
बजट बहस पर गहलोत की विपक्ष को खरी-खरी
बजट बहस पर गहलोत की विपक्ष को खरी-खरी
गहलोत ने कहा- “कहां से पैसा आएगा?, योजनाएं कैसे लागू होंगी?, आप इसको लेकर रहें निश्चिंत”
“चिंता करने के लिए आपका धन्यवाद, आप तो खुलकर हमारी कमियां बताएं”
विजय श्रीवास्तव,
जयपुर। विधानसभा में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट बहस को लेकर अपना जवाब दिया। भाजपा के सवालों को जवाब देते हुए गहलोत ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। सीएम ने कहा इतने शानदार बजट को लेकर विपक्ष को चिंता है कि कैसे लागू होगा, कहां से पैसा आएगा? आप लोग निश्चिंत रहें, हमारी चिंता करने के लिए आप लोगों को धन्यवाद, आप खुलकर हमारी कमियां बताएं।
मुख्यमंत्री ने कहा- बजट के लिए पूरे प्रदेश से 45हजार से ज्यादा सुझाव हमारे पास आए थे उसके बाद अमृत के रूप में बजट निकला है। समुद्र मंथन की तरह बजट पर हमारी सरकार ने मंथन किया है। तब जाकर यह बजट सामने आया है। विपक्षी तो इसे काली दुल्हन बता रहे हैं, हमारे बजट को, अब कहने के लिए कुछ भी बाकी नहीं रह गया है। हालांकि खुशी है कि इन्होंने अपनी गलत बयानबाजी पर माफी भी मांग ली। नौजवान साथी और ये एक पार्टी के अध्यक्ष भी हैं ये।
गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की बातों को जवाब देते हुए कहा- कटारिया जी ने केवल आंकड़ों की बात की, ये बहस करने की जगह जनता को गुमराह करते रहे। केंद्र सरकार ने जीएसटी का राज्य का पैसा रोक लिया, केंद्र सरकार का 5ट्रिलियन इकॉनोमी का सपना पूरा होने वाला नहीं है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर भी तंज कसते हुए कहा- आपने तो भैरोंसिंह जी से ट्रेनिंग ली है तो फिर कैसे कह दिया सरकार ओवर ड्रॉ में गई, आप कम से कम शब्दों को चयन तो ठीक से करें, आपकी जानकारी के लिए एक बार भी सरकार ओवर ड्रॉ नहीं हुआ।
गुरुवार को बजट बहस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निम्न बिन्दुओं पर अपनी बात रखी ।
- 85% से अधिक बजट घोषणा एवं 71% से अधिक जनघोषणा पत्र के वादे पूरे।
- 2022-23 के बजट में 581 घोषणाएं, इनमें से 60 की स्वीकृतियां जारी।
- केन्द्र सरकार ने जैसलमेर-कांडला रेल लाइन, नसीराबाद-सवाईमाधोपुर रेल लाइन, मेमू कोच फैक्ट्री गुलाबपुरा, सरमथुरा-गंगापुर रेललाइन, रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर रेल लाइन किसी का पैसा नहीं दिया।
- केन्द्र सरकार ने केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं (CSS)में राज्य का हिस्सा बढ़ाकर केन्द्र का हिस्सा कम किया।
- CSS का पैसा संचित निधि (Consolidated Fund) की जगह स्टेट नोडल बैंक अकाउंट में डालने की बाध्यता की जिससे राज्यों की लिक्विडिटी कम हुई।
- 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक केन्द्रीय करों का 41% हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए पर 30-33% ही मिल पाता है।
- राजस्थान को 2022-23 के बजट में केन्द्रीय करों से 18,925 करोड़ रुपये कम मिलेंगे।
- 2018-19 में GSDP- 9,11,634 करोड़ रुपये, 2021-22 में 11,96,137 करोड़, 2022-23 में अनुमानित- 13,34,310 करोड़ रुपये है।
- मोदी जी का 5 ट्रिलियन इकॉनमी का वादा सिर्फ सपना है पर हम राजस्थान की इकॉनमी को 15 लाख करोड़ की इकॉनमी बनाएंगे।
- राज्य को एक भी दिन के ओवरड्राफ्ट में नहीं जाना पड़ा।
- राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 293 व FRBM की सीमा के तहत ही कर्ज मिलता है।
- राजस्थान अर्थव्यवस्था के सभी पैमानों पर अच्छा परफॉर्म कर रहा है इसलिए बॉरोइंग लिमिट बढ़ी।
- भारत सरकार पर मार्च 2014 में लगभग 57 लाख करोड़ का कर्ज था। 2022 में ये बढ़कर 136 लाख करोड़ हो गया।
- राज्य का फिस्कल डेफिसिट 2020-21 में86% रहा जबकि मोदी सरकार का फिस्कल डेफिसिट 9.2% हुआ।
- राज्य का रेवन्यू डेफिसिट 2020-21 में34% रहा जबकि मोदी सरकार का रेवन्यू डेफिसिट 7.3% हुआ।
- मोदी सरकार ने बजट में MSP खरीद में 5000 करोड़ रुपये की कमी, फर्टिलाइजर सब्सिडी में बजट कटौती (DAP) 24.9% की कमी, फसल बीमा योजना में बजट कटौती1% की कमी, फूड सब्सिडी में बजट कटौती 27.8% की कमी, पेट्रोलियम सब्सिडी में बजट कटौती 10.8% की कमी, मनरेगा में बजट कटौती 25.5% की कमी, मिड डे मील बजट में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
- ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा पीएम मोदी ने नहीं निभाया।
- 13 जिलों में रह रही हमारे प्रदेश की 40% जनसंख्या के पेयजल और किसानों की 2 लाख हैक्टेयर जमीन के सिंचाई जल उपलब्ध करवाने की ERCP परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना नहीं बनाया।
- जनता के व्यापक हित को देखते हुए हमने 9600 करोड़ रुपये का आवंटन बजट में कर अपने खर्च से इस योजना का कार्य शुरू करने की घोषणा की है।
- हमने 15000 करोड़ के कर्जमाफ किए हैं। 22 लाख किसानों के नाम ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
- 10 नहीं 3 ही दिन में कर्जमाफ कर दिए।
- राष्ट्रीयकृत बैंक वन टाइम सैटलमेंट के लिए तैयार नहीं है राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजा हुआ है।
- 24 जुलाई 2018 को लोकसभा में मोदी सरकार के कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला का कर्जमाफी पर जवाब-
- “केन्द्र सरकार का किसान कर्जमाफी का कोई विचार नहीं है। किसान कर्जमाफी से ‘डिफॉल्टर’ किसानों को प्रोत्साहन मिलता है जिससे किसान ‘जानबूझकर’ कर्ज नहीं चुकाते। इससे किसान बार-बार कर्जमाफी की मांग कर सकते हैं और ऐसी मांग को खारिज करना मुश्किल होगा।”
- ओल्ड पेंशन स्कीम कर्मचारियों के भविष्य को सोचकर उठाया गया कदम है।
- इसके लिए आर्थिक प्रबंधन के बारे में सोच कर ही घोषणा की गई है।
- ओल्ड पेंशन स्कीम सहित बजट की हर घोषणा को समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे।