
कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा में भी गुटबाजी !
विधानसभा अध्यक्ष जोशी से मिलने पहुंचा भाजपा प्रतिनिधिमंडल
पूर्व सीएम वसुंधरा को सूचना तक नहीं
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफ स्वीकारने की मांग पर किया जोशी का घेराव
जयपुर। राजस्थान में सियासत के लिए जंग अभी भी जारी है। वर्तमान में गहलोत सरकार है लेकिन पायलट और गहलोत के बीच हुआ मतभेद अभी तक खत्म नहीं हो पाया है। इधर भाजपा में सत्ता को लेकर लगातार सीएम अशोक गहलोत की सरकार को गिराने की कोशिशें जारी हैं।
खुद भाजपा में भी अंदरूनी फूट और गुटबाजी भी चल रही है जिसकी एक बानगी बुधवार को तब नजर आई जब विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने की बात करने उनके आवास पर पहुंचा और उसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को नहीं बुलाया गया। जबकि सीपी जोशी के घर जाते वक्त रास्ते में ही वसुंधरा राजे का घर भी पढ़ता है। मीडिया द्वारा सवाल करने पर सतीश पूनिया ने सफाई देते हुए कहा कि सीपी जोशी के जाने का कार्यक्रम अचानक बना इसलिए उन्हें सूचना नहीं दे पाए। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने सीपी जोशी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और उनके कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने की मांग की। भाजपा के इस प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी सहित कई अन्य विधायक भी मौजूद थे।
वसुंधरा राजे को नहीं बुलाने को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने कहा नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह मेरा दायित्व था लेकिन मैं उन्हें बता नहीं पाया। इधर राजेंद्र राठौड़ ने कहा वैसे तो ये काम सचेतक का होता है इस बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कार्यक्रम पहले से तय नहीं था, अचानक बना, अगर पहले से तय होता तो सभी विधायकों को सूचना दी जाती।
बहरहाल भाजपा में गुटबाजी की बात तो पिछले पांच साल से चल ही रही है। लेकिन भाजपा के बार बार दावे कि हम एकजुट हैं और हमारे पार्टी रूपी परिवार में गुटबाजी नहीं है इसकी कलई कई बार खुल चुकी है। जिसके चलते पार्टी के वरिष्ठ नेता भाजपा से अक्सर रुष्ट नजर आते हैं। अब देखना ये होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ये गुटबाजी खत्म करके भाजपा एकजुट होकर लड़ती है या फिर चुनावों में भी भाजपा दो धड़ों में नजर आएगी।