
#चंद्रयान-2 सफल रहा !
चंद्रयान-2 सफल रहा !
इसरो और जनता को प्रधानमंत्री दें इसकी जानकारी
खोया हुआ भारतीय लूनर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान मिला
बीकानेर के जगमोहन सक्सेना ने ढूंढ निकाला लैंडर विक्रम और रोवर को
ब्यूरो रिपोर्ट
जयपुर। राजस्थान के बीकानेर जिले में रहने वाले जगमोहन सक्सेना ने दावा किया है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में रोवर प्रज्ञान के साथ सफलतापूर्वक लूनर लैंडर विक्रम उतरने में सफल रहा है। तथा इसने चंद्र सतह पर चहल-कदमी भी की है। जिसका उन्होंने पता लगा लिया है।
दरअसल 7 सितंबर, 2019 को लैंडिंग के अंतिम चरण के दौरान लैंडर के साथ इसरो मिशन कंट्रोल और चंद्रयान 2 मिशन के चंद्र ऑर्बिटर के असफल संचार के बाद वैज्ञानिकों का अनुमान था कि अनियंत्रित हार्ड लैंडिंग के प्रभाव के कारण लैंडर पूरी तरह से नष्ट हो गया । यह धारणा दृढ़ विश्वास में बदल गई थी जब नासा ने अनुसूचित लैंडिंग स्थल से कई किलोमीटर दूर एक क्षेत्र में बिखरे लैंडर के मलबे के छोटे टुकड़ों को दिखाते हुए चंद्र सतह की तस्वीर पोस्ट की थी। हालांकि ISRO चीफ के सिवन ने हादसे के अगले ही दिन जल्दबाजी में मीडिया को बयान दिया था कि ऑर्बिटर पर लगे कैमरे से लैंडर की एक थर्मल छवि ली जिससे से पता चला है कि लैंडर सही सलामत था व टेढ़ा हो गया है। इसरो लैण्डर की छवि प्रस्तुत करने में विफल रहा। इस घटना के एक साल बाद भी, इसरो ने लैण्डर या रोवर की कोई छवि जारी नहीं की । बल्कि इसरो के हवाले से विक्रम के हार्ड लैंडिंग व क्रैश होने की अवधारणा को ही बल मिला। दिलचस्प बात यह है कि नासा की कहानी इसरो प्रमुख के दावे का खंडन करती है और अस्पष्टता आज भी जारी है, जबकि कई सवाल अनुत्तरित हैं।
नासा और इसरो द्वारा प्रचारित कहानी के संस्करणों में अस्पष्टता को देखते हुए, अंतरिक्ष उत्साही श्री जग मोहन सक्सेना ने सच्चाई का पता लगाने के लिए अपनी जांच शुरू की। उन्होंने नासा की वेबसाइट पर नासा लूनर रीकानिसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) द्वारा ली गई हजारों किलोमीटर लंबी चंद्र सतह की सतह को खंगालना शुरू किया। कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, वह अंततः लैण्डर ढूँढने में सफल हुए । उन्होंने इसरो और नासा के वैज्ञानिकों को तस्वीर को ट्वीट करके उनकी खोज को सत्यापित करने और सत्यापित करने का अनुरोध किया। हालांकि, इसरो ने कोई जवाब नहीं दिया और नासा के वैज्ञानिक ने भी इसे सत्यापित करने में असमर्थता जताई। और इसरो प्रमुख द्वारा जारी सूचना में कहा गया कि विक्रम लैण्डर में ही रोवर प्रज्ञान बंद पड़ा है।
लैण्डर की छवि से यह स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा था कि विक्रम लैण्डर का दरवाजा पूर्व निर्धारित प्रोग्राम के अनुसार खुला हुआ था व उसमें से रोवर ने निकल कर चंद्रमा की सतह पर चहल-कदमी भी की है ।विक्रम लैण्डर ने लैटिट्यूड -69.585° व लांगीट्यूड 23.78° रोवर प्रज्ञान लैटिट्यूड -69.84636° लांगीट्यूड 23.36540° लांगीट्यूड नियर साइड पर चंद्रमा की सतह पर उतरा है। इसकी पुष्टि नासा द्वारा उपलब्ध कराए गये इमेजरी से की गई है।
ये निष्कर्ष स्पष्ट रूप से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में रोवर प्रज्ञान के साथ सफलतापूर्वक लूनर लैंडर विक्रम उतरने में सफल रहा है। तथा इसने चंद्र सतह पर चहल-कदमी भी की है । इसरो के वैज्ञानिकों की बड़ी सफलता का दस्तावेज है, जहां कोई भी राष्ट्र पहले नहीं पहुंचा है। चंद्रयान 2 मिशन को इस दृष्टिकोण से सफल माना जा सकता है। प्रधानमंत्रीजी अब देशवासियों को मिशन की सफलता पूर्वक पूर्ण होने की सूचना दे सकते हैं। और प्रत्येक देशवासी इसरो की सफलता पर गर्व कर सकता है।