गुढ़ा की लाल डायरी से खुला राजस्थान की राजनीति का बड़ा रहस्य…!

गुढ़ा की लाल डायरी से खुला राजस्थान की राजनीति का बड़ा रहस्य…!

गुढ़ा ने सदन से बाहर आकर लगाए सदन में मंत्रियों द्वारा मारपीट के आरोप

भाजपा विधायक भी दुर्व्यवहार के चलते विधानसभा से निलंबित

विधायक राजेंद्र गुढ़ा, मदन दिलावर को सदन से किया गया निलंबित

 

जयपुर। विधानसभा में आज दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विधानसभा में भाजपा ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की मंत्री पद से बर्खास्तगी को लेकर काफी हंगामा किया। हालांकि इस पूरे हंगामे के बीच कई विधेयकों पर मुहर भी लगी। लेकिन जिस तरह से इन बहस होकर ये बिल पास होने चाहिए थे नहीं हो सके।

 

पहले सदन से निलंबित फिर कांग्रेस ने किया निष्काषित

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब एक घंटे बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा एक लाल डायरी का जिक्र करते हुए कांग्रेस सरकार और मंत्रियों पर हावी हो गए। गुढ़ा ने सदन में एक लाल डायरी दिखाते हुए दावा किया कि उस डायरी में राजस्थान की राजनीति के कई गूढ़ रहस्य छिपे हैं। गुढ़ा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, धर्मेंद्र राठौड़ सहित तमाम कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि इन्होंने जो सौदेबाजियां की हैं उन सबका लाल डायरी में कच्चा चिट्ठा लिखा है। किसने किसको कितना पैसा कब दिया, किसने किसको कितने में खरीदा, मुख्यमंत्री ने क्रिकेट चुनावों में किसे कितना पैसा दिया और राज्यसभा चुनावों में किसे कितना पैसा दिया ये सारा हिसाब उस लाल डायरी में लिखा है। गुढ़ा ने कहा सदन में वो लाल डायरी में पटल पर रखने जा रहा था तभी मार्शलों ने नहीं बल्कि गहलोत सरकार के मंत्रियों ने मेरे साथ मारपीट की। गुढ़ा ने मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी का नाम लेते हुए कहा कि मुझे उन दोनों ने लातें मारीं और उसके बाद एक के बाद एक कांग्रेस के कई नेता मेरे ऊपर हावी हो गए। मेरी सदस्यता रद्द कर दी गई और मुझे सदन से बाहर निकाल दिया गया।

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भाजपा ने किया गुढ़ा का जमकर बचाव

सदन से सड़क तक भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने आज कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का जमकर बचाव किया। सदन में भी उन्होंने गुढ़ा को बचाने का प्रयास किया वहीं सदन के बाहर अपने शब्दों में एक एक कर सभी भाजपा के नेताओं ने गुढ़ा का पक्ष रखा। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गुढ़ा की लाल डायरी में कांग्रेस के मंत्रियों और नेताओं के 500 करोड़ से भी अधिक के लेन देन का खुलासा होने वाला था इसलिए डायरी गुढ़ा से सदन में छीन ली गई। मदन दिलावर और तमाम भाजपा नेताओं ने सदन में हुए इस घटनाक्रम की निंदा की 

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मेरा कसूर तो बताए कोई?

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले मेरा मंत्रीपद बर्खास्त करने के बाद मैं अध्यक्ष से अपने बैठने का स्थान पूछ रहा था। क्योंकि मेरी मंत्री वाली कुर्सी पर बैठने का अधिकारी तो मुझसे छीन लिया गया था। तो मैंने तो अध्यक्ष से पूछने के लिए उनके पास जाने की कोशिश की थी तभी अचानक कांग्रेसियों ने मुझ पर हल्ला बोल दिया। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर अगर बोलने की ये सजा है तो भी मैं बोलता रहूंगा, हिम्मत है तो मुझे जेल में डालकर दिखाए कोई। राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस को कौसते हुए कहा कि मैं चाहे मर भी जाऊं कांग्रेस के खिलाफ बोलता रहूंगा। सच्चाई छिप नहीं सकती। इन्होंने मुझसे डायरी छीन ली तो क्या वो तो बस एक ट्रेलर था अभी उस डायरी का पूरा हिस्सा मेरे पास सुरक्षित है, यानि पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है। गुढ़ा ने धर्मेंद्र राठौड़ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का पूरा हिसाब किताब का कच्चा चिट्ठा जो धर्मेंद्र राठौड़ ने लिखा है मेरे पास सुरक्षित है।

 

2020 में भाजपा पर हमलावर थे गुढ़ा,अब कांग्रेस की बारी 

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो ये वही राजेंद्र गुढ़ा हैं जिन्होंने कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पाने पा लिया और हमेशा की अपने मन की। राजेंद्र गुढ़ा को लेकर राजनीतिक के जानकार कहते हैं कि करीब तीन साल पहले गुढ़ा ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने भाजपा पर हैलीकॉप्टर में जीवन गुजर जाए इतना पैसा देने का ऑफर उन्हें दिया था। अब अचानक अशोक गहलोत सरकार पर गुढ़ा का हमला इस बात की तरफ भी इशारा करता है कि राजनीति में स्वार्थ सबसे ऊपर है। क्योंकि अगर गुढ़ा उस समय सच बोले रहे थे तो क्या अभी झूठ बोल रहे हैं। या फिर अभी अगर सच बोल रहे हैं तो क्या सरकार में बड़ा औहदा हासिल करने के लिए गुढ़ा ने तब भाजपा पर गलत आरोप लगाए थे। यानि कुछ तो बात है जो गुढ़ा छिपा रहे हैं। क्या वाकई गुढ़ा के पास कई राज हैं कांग्रेस सरकार के या फिर वो किसी का मोहरा बनकर विधानसभा के अंतिम सत्र में सरकार के खिलाफ बोलते रहे।

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सदन ही क्यों चुना गुढ़ा ने अपनी बात के लिए

आखिर क्या कारण है गुढ़ा ने सरकार पर इतना बड़ा आरोप लगा दिया वो भी विधानसभा में? क्योंकि नेताओं के तो सबसे बड़ा प्लेटफार्म मीडिया है अगर उनके पास कोई सरकार के खिलाफ सबूत होते तो वे विधानसभा में हवा-हवाई करने की जगह मीडिया में अपनी बात रखते और सरकार को बेनकाब करते। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रबुद्धजनों की मानें तो हो सकता है ये सारा ड्रामा सिर्फ मणिपुर मुद्दे की तरफ से कांग्रेस का ध्यान हटाने के लिए किया गया हो। क्योंकि कांग्रेस के साथ विपक्षी दल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे पड़े हुए हैं। मोदी से सदन में मणिपुर नहीं जाने और उस पर जवाब नहीं देने का आरोप लगाया जा रहा है। संसद सदन के विपक्षी नेता भी मोदी पर जमकर पलटवार करने में लगे हैं।

 

बहरहाल कल का दिन विधानसभा और प्रदेश की राजनीति में क्या नया शिगूफा या पैंतरा लेकर आता है ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि जिस तरह से कांग्रेस की सदन में किरकरी हो रही है वो भी चुप बैठने वाली नहीं। खबरनवीसों के दलों में भी ये चर्चा है कि भाजपा को अब कांग्रेस के खिलाफ बड़ा मुद्दा मिल गया है। अगर अभी भी भाजपा इस मुद्दे को नहीं भुना पाई तो ये फिर तय है कि भाजपा आने वाले विधानसभा चुनावों के बाद भी फिर संघर्ष करती नजर आएगी।

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