
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा 12श्रद्धालुओं की मौत
बादल फटने से 40 लोग हुए लापता
एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें जुटी रेस्क्यू में
जम्मू। कश्मीर में बाबा बर्फानी यानि अमरनाथ गुफा के पास आज शाम करीब 5बजे बादल फट गया। अमरनाथ में हुए कुदरत के इस प्रहार में अमरनाथ दर्शन करने आए 12श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हादसे में 40 श्रद्धालुओं सहित अन्य लोग लापता हो गए हैं। हादसे के बाद मौके पर पहुंची एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हालांकि अभी तक यह कन्फर्म नहीं हो पाया है कि कितने लोग इस प्राकृतिक आपदा में लापता हुए हैं।
हादसे के वक्त 10 हजार श्रद्धालु थे यात्रा मार्ग पर
बादल फटने के बाद पानी का सैलाब इतना तेज था कि लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाया और पानी गुफा के पास लगे टैंटों के बीच से तेजी से बहने लगा। जानकारों की मानें तो बालटाल के रास्ते में भी लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए रेस्क्यू टीमें तेजी से बचाव कार्य में लगी हैं। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबर के अनुसार शीघ्र ही लोगों की मदद के लिए हैल्प लाइन जारी किया जाएगा। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जिस समय ये प्राकृतिक आपदा आई उस समय करीब 10हजार लोग दर्शनार्थ रास्ते में थे तभी अचानक ये हादसा हो गया।
रेस्क्यू में जुटी टीम के रास्ते में हैं बड़ी चुनौतियां
राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमों के लिए अमरनाथ की भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई बाधा बन सकती है। एनडीआरएफ के अधिकारियों के अनुसार मौसम भी जवानों के लिए बड़ी चुनौती होगी लेकिन हमारे जवान इस तरह की आपदाओं के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं इसलिए उन्हें समस्याओं का कम सामना करना पड़ेगा। हालांकि अमरनाथ गुफा के आसपास कई मेडिकल टीमें तैनात हैं जो घायल श्रद्धालुओं का इलाज करेंगी।
आईटीबीपी के अफसरों ने बताया कि यहां मौजूद लोगों को वहां से जाने के लिए और तेज बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी गई थी। इसके साथ साथ यात्रा को कुछ समय के लिए रोक भी दिया गया था। बादल फटने की घटना लोअर होली केव में हुई।
प्रधाानमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के कई राजनीतिज्ञों ने इस घटना पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से व्यस्थित हूं, शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। राज्यपाल मनोज सिन्हा जी से हालात के बारे में जानकारी ली। बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है ताकि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जा सके।