
गहलोत की सीख, डोटासरा की धमकी और रंधावा की दो टूक पायलट क्यों रहे चुप…!
पायलट एक दिन बैठक में रहे, दूसरे दिन पहुंच गए दिल्ली
कांग्रेस में मठाधीशों की जरूरत नहीं
जो काम करे वो ही रूके नहीं तो पार्टी दिखा देगी बाहर का रास्ता: रंधावा
भाजपा और RSS से दोस्ती निभानी बंद करें: डोटासरा
जयपुर। प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्म है। इन दिनों कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपने अपने खिलाड़ियों को चुनावी राजनीति के पिच पर खेलने के लिए तैयार कर रही है। हालांकि नेता तो पहले से ही परिपक्व होते हैं फिर भी राजनीति में रोज नए और युवा खिलाड़ी जुड़ते रहते हैं ऐसे में टीम को मजबूती और एक रणनीति के साथ खेलने के लिए समय समय पर राजनीतिक अखाड़े में अपने पहलवानों को गुर सिखाने और तैयार करने के लिए राजनीतिक गुरूओं द्वारा शिविरों को आयोजन किया जाता है। इन दिनों प्रदेश में भी कुछ ऐसा ही माहौल है।
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प्रदेश में इन दिनों चिंतन शिविरों को दौर चल रहा है कोई चिंतन कर रहा है तो कोई नए नए खिलाड़ियों को राजनीति के चाले सिखाने की तैयारी कर रहा है। हाल ही में भाजपा ने रणथम्भौर में अपना दो दिवसीय चिंतन शिविर खत्म किया जिसमें उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस को घेरने और चुनावों में हर हाल में जीत हासिल करने का गोल सेट किया है। भाजपा के इस शिविर में वरिष्ठ नेताओं में बीएल संतोष, चंद्रशेखर, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, सासंद घनश्याम तिवाड़ी, दीया कुमारी, रंजीता कोहली, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, तमाम भाजपा के विधायक और वरिष्ठ नेता-कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इसी कड़ी में कांग्रेस ने भी अपने संगठन को मजबूती देने के लिए ग्रास रूट लेवल पर जिला अध्यक्ष-ब्लॉक अध्यक्ष और सचिव सहित कार्यकर्ताओं का कई जिम्मेदारियां देकर मैदान में उतारा है। अब कांग्रेस इन नए चेहरों को राजनीति के पिच पर विपक्ष की गुगलियों को खेलने का तरीका सिखा रही है। कांग्रेस पिछले दो दिनों से प्रदेश में कार्यशालाओं का आयोजन कर अपने नेताओं में नए जोश और उमंग को भरने में जुटी नजर आई।
डोटासरा ने कह दी खरी खरी
चुनावी माहौल में कार्यकर्ताओं को हर परिस्थिति में पार्टी के हित में खड़े रहने की बात कहते हुए खरी खरी सुना दी। उन्होंने कहा जो लोग पार्टी में सिफारिश से आए हैं वो अब ये सोचना बंद कर दें कि हम तो सिफारिश से आए हैं क्योंकि भर्ती तो हो गई अब परीक्षा में पेपर आपको खुद का ही सॉल्व करना है इसमें किसी की सिफारिश नहीं चलेगी। गाहे बगाहे डोटासरा ने सचिन पायलट की सिफारिश से कांग्रेस में नए पद पाने वाले पदाधिकारियों को कहा कि अब सिर्फ पार्टी हित में आप हर कहीं नजर आने चाहिए। अगर इसमें किसी को दिक्कत लगती हो तो उन्हें पार्टी तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देगी।
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गहलोत ने दी डोटासरा को दी बधाई
आपको बता दें कि शनिवार को डोटासरा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर तीन साल पूरे हो चुके हैं। अंदरखाने यह भी चर्चा है कि डोटासरा को अब आगे फिर से प्रदेश में पार्टी की कमान संभालने का इशारा हो चुका है। दरअसल पार्टी में प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति तीन साल के लिए होती है और गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर 3 साल पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मौके पर डोटासरा को तीन वर्ष पूरा होने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं।
धन्यवाद पत्र देकर कर देंगे रवाना: रंधावा
कांग्रेसियों की दो दिवसीय बैठकों में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों और नव निर्वाचित पद ग्रहण करने वाले अधिकारियों और कार्यकर्ताओं जिसमें जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष और सचिव लेवल के नेता भी शामिल हैं को दो टूक संदेश दे डाला। रंधावा ने कहा जो कांग्रेस का नहीं उसकी पार्टी में जरूरत भी नहीं। अगर पार्टी जिंदा है तो आपका वजूद है नहीं तो आपको कौन पूछेगा। इसलिए जी जान से जुट जाओ और ये संकल्प लो कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार लाएंगे। किसी भी कार्यकर्ता को कोई गलतफहमी हो या कोई सिर्फ पद हासिल करने के लिए कांग्रेस से जुड़ा है तो अगर काम नहीं दिखा तो पार्टी उसे धन्यवाद पत्र देकर तुरंत रवाना कर देगी। पार्टी को ऐसे पदाधिकारियों को कोई आवश्यकता नहीं उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं वो पार्टी छोड़कर अभी जा सकते हैं।
गहलोत ने दी नए पदाधिकारियों को सीख
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को हुई बैठक में वीसी के माध्यम से जुड़े गहलोत ने पदाधिकारियों से अपने अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि आपको धैर्य रखना होगा, क्योंकि कोई भी सीधे ही किसी पार्टी में बड़े पद पर नहीं पहुंच पाता। इसके लिए कार्यकर्ता से शुरूआत कर कड़ी मेहनत करनी होती है। गहलोत ने कहा कि मैं खुद भी कार्यकर्ता के रूप में जुड़ा था और अपनी मेहनत और पार्टी को मजबूत करता हुआ आज इस पद तक पहुंच पाया हूं। इसलिए आप लोग भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाओ ताकि सरकार फिर सत्ता में आ सके।