
गहलोत ने दी महिलाओं को 702 करोड़ की राशि…!
राजीविका जुड़ी महिलाएं प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री
सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को महिलाओं के सम्मेलन में शरीक हुए जहां गहलोत ने अपने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। पूर्व कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरूआत की गई और आज वह प्रयास इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वृहत रूप में सबके सामने है।
गहलोत ने जयपुर के जेईसीसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परिषद् (राजीविका) के आयोजन ‘सखी सम्मेलन’ को सम्बोधित किया। प्रदेश भर से राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया और बड़ी संख्या में महिलाएं वीसी के माध्यम से भी कार्यक्रम से जुड़ी।
राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन कर लगभग 43 लाख महिलाओं को इनसे जोड़ा गया है और राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है।
यह भी पढ़ें:जयपुर में 25 दिनों तक महिला से बंधक बनाकर दुष्कर्म
मुख्यमंत्री ने सौंपे चेक
मुख्यमंत्री ने बैंकों द्वारा दिये जाने वाले 381 करोड़ रुपये की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे। राजस्थान महिला निधि से 63 करोड़ रुपए और आजीविका संवर्द्धन सहायता से 160 करोड़ रुपए एवं जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता द्वारा दिए जाने वाले 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को प्रदान किये। गहलोत ने इस अवसर पर महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया।
Youtube:आम आदमी पार्टी
महिलाओं को सशक्त बना रही योजनाएं
गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 500 रुपये में गैस सिलेण्डर जैसी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है। महिलाओं के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन, रोड़वेज बस किराये में 50 प्रतिशत छूट, इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के अंतर्गत इंटरनेट युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन भी दिए जा रहे हैं।
सरकार ने आरटीई के तहत 12वीं तक छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, नई महिला नीति लागू करने, सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, मकान के खरीद-बेचान में रजिस्ट्री महिला के नाम से होने पर शुल्क में छूट देने जैसे निर्णय लिए हैं। अनिवार्य एफआईआर की नीति से महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अत्याचारों में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को को देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा ध्येय है।
मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण), एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) कार्यक्रम एवं डिजिटल सखी योजना का शुभारंभ किया। डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई ‘शाबास सखी’ प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनके द्वारा तैयार उत्पादों की जानकारी ली। कार्यक्रम में राजीविका पर आधारित शॉर्ट वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
Twitter:संवेदनशील मुख्यमंत्री
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चन्द मीणा ने कहा कि महिलाओं को समान अवसर देने और उनकी उन्नति सुनिश्चित करने की सोच के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2010 में राजीविका का शुभारम्भ हुआ था।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजीविका महिला सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। राजीविका स्वयं सहायता समूहों के द्वारा महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है, जिससे वे अपने परिवार का बेहतर पालन-पोषण कर पा रही हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण एवं पंचायतीराज श्री अभय कुमार ने कहा कि राजीविका से जुड़ी महिलाएं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने में राजीविका महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
यह भी पढ़ें:200 विधानसभा सीटों पर उतरेगी आम आदमी पार्टी
इस अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान के महानिदेशक कुंजीलाल मीणा, शासन सचिव ग्रामीण विकास मंजू राजपाल, पंचायतीराज शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन, ईजीएस आयुक्त श्रीमती शिवांगी स्वर्णकार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
#ashokgehlot, #समर्थ सखी योजना, #इंदिरा रसोई योजना, #एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) #डिजिटल सखी योजना