
विधानसभा में न नसीहत मानी, न जनता की चिंता…!
ओसियां हत्याकांड और RPSC भंग करने पर घिरी सरकार
बयानबाजी से सरकार की विधायक भी लूट रही सस्ती लोकप्रियता…!
ब्यूरो रिपोर्ट। राजस्थान में 15वीं विधानसभा का 8वां सत्र चल रहा है। विधानसभा में कई विधेयक पेश किए गए और कई सारे विधेयकों को मंजूरी भी मिल गई। लेकिन बुधवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ साथ खुद गहलोत सरकार के विधायक भी सरकार पर सवाल उठाते नजर आए। सदन में हंगामा हुआ, भाजपा ने सदन से वॉक आउट भी किया। एक तरफ हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में सदस्यों से न सिर्फ अपील की थी बल्कि नसीहत भी दी थी कि जनता आपको यहां चुनकर बार बार इसलिए भेजती है कि आप लोग जनता के मुद्दों को विधानसभा में उठाएं और विधानसभा में उन पर सार्थक बहस कर समय और पैसा दोनों का सदुपयोग करें। आपसी द्वेष को छोड़ यहां जनकल्याण पर चर्चा करें। लेकिन अफसोस इन दिनों राजस्थान की विधानसभा में फिर वही ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं।
क्यों हो रहा विधानसभा में हंगामा?
दरअसल विधानसभा में इन दिनों प्रदेश में चौपट हुई कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सरकार के विधायक भी सरकार को घेरने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र में इन दिनों अपराध अपने चरम पर है। हर रोज जोधपुर से महिलाओं और मानवता को शर्मसार करने के साथ-साथ दिल दहला देने वाले अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले एक सात साल की बच्ची से स्कूल में दुष्कर्म की घटना फिर एक युवती के साथ तीन युवकों द्वारा गैंगरेप की घटना और अब एक ही परिवार के 6माह की मासूम सहित चार लोगों की निर्मम हत्या का खुलासा हुआ है।
क्या बोलीं विधायक दिव्या मदेरणा
विधानसभा के बाहर सरकार की ओसियां विधानसभा क्षेत्र से विधायक दिव्या मदेरणा ने सरकार की चौपट कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मैं खुद इस प्रदेश में सुरक्षित महसूस नहीं करती तो लोग कैसे यहां सुरक्षित होंगे। दिव्या मदेरणा ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया और सार्वजनिक बयान दिया कि मैं खुद यहां सुरक्षित नहीं हूं। ऐसे में प्रतिपक्ष द्वारा सरकार को घेरने का मौका मिल गया। दूसरी तरफ RPSC में चल रहे भ्रष्टाचार पर भाजपा ने 18जुलाई को अजमेर में प्रदर्शन किया था उस पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी भाजपा ने सदन में हंगामा मचाया। नेता प्रतिपक्ष बोले सरकार को RPSC को भंग करना चाहिए और UPSC की तर्ज पर फिर से इसका गठन होना चाहिए।
राजेंद्र राठौड़ ने भी RPSC को लेकर रखी मांग
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सदन में मांग रखी कि आरपीएससी का भंग किया जाए। सचिन पायलट का जिक्र करते हुए राठौड़ बोले सरकार हमारी न सही खुद के नेता पायलट की मांग तो स्वीकार कर ले। क्योंकि पायलट भी चाहते हैं सरकार में हो रही भर्तियों में भ्रष्टाचार पर न सिर्फ अंकुश लगे बल्कि अब तक नौकरियों में हुए भ्रष्टाचार में लिप्त आरोपियों पर सख्त कार्रवाई भी हो।
इस दौरान सदन में बुधवार को चार विधेयक भी पारित हुए
- राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक
- राजस्थान विधियां निरसन विधेयक (133 विधेयक होंगे निरस्त)
- राजस्थान सहकार सोसायटी संशोधन विधेयक और
- राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक सदन में पास हुए