पार्टी ने बहुत दिया अब कर्ज चुकाने की बारी: सोनिया
सोनिया गांधी का स्वागत करते अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा

पार्टी ने बहुत दिया अब कर्ज चुकाने की बारी: सोनिया


चिंतन शिविर में पहुंची सोनिया गांधी ने दिया “ओल्ड गार्ड” को संदेश

 

विजय श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार

 

उदयपुर में शुक्रवार से तीन दिवसीय नव    संकल्प शिविर की शुरुआत हुई। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण से शिविर की शुरुआत हुई सोनिया गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत महात्मा गांधी नरेगा, फूड सिक्योरिटी, नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दों पर भाषण देकर की। सोनिया गांधी ने कहा हमें बड़े प्रयास करके ही देश में बदलाव ला सकते हैं। हमें निजी अपेक्षाओं को संगठन के बाद रखना होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सोनिया गांधी ने संदेश देते हुए कहा कि पार्टी ने हम सबको बहुत दिया है अब वक्त आ गया है कि पार्टी का कर्ज उतारा जाए। एक बार फिर से हिम्मत दिखाकर हमें कांग्रेस के हर संगठन को जीवंत बनाए रखने के लिए काफी परिवर्तन लाने की जरूरत है। इन्हीं सब मुद्दों पर चिंतन और मनन के लिए हम सब एकत्र हुए हैं। यही सबसे बुनियादी मुद्दा है जिसके लिए हमें काफी कुछ परिवर्तन करना होगा।

 

संगठन में सुधार की जरूरत का सही समय

सोनिया गांधी ने कांग्रेस संगठन में सुधार की जरूरत की भी बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा और RSS की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों को भोग रहा है उन पर विचार-विमर्श करने के लिए शिविर बहुत ही अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर मनन और आत्मचिंतन दोनों के लिए सही अवसर है। उन्होंने कहा ये सही समय है जब कांग्रेस में ढांचागत सुधार की जरूरत है।

 

देश में असुरक्षा-भय का माहौल

अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब तक यह पूरी तरह से साबित हो गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों का उनके ही स्लोगन “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” से क्या मतलब है? देश में ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति को बनाए रखना लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। असाधारण हालात का मुकाबला हमें असाधारण तरीके से ही करना होगा।

 

हमारी बदकिस्मती कि राष्ट्रवाद का बीज हमने बोया और फल भाजपा खा रही

मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा शिविर में कुल 9 विषयों पर चर्चा होनी है जिसके लिए अलग-अलग 6कमेटियां बनाई गई हैं। ये कमेटियां विषयों के हिसाब से अपने अपने मुद्दों पर चर्चा कर अपनी राय पार्टी के सामने रखेंगी जिस पर पार्टी एक संयुक्त बैठक कर अपना अंतिम निर्णय लेगी। खड़गे ने कहा कि हमारी बदकिस्मती है कि देश में राष्ट्रवाद के बीज हमने बोए लेकिन भाजपा उसका फल खा रही है। असल में देशभक्ति का जब समय था तब हम लोग जेल भी गए, हमनें बलिदान भी दिए, सूली पर भी लटके। आज मोदी और उनके समर्थक संविधान को नहीं मानकर लोकतंत्र का मखौल बना रहे हैं। मोदीजी से लोग क्यों नहीं पूछते कि उनकी पार्टी क्विट इंडिया मूवमेंट के समय कहां थी? ऐसे लोग हमें पाठ पढ़ा रहे हैं ये भी हमारी बदकिस्मती है।  

 

उत्तर-पूर्वाचंल में बेरोजगारी बड़ी समस्या, मोदी सरकार आर्थिक नीति बदली

सांसद गौरव गौगोई ने भी पत्रकारों को संबोधित करते हुए मीडिया सेंटर में कहा कि उत्तर पूर्वाचंल की सबसे बड़ी समस्या ही बेरोजगारी है। मोदी सरकार ने आर्थिक नीति बदल डाली है। आज नॉर्थ-ईस्ट इंडस्ट्रीयल पॉलिसी मोदी सरकार आने के बाद बदल चुकी है। यहां सिर्फ मोदी के दोस्त जैसे अडानी के बिजनेस को कैसे बढ़ाया जा सकता है उसके लिए नॉर्थ-ईस्ट के दरवाजों को खोल दिया गया है। वहीं यहां के लोग NRC और CAA का भी जमकर विरोध कर रहे हैं।

 

अगर हमारी सरकार आई तो “राइट टू जॉब” कानून लाएंगे

कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने चिंतन शिविर के पहले दिन की चर्चा के बारे में बोलते हुए मीडिया को बताया कि वर्तमान में देश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है, केंद्र में आज भी 30 लाख वैकेंसी हैं वहीं सेना में 55हजार रोजगार दिए जा सकते हैं। मोदी सरकार से हमारी मांग है कि “राइट टू जॉब” कानून लाए ताकि भारत में लोगों की सबसे बड़ी रोजगार की समस्या को खत्म किया जा सके।

 

हार्दिक पटेल की नाराजगी नहीं हुई दूर

गुजरात कांग्रेस से हार्दिक पटेल को भी शिविर में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था लेकिन पटेल उदयपुर में चल रहे नव चिंतन शिविर में शामिल नहीं हुए। जानकारों की मानें तो हार्दिक पिछले दिनों कांग्रेस से अपनी नाराजगी जता चुके शायद इसी के चलते तीन दिवसीय इस शिविर में शरीक नहीं हुए। दूसरी ओर हार्दिक पटेल के भाजपा में शामिल भी होने भी खबरें प्रबल रूप से चल रही हैं।

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