रंट का लोकार्पण करेंगे। करीब तीन साल से चल रहा कोटा में रिवर फ्रंट बनकर तैयार हो गया है। इस रिवर फ्रंट पर कई सारी अद्भुत चीजें हैं जो आपको विश्व में कहीं नहीं मिलेंगी।
आज यहां हो रहे उद्घाटन समारोह में करीब 25देशों के विदेशी मेहमान भी शामिल होंग। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा के इस स्वरूप का सपना देखा था और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धारीवाले के सपनों को पंख दिए और उन्हें साकार कर दिया।
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कई अजूबे देखने को मिलेंगे इस जगह
ऐसा बताया जा रहा है कि साढ़े 5 किमी के दायरे में बनकर तैयार इस रिवर फ्रंट का एक भाग यहां आने वाले सैलानी पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरु की आंख से देख सकेंगे। यानि पूरा एक छोर यहां से सैलानी देख पाएंगे कोटा रिवर फ्रंट का।
1400 करोड़ की लागत से तैयार हुआ रिवर फ्रंट
कोटा में धारीवाल ने सपना देखा और उस सपने को पूरा करने में करीब तीन साल की मेहनत और अथक प्रयास आज सफल हो गए। कोटा रिवर फ्रंट ऐसी जगह होगी जहां आकर लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे।
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कोटा में बने इस रिवर फ्रंट को तैयार करने के पीछे वसुधैव कुटुंबकम को ध्यान में रखा गया है यानि यह इसी थीम पर तैयार किया गया है। इस रिवर फ्रंट में 22 अलग अलग घाट बनाए गए हैं और इन सभी की कहानी अलग अलग है।
इन वर्ल्ड रिकॉर्ड का किया जा रहा दावा
चंबल माता की प्रतिमा, यहां दावा किया जा रहा है कि रिवर फ्रंट पर पहली चंबल माता की 242फीट ऊंची मूर्ति है यानि ऐसी मूर्ति विश्व में कहीं नहीं है। वहीं इसमें लगे कलश में से एक घंटे में 7 लाख लीटर पानी चंबल में गिरेगा। चंबल माता की यह मूर्ति संगमरमर से निर्मित है।
पूर्व PM जवाहर लाल नेहरू का फेस मास्क, ऐसा बताया जा रहा है कि यहां जवाहर घाट पर विश्व का सबसे बड़ा गनमेटल से तैयार पंडित जवाहर लाल नेहरू का मुखौटा लगाया है। वहीं इस फेस मास्क की 12 मीटर ऊंचाई और 3 मीटर चौड़ाई है। क्योंकि नेहरू जी ने ही कोटा बैराज का लोकार्पण किया था। इसलिए इस फेस मास्क से रिवर फ्रंट का पश्चिमी छोर देखा जा सकेगा। यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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नंदी घाट, यहां काम कर रहे अधिकारियों ने दावा किया है कि यहां नंदी की 20फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है वो पूरी एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई है। जोधपुरी पत्थर से 1 हजार टन वजनी 20 फीट ऊंची नदी की प्रतिमा यहां लगी है। नंदी भगवान की ये प्रतिमा काफी दूर से ही नजर आ जाती है क्योंकि ये प्रतिमा 15 फीट चौड़ी और 20 फीट ऊंची है।
ब्रह्मा घाट, यहां कार्यरत अफसरों की मानें तो यहां सबसे बड़ी घंटी बनाई गई है। इसके इंजीनियर देवेंद्र आर्य ने दावा किया है कि 6 रिकॉर्ड बनेंगे इसके लोकार्पण से। सूत्रों की मानें तो इसकी आवाज लगभग 8 किमी दूर तक सुनाई देगी।
इस घंटे में अकेले पांच रिकॉर्ड- जॉइंट लेस चैन की कास्टिंग, नॉन फेरस की एक बार में कास्टिंग है। साथ ही सबसे बड़ा घंटा होने का रिकॉर्ड, एक जगह पर 35 भट्टियां मेटल कास्टिंग के लिए होना सहित 250 टन वजनी मोल्डिंग बॉक्स पहली बार उपयोग में लिया गया है।
और भी काफी कुछ है कोटा रिवर फ्रंट में पूरी जानकारियां हम आपको देंगे कोटा रिवर फ्रंट की अगली खबर में………..