
हिमाचल में चुनाव की घोषणा अचानक ?
गुजरात में चुनावों का ऐलान नहीं होने से उठ रहे सवाल
CEC ने गुजरात चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं करने पर दी सफाई
ब्यूरो।
दिल्ली। हिमाचल में चुनावों की घोषणा को लेकर लोगों के मन में संशय बना हुआ है। आखिर कैसे चुनाव आयोग ने मोदी के आयोजन के आसपास की तारीखों पर की हिमाचल में चुनाव की घोषणा। राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा हो रही है कि चुनाव आयोग अगर अकेले हिमाचल प्रदेश के चुनाव की घोषणा करेगा और गुजरात की घोषणा नहीं की जाएगी तो सवाल तो उठेंगे ही। ऐसे में ऐसी प्लानिंग की गई जिससे यह लगे कि आयोग ने चौंकाने वाले घोषणा की है। इसके लिए 16 अक्टूबर को पीएम की धर्मशाला में रैली के आयोजन की घोषणा हुई। अब सोचने वाली बात ये है कि 13 अक्टूबर को पीएम ने कई सभाएं की जिसमें कई सारी घोषणाएं, ट्रेन को हरी झंडी और परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया और अगले दिन ही चुनाव आयोग ने चुनावों की घोषणा कर दी। फिर भी ये माहौल बन रहा है कि चुनाव आयोग ने पीएम के 16 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम का ध्यान नहीं रखा और इस आधार पर आयोग को तटस्थ और सभी को साथ लेकर चलने वाला माना जा रहा है।
अब राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार क्या ऐसा हकीकत में हुआ कि पीएम की रैली 16 अक्टूबर को होनी थी और अचानक चुनाव आयोग ने घोषणा कर दी चुनावों की, ऐसी किसी भी बात पर ऐतबार लोगों के गले नहीं उतर रहा है। धर्मशाला में पीएम की रैली की तैयारियों चल रही थीं और चुनाव की घोषणा के बाद मोदी की सुरक्षा में जुटे कमांडों को वहां से हटाने का मतलब सब समझते हैं। हालांकि चुनाव आयोग हिमाचल में मतदान की तारीखों में अंतर, मौसम और परंपरा के हिसाब से यहां चुनावों की घोषणा करने की बात कही है। लेकिन राजनीति में हस्तक्षेप रखने वाले समझदार लोग ये तो समझते हैं कि हिमाचल के साथ क्यों नहीं किया गया गुजरात चुनावों का ऐलान ?