एकनाथ शिंदे की बढ़ती महत्वाकांक्षा, जीवन परिचय

एकनाथ शिंदे की बढ़ती महत्वाकांक्षा, जीवन परिचय

विजय श्रीवास्तव।

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले पांच दिनों में भूचाल ला देने वाले eknath shinde को फिलहाल कथित तौर पर 50 विधायकों का समर्थन हासिल है। कहा जाता है शिवसेना को इससे पहले किसी ने भी इतनी बड़ी चुनौती नहीं दी यानि महाराष्ट्र (Maharastra) या शिवसेना (Shivsena) की राजनीति में अब तक का सबसे बड़ी बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे फिलहाल महाराष्ट्र ही नहीं देशभर की राजनीति का सबसे चर्चित चेहरा बन गए हैं। एकनाथ शिंदे एक ऑटो चालक से आखिर कैसे पहुंचे महाराष्ट्र की राजनीति में इस मुकाम पर। कहा जाता है कि समय सबका एक जैसा नहीं रहता कभी अच्छा तो कभी बुरा बदलता रहता है। यानि अगर ऐसा कहा जाए कि आज बुरा समय है तो कल अच्छा जरूर आएगा क्योंकि वक्त हमेशा चलायमान है, तो गलत नहीं होगा। ऐसा ही उठापठक वाला है एकनाथ शिंदे का राजनीतिक करियर का सफर।

 

शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय

9फरवरी 1964 में महाराष्ट्र के सतारा में जन्मे शिंदे छोटी उम्र में ही पढ़ाई के लिए ठाणे आ गए थे। ठाणे में शिंदे ने कक्षा 11वीं तक की शिक्षा ली उसके बाद पारिवारिक स्थिति के चलते ऑटो चलाने लगे। उस समय महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे (Bala Saheb Thakre) यानि शिवसेना की तूती बोलती थी। ऑटो चलाने के दौरान शिंदे की मुलाकात शिवसेना के एक नेता आनंदे दिघे से हुई बस यहीं से शिंदे के राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई। केवल 18साल की उम्र में शिंदे ऑटो चलाते चलाते शिव सैनिक के रूप में राजनीति में घुस गए। करीब 15 साल तक शिवसेना कार्यकर्ता की हैसियत से खुद को परखने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीत में भाग्य आजमाइश की जहां उन्हें ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का पद हासिल हुआ। चुनाव जीतने के बाद से उनके हौसले बुलंद थे और उन्होंने अब राजनीति की सीढ़ियां चढ़ ली थी तो अब पीछे मुड़कर उन्होंने नहीं देखा। दूसरी बार 2001 में नगर निगम चुनाव में उन्हें इससे भी बड़ा पद मिला और निगम में नेता विपक्ष बनाए गए, फिर 2002 में भी नगर निगम में शिंदे ने पार्षद का चुनाव जीता।

 

आंखों के सामने पानी में डूबे बेटा-बेटी के हादसे ने तोड़ दिया था शिंदे को

एकनाथ शिंदे ने ऑटो चालक से महाराष्ट्र में अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू किया। पार्षद रहते हुए एक बोटिंग दुर्घटना ने उनके सामने 11साल को बेटा और 7साल की बेटी पानी में डूब गए। तब उनके बड़े बेटे श्रीकांत 13वर्ष के थे। फिलहाल श्रीकांत शिवसेना से कल्याण लोकसभा सीट से (MP) सांसद हैं। हादसे के वक्त शिंदे ने राजनीति को दरकिनार कर दिया था लेकिन एकनाथ शिंदे के Political Guru Anand Dighe (आनंद दिघे) ने उन्हें सहारा दिया और उन्हें फिर से राजनीति में सक्रिय किया।

 

यहां से शुरू हुआ शिंदे का सही समय

राजनीति में ऐसा कहते हैं कि अगर किसी का वरदहस्त हो तो फिर उसे आगे बढ़ने से यहां कोई नहीं रोक सकता। ऐसा ही शिंदे के साथ हुआ, आनंदे दिघे जो कि शिंदे के राजनीतिक गुरू थे उनके निधन के बाद यकायक ही एकनाथ शिंदे का कद लगातार बढ़ने लगा। 2001 में आनंद दिघे के निधन के बाद वो राजनीति में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगे।  2005 में नारायण राणे (Narayan Rane) की पार्टी छोड़ने के बाद शिवसेना में उनकी पूछ होने लगी वहीं राज ठाकरे के पार्टी से अलग होते ही शिंदे को बाला साहेब ठाकरे के और करीब आने का मौका मिला।

 

राजनीतिक करियर में किस्मत रही उनके साथ

शिवसेना ने शिंदे पर विश्वास जताते हुए 2004 में ठाणे विधानसभा सीट से उन्हें विधायक का टिकट दिया और शिंदे इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को शानदार अंतर करीब 37हजार मतों से हराकर विजयी हुए। इसके बाद एकनाथ 2009, 2014, 2019में ठाणे जिले से विधायक (MLA) का चुनाव जीते और विधानसभा में अपनी सीट पक्की की। गौरतलब है कि देवेंद्र फड़नवीस की सरकार में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री पद पर भी रहे।

 

समय समय पर उठती रही शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

2022 में उनके जन्मदिन (Birthday) के मौके पर एकनाथ शिंदे को उनके समर्थकों ने (Chif Minister) मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी। ये बात भी जगजाहिर है कि इससे पहले 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद शिंदे सीएम पद की रेस में पहली पंक्ति में थे। विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने भी शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा था और उन्हें विधायक दल का नेता भी चुना गया था। यहां तक कि शिंदे के भविष्य के मुख्यमंत्री होने के पोस्टर भी लगाए गए थे। जानकारी के अनुसार उस समय कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने की बात आई और शिंदे बैकफुट पर आ गए। यह भी कहा जा रहा है कि शिंदे शरद पवार से नाराज हैं और (Congress-NCP) कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से भी शिंदे खुश नहीं हैं।

 

18आपराधिक मुकदमें और करोड़ों के मालिक हैं एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे ने 2019 में विधानसभा चुनाव (Election) में जो हलफनामा चुनाव आयोग के सामने पेश किया था उसमें उन्होंने स्वीकारा था कि उन पर 18आपराधिक मामले चल रहे हैं। इसमें शिंदे ने यह भी माना था कि उनके पास कुल 11करोड़ 56लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनके पास 6कारें और कुछ अन्य गाड़ियां भी हैं। शिंदे ने बताया था कि वो खुद और उनकी पत्नी कॉन्ट्रेक्टर और बिजनेसमैन भी हैं।  

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