भाजपा का फॉर्मूला ऐसा की उम्मीदवार की जीत तय…!

भाजपा का फॉर्मूला ऐसा की उम्मीदवार की जीत तय…!

70 साल से अधिक और 2 बार हारे प्रत्याशियों पर लटक रही तलवार

कांग्रेस से पहले भाजपा घोषित करेगी उम्मीदवार

जयपुर।  विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश में सभी बड़े राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के चयन का सिलसिला शुरू कर दिया है। हालांकि प्रदेश के दो बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस सबसे पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा में पीछे रह गए और बसपा ने राजस्थान में अपने पांच उम्मीदवारों के नाम का सबसे पहले ऐलान कर दिया है। फिर भी कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। 

आगामी चुनाव के लिए भाजपा ने रणनीति का ऐलान कर, जीत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजस्थान में कांग्रेस से पहले टिकट देने का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। हालांकि कांग्रेस भी पहले ही बता चुकी है कि वो किसे टिकट देगी फिर भी भाजपा की दिल्ली में होने वाली 27 अगस्त की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। 

27 को भाजपा की दिल्ली में अहम बैठक

दिल्ली में भाजपा चुनाव समिति की बैठक होगी जिसमें पीएम मोदी अमित शाह, जेपी नड्डा सहित राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी, वसुंधरा राजे, सीपी जोशी सहित कई बड़े नेता भी दिल्ली में मौजूद रहेंगे। इस बैठक में राजस्थान पर भाजपा के पदािधकारियों का अधिक फोकस रहेगा और भाजपा राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से करीब आधी यानि 100 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है।

गौरतलब है कि कर्नाटक वाला जीत का फॉर्मूला भाजपा राजस्थान में भी इस्तेमाल कर सकती है। जानकारों की मानें तो भाजपा करीब तीन चरणों में अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करेगी। 

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गहलोत की सरदारपुरा-पायलट की टोंक विधानसभा सीट पर पहले उम्मीदवारों का ऐलान

भाजपा ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह भाजपा राजस्थान में भी पूरे जोश ओ खरोश के साथ उम्मीदवारों की सूची तय करने में जुटी है। भाजपा के लिए फिलहाल कुछ ऐसी सीटें हैं जो काफी अहमियत रखती हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विधानसभा सीट सरदारपुरा और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की विधानसभा सीट टोंक भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है।

मानक तय : 70 वर्ष से अधिक आयु और 2 बार हारे प्रत्याशियों पर संकट

वर्तमान में पार्टी में 10-12 मौजूदा विधायक ऐसे हैं जो  70 वर्ष का आंकड़ा पार कर चुके हैं तथा उनके अलावा भी कई पदाधिकारी ऐसे हैं जिनकी आयु भी 70 से ज्यादा है। इन सभी ने टिकट की मांग की है, परंतु कांग्रेस की तुलना में भाजपा आयु के संबंध में ज्यादा सख्ती बरतने वाली है।

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जानकार सूत्रों के अनुसार दिल्ली में हो रही मीटिंग से पहले एक बैठक और हो सकती है, जिसमें प्रदेश के शीर्ष नेताओं से केन्द्रीय नेतृत्व बात कर सकता है।  100 सीटों पर भाजपा पहले प्रत्याशी घोषित करेगी, इनमें से बहुत सी सीटों पर जिलाध्यक्षों के माध्यम से प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने फीडबैक लिया।  इन सीटों में वे विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं जिनमें पार्टी लगातार हार रही है और वो भी शामिल हैं जिनमें पार्टी लगातार जीत रही है। भाजपा के अनुसार इस बार दो बार हारने वाले और ज्यादा उम्र के नेताओं के लिए टिकट पाना सबसे मुश्किल साबित होगा।

 

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वो विधानसभा क्षेत्र जहां है चुनौती 

भाजपा जिन सीटों पर पहले टिकट घोषित करने पर विचार कर रही है, उनमें वे 19 सीटें भी शामिल हैं।
• सरदारपुरा, बागीदौरा, लक्ष्मणगढ़, वल्लभनगर, नवलगढ़, झुंझुनूं, फतेहपुर, दांतारामगढ़, कोटपूतली, बस्सी, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, बाड़ी, टोडाभीम, सपोटरा, सिकराय, लालसोट, बाड़मेर, सांचौर और खेतड़ी वे सीटें हैं, जहां पार्टी लगातार तीन बार से चुनाव हार रही है। इन पर भाजपा को कहीं पर कांग्रेसी तो कहीं पर बसपा या किसी निर्दलीय उम्मीदवार से हार मिली है।

वो विधानसभा सीटें जिन पर भाजपा मजबूत 

टिकट घोषित होने वाली करीब 60-70 सीटें वो हैं जिन पर पार्टी या तो लगातार दो, तीन, चार बार से जीत रही है या फिर किसी न किसी कारण से अच्छी स्थिति में है। यहां पहले टिकट घोषित करने की वजह यह है कि यहां प्रत्याशी लगभग तय हैं और टिकट को लेकर किसी तरह का कोई बड़ा विवाद भी नहीं है।

और इन सीटों पर भाजपा की मजबूती का दावा

इसके अतिरिक्त 20 सीटें वह  भी हैं जहां  भाजपा अपने उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पूरा वक्त देना चाहती है। इसी वजह से इन सीटों पर पहले टिकट घोषित करने की तैयारी है।

दूदू, टोंक, हवामहल, आदर्शनगर, मकराना, कामां, डीग-कुम्हेर, बानसूर, हिंडोली, मांडल, बायतू, मसूदा, बगरू, विराट नगर, नाथद्वारा, शाहपुरा (भीलवाड़ा), डीडवाणा, भरतपुर, सुजानगढ़, सरदारशहर, कोलायत व बालोतरा ऐसी सीटें हैं जहां भाजपा बहुत सोच-विचार कर रही है। इसका कारण है यहां से कांग्रेस सरकार के मजबूत नेता मंत्री-विधायक (जैसे नाथद्वारा से सी. पी. जोशी, मांडल से राजस्व मंत्री रामलाल जाट, टोंक से सचिन पायलट, डीग से पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह आदि) के रूप में मौजूद हैं। इसके अलावा नए जिले बनाए जाने से जनता की सहानभूति कांग्रेस के पक्ष में हो सकती है। हवामहल, आदर्शनगर, मकराना, कामां, मसूदा, टोंक आदि में अल्पसंख्यक मतदाताओं की बहुलता होने से

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धार्मिक यात्राओं से परिवर्तन की उम्मीद में भाजपा

भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सितंबर के प्रथम पखवाड़े में चार अलग-अलग धार्मिक स्थानों से परिवर्तन यात्राएं निकालेगी जिसका समापन जयपुर में होगा। जयपुर में इन यात्राओं के समापन कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल होंगे। शेष सीटों पर इन यात्राओं के बाद ही रणनीति तय की जाएगी। इन यात्राओं की शुरुआत 2 सितंबर को सवाई माधोपुर में होगी। यात्रा को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्‌डा हरी झंडी दिखाएंगे।

कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश के सभी सांसदों से एक साथ मीटिंग भी की तत्पश्चात प्रदेश के कुछ सांसदों राजेन्द्र गहलोत, रामचरण बोहरा, सुखबीर सिंह जौनापुरिया, सुमेधानंद सरस्वती आदि के साथ भी मीटिंग की और जल्द ही सभी सांसदों से बातचीत का चरण पूरा करेंगे। सूत्रों के अनुसार 27 अगस्त को होने चुनाव समिति की बैठक में पीएम मोदी सहित सभी 15 सदस्य उपस्थित होंगे।

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