
ज्ञानवापी में शिवलिंग को लेकर एक और बड़ा खुलासा
क्या आप जानते हैं शिवलिंग किस धातु या पत्थर का बना ?
क्या आप जानते हैं मानव निर्मित प्रभावी शिवलिंग किस पत्थर का होना चाहिए ?
नंदी और शिवलिंग के बीच दीवार हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज
ब्यूरो रिपोर्ट,
@वाराणसी। ज्ञानवापी मजिस्द(Gyanvapi Masjid Row) में वजुखाने में शिवलिंग होने के दावे के साथ सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई जारी है। कमेटी ने हाल ही में ज्ञानवापी में वजुखाने शिवलिंग के होने का हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। अब इस आकृति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं उनमें से एक यह महत्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या वही शिवलिंग है जो पन्ना निर्मित है।
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ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी, फोटो साभार सोशल मीडिया
क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकारों की मानें तो यह बेशकीमती पन्ना पत्थर से बना शिवलिंग है जो सबसे ज्यादा फलदायी और बेशकीमती है। जानकार सूत्रों के अनुसार इस शिवलिंग के बारे में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) एक सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोद जायसवाल की मानें तो शैव आगम ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। ग्रंथों में कहा गया है कि कोई भी महान परमेश्वर शिव की पूजा मिट्टी, रेत, गाय के गोबर, लकड़ी, पीतल या फिर पत्थर से बने शिवलिंग द्वारा कर सकता है।
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पन्ना निर्मित शिवलिंग के दिव्य लाभ
आपको बता दें कि शिवलिंग का शुद्धतम रूम स्फटिक होता है। स्फटिक पत्थर प्राकृतिक होता है मनुष्य द्वारा नहीं तराशा जाता। वहीं जब मनुष्य द्वारा बनाए गए शिवलिंग की बात होती है तो पन्ना पत्थर का शिवलिंग जो हरे रंग के कीमती रत्न का बनाया जाता है जो सबसे गुणकारी, फलदायी और चमत्कारी माना जाता है। @Varanasi में ज्ञानवापी में हुए सर्वे में मिला शिवलिंग भी पन्ना निर्मित होने की जानकारी मिल रही है।
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ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग वाराणसी, फोटो साभार सोशल मीडिया
ज्ञानवापी में शिवलिंग की स्थापना हमारे परिजनों ने कराई
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे जो तहखाना बताया जा रहा है वह हकीकत में मंदिर का मंडपम है। यहां जो पन्ने का शिवलिंग स्थापित कराया गया था वो उनके परिवार के नारायण भट्ट ने ही स्थापित करवाया था। 90 के दशक में जब इस मंदिर में तत्कालीन डीएम सौरभ चंद्र श्रीवास्तव ने ताला लगाया था उस समय मंडपम की फोटोग्राफी भी हुई थी और वे खुद इस घटना के गवाह हैं। तब नंदी के ठीक सामने पन्ना निर्मित शिविलंग स्थापित था।
गौरतलब है कि आज वाराणसी कोर्ट में इस प्रकरण में एक अहम सुनवाई होनी है। अदालत में आज नंदी और शिवलिंग के बीच से दीवार हटाए जाने को लेकर फैसला होना है।
