
महाराष्ट्र में गहराया सियासी संकट, उद्धव की सरकार गिराने की बड़ी साजिश
भाजपा पर लग रहे शिवसेना की सरकार गिराने के आरोप,
महाविकास अघाड़ी के विधायक छोड़ सकते हैं गठबंधन का साथ,
विजय श्रीवास्तव,

महाराटष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे
मुम्बई। राजनीतिक आकांक्षा के चलते शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे के बगावत के सुर और तेज नजर आए। बुधवार को भी महाराष्ट्र राजनीति का अखा़ड़ा बना रहा। दिनभर महाराष्ट्र सरकार और भाजपा के बीच नोक झोंक और दोनों पार्टियों के विधायकों में उठापटक नजर आई। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के मुख्य किरदार फिलहाल एकनाथ शिंदे बने हुए हैं। शिंदे के बारे में कहा जा रहा है कि शिंदे की बढ़ती राजनीतिक महत्वाकांक्षा महाराष्ट्र सरकार को गिराने पर उतारू है। चर्चा है कि शिंदे ने एक पत्र राज्यपाल को सौंपा है जिसमें शिवसेना के 34 विधायकों का शिंदे को समर्थन का जिक्र है।
गौरतलब है कि आज दिनभर महाराष्ट्र में शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों के प्रमुखों की बैठकों का दौर चलता रहा। जिसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात चर्चा का विषय बनी रही। बैठक के बाद उद्धव पवार को छोड़ने बाहर तक आए, तब ऐसा लगा कि महागठबंधन में कोई दिक्कत नहीं और यह बदस्तूर ऐसे ही आगे भी चलता रहेगा।
यह भी पढ़ें:कपिल सिब्बल ने तोड़ी 31साल से बंधी कांग्रेस की डोर
पवार के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान
उद्धव और पवार की बैठक के बाद आज सीएम उद्धव ठाकरे ने पार्टी के नाराज विधायकों को फेसबुक लाइव होकर यह संदेश दिया कि अगर कोई नाराजगी है तो विधायक मुझे सामने आकर कहें मैं तुरंत पद से इस्तीफा दे दूंगा, अन्यथा जो महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक कर रहे हैं वो बिल्कुल गलत है। किसी के बहकावे में आकर अपनी पार्टी को नुकसान पहुंचाना गलत है। वहीं शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी पार्टी की तरफ से एक बयान जारी करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे पद से इस्तीफा नहीं देंगे, जरूरत पड़ी तो विधानसभा में ठाकरे बहुमत साबित करेंगे।
शिंदे की नाराजगी से महाराष्ट्र में बिगड़ रहे महागठबंधन के समीकरण

एकनाथ शिंंदे और शिवसेना के बागी विधायक फोटो साभार सोशल मीडिया
जानकार सूत्रों के हवाले से खबर है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर थे, वहीं सरकारी मुख्य सचेतक भी थे। शिंदे का कहना है कि वे कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रहना चाहते, एनसीपी शिवसेना को खत्म कर देगी। गौरतलब है कि जब इस महागठबंधन की सरकार बनने जा रही थी तो शिंदे को सीएम बनाने पर विचार हो रहा था तब शरद पवार के मना करने पर शिंदे सीएम बनते-बनते रह गए थे। लेकिन बाद में उद्धव के सीएम बनने के बाद शिंदे को पार्टी ने एक महत्वपूर्ण विभाग का पोर्टफोलिया दिया लेकिन शिंदे इससे खुश नहीं थे उनके मन में कहीं न कहीं आज भी मुख्यमंत्री पद की इच्छा है।
भाजपा पर लग रहे महागठबंधन की सरकार गिराने के आरोप

फड़नवीस और अमित शाह फाइल फोटो, साभार सोशल मीडिया
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार को गिराने के लिए यह भाजपा की बड़ी साजिश है। मंगलवार को ही फड़नवीस दिल्ली दौरे से लौटे हैं वहां उनकी भाजपा आलाकमान से मुलाकात हुई और तब से ही उनका मानस महाराष्ट्र की सरकार में ज्यादा नजर आ रहा है। बुधवार को भी फड़नवीस ने भाजपा के विधायकों की बैठक ली और उनके साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की। महाराष्ट्र के बदलते समीकरण के बीच अब फड़नवीस के मुख्यमंत्री के पोस्टर भी महाराष्ट्र की सड़कों पर नजर आने लगे हैं।
क्या है महाराष्ट्र का सियासी गणित ?
आपको बता दें कि 288 विधानसभा वाले महाराष्ट्र में बहुमत के लिए 144सीटों की जरूरत होती है। फिलहाल शिवसेना के साथ महागठबंधन वाली सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन है जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44विधायक मिलकर सरकार में शामिल हैं। इधर भाजपा के पास 106 विधायकों का समर्थन है। चर्चा है कि शिवसेना के एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाले जाने के बाद उनके साथ शिवसेना के 46 विधायकों के समर्थन की चर्चा चल रही है। अगर ये सच होता है तो महाराष्ट्र में महागठबंधन की सरकार कभी भी धराशायी हो सकती है। फिलहाल सूरत से निकलकर गोवाहाटी के एक होटल में शिंदे सहित करीब 34 विधायकों के ठहरे होने की खबर है। चूंकि महाराष्ट्र में भाजपा 102 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए अब अगर शिंदे का समर्थन भाजपा को मिल जाता है तो भाजपा बहुमत से सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के सामने पेश कर सकती है।
भाजपा ने किया खंडन, नहीं करेगी सरकार बनाने का दावा पेश
बुधवार दिनभर चले सियासी घटनाक्रम के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद राव साहब पाटिल ने दावा करते हुए कहा कि अभी तक शिवसेना का कोई भी विधायक हमारे सम्पर्क में नहीं है और न ही एकनाथ शिंदे से भाजपा की कोई बात हुई है। एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की शिवसेना से नाराजगी उनका अंदरूनी मामला है भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है। हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे।