
आईआरएस की गाड़ी से मिले 16.32 लाख रुपए
एसीबी को तलाशी में मिले लाखों रुपए, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आईआरएस को लिया हिरासत में
कोटा। एसीबी कोटा की टीम ने अफीम महाप्रबंधक, गाज़ीपुर शशांक यादव ( आईआरएस) की गाड़ी से 16 लाख 32 हजार रुपए बरामद किए हैं। आईआरएस शशांक के पास नीमच फैक्ट्री का अतिरिक्त चार्ज है। एसीबी की टीम ने शनिवार को हैगिंग ब्रिज टोल नाके के पास चैकिंग की। इतनी बड़ी राशि को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर एसीबी ने यादव को हिरासत में ले लिया। आईआरएस यादव ने यह राशि अफीम किसानों से पट्टे जारी करने और अफीम की क्वालिटी अच्छी बताने के एवज में रिश्वत के रूप में वसूली थी।
एसीबी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि शशांक यादव नीमच आया है। अवैध रूप से वसूल किए गए लगभग 15 लाख लेकर पुलिस का लोगो लगी हुई स्कॉर्पियो गाड़ी से चित्तौड़गढ़- कोटा होता हुआ गाजीपुर जाएगा। इसके बाद एसीबीकी टीम ने कोटा-उदयपुर हाइवे पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाके पर आकस्मिक चेकिंग की। पुलिस का लोगो लगी हुई स्कॉर्पियो गाड़ी में आईआरएस शशांक यादव आया। तलाशी में उसके पास से एक मिठाई के डिब्बे से 15 लाख रुपए, लैपटॉप का बैग और पर्स से 1 लाख 32 हजार 410 रुपए बरामद हुए।
उन्होंने बताया कि आईआरएस शशांक यादव के खिलाफ शिकायत मिली थी। शिकायत में कहा गया था कि अफीम फैक्ट्री नीमच में लाइसेंसी काश्तकारों की अफीम जमा की जाती है। यहां अफीम सैंपल की जांच का काम चल रहा है। अफीम में गाढ़ता और मारफीन प्रतिशत के हिसाब से ही नारकोटिक्स विभाग काश्तकारों को पट्टे जारी करता है।
अफीम लैब के अजीत सिंह और कोडिंग टीम के दीपक कुमार यादव ने दलालों के जरिए 6 हजार से ज्यादा किसानों से 10/12 आरी के पट्टे दिलवाने के नाम पर 30 से 36 करोड़ रुपए एडवांस वसूल कर लिए हैं। अभी भी 40 हजार से अधिक किसानों की अफीम की जांच होनी बाकी है।
आईआरएस शशांक यादव के द्वारा अफीम फैक्ट्री नीमच से प्रदेश के लाइसेंसी काश्तकारों की अफीम जमा की जाती है। वर्तमान में फैक्ट्री को अफीम देने वाले मध्य प्रदेश और राजस्थान के काश्तकारों के सैंपल की जांच हो रही है। सेंटरों पर जांच के बाद प्रतिशत के हिसाब से काश्तकारों को भुगतान किया जाता है। आईआरएस यादव के पास नीमच अफीम फैक्ट्री का अतिरिक्त चार्ज है।
शिकायत में आरोप लगा था कि शशांक और नीमच में कार्यरत अन्य कर्मचारी अजीत सिंह, दीपक यादव और दलालों के माध्यम से 60 से 80 हजार रुपए प्रति किसान वसूले जा रहे हैं। रकम के एवज में अफीम की बढ़िया गाढ़ता औरमारफीन प्रतिशत ज्यादा बताकर 10 आरी, 12 आरी का पट्टा दिलवाया जाता है। चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, कोटा, झालावाड़ के किसानों के साथ ऐसा किया जा रहा है। रकम नहीं देने पर अफीम को घटिया करार दिया जाता है।