
यूपी में नहीं टलेंगे चुनाव: EC
चुनाव कराने पर सभी राजनीतिक दलों की सहमति: EC
चुनाव आयोग की यूपी में नई पहल
दिव्यांग और असमर्थ लोगों से घर जाकर वोट करवाएगा चुनाव आयोग का दल
कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ होंगे चुनाव
विजय श्रीवास्तव
लखनऊ। गुरुवार सुबह चुनाव आयोग ने प्रेसवार्ता करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने जानकारी दी कि हमारी टीमों ने तीन दिवसीय दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया है। इस दौरान आयोग के दलों ने विभिन्न राजनीतिक दलों से बात करके ये निर्णय लिया है कि कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए यूपी में चुनाव सम्पन्न करवाए जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी हो। प्रेसवार्ता के अनुसार उत्तरप्रदेश में चुनाव होंगे तो उत्तराखंड में भी चुनाव करवाए जाएंगे।

जरूरतमंदों के घर जाकर वोटिंग करवाएगा चुनाव आयोग का दल
उत्तरप्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब चुनाव आयोग लोगों को घर से वोट करने की सुविधा देने जा रहा है। इलेक्शन कमीशन की मानें तो घर से वोट देने की सुविधा भी मिलेगी लेकिन नियम और शर्तों के साथ। जो वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांगजन पोलिंग बूथ नहीं आ सकते या फिर जो कोविड प्रभावित हैं चुनाव आयोग की टीम उनके घर जाएगी और पोलिंग कराएगी। इस दौरान पूरी तरह से पारदर्शिता रखी जाएगी। सीक्रेट बैलट से वोट लिया जाएगा। ऐसा नहीं कि ये पहली बार हो रहा है ऐसा पहले बिहार में भी हो चुका है।

सी-विजिल से आचार संहिता के उल्लघंन की शिकायत
प्रेसवार्ता में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि सी-विजिल एप के जरिए चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की जा सकती है, इतना ही नहीं शिकायत के 100 मिनट के भीतर शिकायत पर कार्रवाई होगी। सी-विजिल के जरिए तस्वीरें और अन्य शिकायतें भेजी जा सकती हैं। चुनाव के दौरान सभी सीमा चौकियों पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार 3 साल से अधिक समय से जो अधिकारी एक ही जगह पर तैनात हैं उनका ट्रांसफर किया जा रहा है। 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का तबादला हो चुका है।
आपराधियों छवि वालों को टिकट देने पर राजनीतिक दलों को देना होगा स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग अगर इलेक्शन में खड़े होंगे तो उनको अपने आपराधिक इतिहास के बारे में न सिर्फ बताना होगा बल्कि, उस राजनीतिक दल को भी बताना होगा कि उस व्यक्ति को पार्टी ने टिकट क्यों दिया? इतना ही नहीं, आपराधिक पृष्टभूमि के उम्मीदवारों के बारे में जनता को टीवी और अखबारों के माध्यम से बताना होगा।
