
पीएम को तलाशना होगा डोभाल का “सब्सिट्यूट” !
मोदी के “बीरबल” अजीत डोभाल बिताना चाहते परिवार के साथ समय, चाहते हैं सेवानिवृत्ति
दिल्ली। दो दशक पहले सेवानिवृत्त हुए अजीत डोभाल फिलहाल NSA के पद पर रहते हुए देशसेवा में लगे हैं। डोभाल ने ब्यूरोक्रेट्स के रूप में अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। देश के लिए लंबे समय तक जासूसी की है। चुस्त-दुरुस्त रहते देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर अजीत डोभाल कार्यरत रहे हैं। लेकिन अब स्वास्थ्य कारणों के चलते डोभाल ने NSA के पद से सेवनिवृत्ति की इच्छा जताते हुए पीएम मोदी से उनका उत्तराधिकारी ढूंढने का आग्रह किया है। पीएम मोदी के सबसे करीबी और बेहद विश्वस्तों में अजीत डोभाल की गिनती होती है। ऐसे में उनका उत्तराधिकारी तलाशना पीएम के लिए काफी मुश्किल होगा और इसके लिए पीएम मोदी ने यह स्पष्ट भी कर दिया है कि उनका डोभाल को रिटायर करने का कोई मन नहीं है।
डोभाल 2014 से ही पीएम मोदी के साथ NSA के रूप में जुड़े हुए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डोभाल का शानदार कार्यकाल रहा है। इतना ही नहीं शीर्ष विदेशी जासूसी एजेंसियों के साथ भी डोभाल के अच्छे संबंध रहे हैं। डोभाल पर पीएम मोदी के अटूट विश्वास और समर्पित निष्ठा भाव के चलते पीएम डोभाल को रिटायर नहीं होने देना चाहते। वहीं पीएम मोदी के लिए डोभाल जैसे कौशल और अनुभवी उत्तराधिकारी को तलाशना बड़ी चुनौती है।
बहरहाल डोभाल अब स्वास्थ्य कारणों के साथ साथ परिवार को भी समय देना चाहते हैं इस कारण वे अब रिटायर होने का मानस बना चुके हैं। अब पीएम मोदी के डोभाल को लेकर निर्णय का हर किसी को इंतजार है। क्या पीएम मोदी को मिल पाएगा डोभाल जैसा कोई दूसरा विश्वस्त, रण कौशल और सूझबूझ वाला को कोई “बीरबल”।